भारत की जीडीपी में कृषि की हिस्सेदारी घटकर 15 फीसदी रह गई, इंडस्ट्री और सर्विस सेक्टर में तेजी बनी वजह 

भारत की जीडीपी में कृषि की हिस्सेदारी घटकर 15 फीसदी रह गई, इंडस्ट्री और सर्विस सेक्टर में तेजी बनी वजह 

देश की जीडीपी दर में कृषि सेक्टर की हिस्सेदारी में गिरावट दर्ज की गई है. वित्तवर्ष 2022-23 में कृषि का योगदान घटकर 15 फीसदी रह गया है, जो साल 1990-91 में 35 फीसदी था. हालांकि, सालाना आधार पर एग्रीकल्चर ग्रोथ औसत 4 प्रतिशत दर्ज की गई है. 

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रिजवान नूर खान
  • New Delhi,
  • Dec 20, 2023,
  • Updated Dec 20, 2023, 3:48 PM IST

देश की सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी दर में कृषि सेक्टर की हिस्सेदारी में गिरावट दर्ज की गई है. सरकार ने आंकड़े जारी करते हुए बताया है कि वित्तवर्ष 2022-23 में कृषि का योगदान घटकर 15 फीसदी रह गया है. केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि यह गिरावट इंडस्ट्रियल और सर्विस सेक्टर के ग्रॉस वैल्यू एडेड (GVA) में विस्तार के कारण हुआ है. उन्होंने कहा कि एग्रीकल्चर एंड एलाइड सेक्टर ने पिछले 5 वर्षों के दौरान 4 प्रतिशत की औसत सालाना वृद्धि दर्ज की है. 

केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने लोकसभा में बताया कि अर्थव्यवस्था के ग्रॉस वैल्यू एडेड (GVA) में कृषि की हिस्सेदारी 1990-91 में 35% से घटकर 2022-23 में 15% हो गई है. यह गिरावट कृषि ग्रॉस वैल्यू एडेड में कमी से नहीं, बल्कि इंडस्ट्रियल सेक्टर और सर्विस सेक्टर के जीवीए में तेजी से विस्तार के कारण आई है. 

कृषि मंत्री ने कहा कि ग्रोथ के मामले में एग्रीकल्चर एंड एलाइड सेक्टर ने पिछले पांच वर्षों के दौरान 4 प्रतिशत की औसत वार्षिक वृद्धि दर्ज की है. वैश्विक स्तर पर देखें तो दुनिया की जीडीपी में कृषि की हिस्सेदारी में भी पिछले दशकों में गिरावट आई है और हाल के वर्षों में यह लगभग 4 प्रतिशत पर है. 

मंत्री ने कहा कि सरकार ने एग्रीकल्चर प्रोडक्टिविटी बढ़ाने, रिसोर्स इस्तेमाल दक्षता बढ़ाने, टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देने, बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और किसानों को लाभकारी मूल्य पक्का करने की दिशा में कई विकासपरक कार्यक्रमों, योजनाओं, सुधारों और नीतियों को अपनाया और लागू किया गया है. 

उन्होंने कहा कि पीएम किसान योजना 2019 में शुरू की गई थी. यह एक आय सहायता योजना है जो 3 समान किस्तों में प्रति वर्ष किसानों को 6,000 रुपये देती है. कृषि मंत्री ने कहा कि 30 नवंबर 2023 तक 11 करोड़ से अधिक किसानों को 2.81 लाख करोड़ रुपये से अधिक जारी किए जा चुके हैं.

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