बुढ़ापे में जीवनयापन करने के लिए किसानों को सालाना 36 हजार रुपये देने के लिए केंद्र सरकार पीएम किसान मानधन योजना (PM-KMY) चला रही है. केंद्रीय कृषि मंत्री ने संसद में बताया है कि योजना से जुड़ने वाले किसानों की संख्या 23.38 लाख के पार हो गई है. इन किसानों को 60 साल की उम्र पार होने पर प्रतिमाह 3000 रुपये की राशि सरकार पेंशन के लिए बैंक खाते में डालेगी.
प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना सबसे कमजोर किसान परिवारों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए 12 सितंबर 2019 को शुरू की गई केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी योजना है. पीएम किसान मानधन एक अंशदायी योजना है, छोटे और सीमांत किसान पेंशन फंड में मासिक सदस्यता का भुगतान करके योजना का सदस्य बनने का विकल्प चुन सकते हैं. मतलब योजना का लाभ लेने के लिए किसान को मासिक किस्त जमा करनी होगी, उतनी ही रकम सरकार भी पेंशन खाते में जमा करेगी, जो 60 साल की उम्र पूरी होने पर प्रतिमाह 3,000 रुपये के रूप में मिलेगी.
किसान मानधन योजना का लाभ लेने के लिए 18 से 40 वर्ष की आयु के बीच किसान जुड़ सकते हैं. आवेदकों को 55 रुपये से 200 रुपये तक प्रतिमाह पेंशन खाते में जमा करना होगा, यह किस्त रकम 60 वर्ष की आयु तक पहुंचने तक जमा करनी होगी. उसके बाद बुढ़ापे के दौरान किसानों की देखभाल के लिए प्रतिमाह 3,000 रुपये मिलेंगे. हालांकि, किसान किस्त जमा करने का विकल्प बीच में छोड़ भी सकते हैं. एलआईसी किसानों की मासिक किस्तों को प्रबंधित करता है. योजना के लिए लाभार्थियों का रजिस्ट्रेशन सीएससी केंद्रों और राज्य सरकारों की ओर से किया जाता है.
कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने लोकसभा में जवाब देते हुए बताया कि किसान पेंशन योजना पीएम किसान मानधन के तहत अब तक 23.38 लाख किसानों का नामांकन हो चुका है. किसान मानधन योजना छोटे और सीमांत किसानों की वृद्धावस्था सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा के लिए संचालित की जा रही है. उन्होंने कहा कि देश भर में कुल 23,38,720 किसानों को योजना से जोड़ा जा चुका है.
कृषि मंत्री ने कहा कि योजना की शुरुआत के बाद से कर्नाटक में सर्वाधिक 41,683 किसानों को योजना के तहत नामांकित किया गया है. योजना के तहत जितनी रकम का योगदान किसान करता है उतनी ही रकम सरकार भी पेंशन खाते में जमा करती है. उन्होंने कहा कि इस साल 31 जनवरी 2024 तक योजना के तहत कर्नाटक के किसानों से 10,78,51,700 रुपये की राशि एकत्र की गई है और केंद्र सरकार ने भी उतना ही योगदान दिया है.
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