मेघालय की लाकाडोंग हल्दी में ऐसा क्या है जो GI टैग मिला, अब तेजी से बढ़ेगी किसानों की कमाई

मेघालय की लाकाडोंग हल्दी में ऐसा क्या है जो GI टैग मिला, अब तेजी से बढ़ेगी किसानों की कमाई

लाकाडोंग हल्दी को दुनिया की सबसे अच्छी हल्दी किस्मों में से एक माना जाता है, जिसमें करक्यूमिन की मात्रा लगभग 6.8 से 7.5 प्रतिशत होती है. इसका रंग गहरा होता है और इसे उर्वरकों के उपयोग के बिना जैविक रूप से उगाया जाता है. लाकाडोंग क्षेत्र के 43 गांवों के लगभग 14,000 किसान वर्तमान में 1,753 हेक्टेयर भूमि पर हल्दी की खेती में लगे हुए हैं.

The efficacy of turmeric was compared to conventional medicines like omeprazole, a remedy used to reduce excess stomach acid. (Photo: Getty)The efficacy of turmeric was compared to conventional medicines like omeprazole, a remedy used to reduce excess stomach acid. (Photo: Getty)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Dec 05, 2023,
  • Updated Dec 05, 2023, 4:30 PM IST

मेघालय की लाकाडोंग हल्दी को जियोग्राफिकल इंडिकेशन (GI) टैग से सम्मानित किया गया है, राज्य के कृषि मंत्री अम्पारीन लिंगदोह ने इसकी जानकारी दी. लिंगदोह ने कहा, लाकाडोंग हल्दी के साथ-साथ गारो डाकमांडा (पारंपरिक पोशाक), लारनाई मिट्टी के बर्तन और गारो चुबिची (मादक पेय) को भी जीआई टैग से सम्मानित किया गया. लिंगदोह ने कहा कि लाकाडोंग हल्दी, जो जैंतिया हिल्स के लाकाडोंग क्षेत्र में पाई जाती है, में उच्च करक्यूमिन सामग्री होती है और जीआई टैग किसानों को मार्केटिंग में मदद करेगा. जीआई टैग मिलने से ग्राहकों को अच्छा प्रोडक्ट मिलेगा.

कृषि मंत्री ने पीटीआई-भाषा से कहा, 'हमें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि लाकाडोंग हल्दी को जीआई टैग दिया गया है.' उन्होंने जीआई टैग पाने की पहल करने वाले लोगों को धन्यवाद दिया. 

लाकाडोंग हल्दी की खासियत

लाकाडोंग हल्दी को दुनिया की सबसे अच्छी हल्दी किस्मों में से एक माना जाता है, जिसमें करक्यूमिन की मात्रा लगभग 6.8 से 7.5 प्रतिशत होती है. इसका रंग गहरा होता है और इसे उर्वरकों के उपयोग के बिना जैविक रूप से उगाया जाता है. लाकाडोंग क्षेत्र के 43 गांवों के लगभग 14,000 किसान वर्तमान में 1,753 हेक्टेयर भूमि पर हल्दी की खेती में लगे हुए हैं.

ये भी पढ़ें: हल्दी को मिला 17 हजार रुपये क्विंटल का भाव, इस साल अच्छा दाम मिलने की उम्मीद

कृषि मंत्री लिंगदोह ने कहा कि जीआई टैग किसानों को एक बिक्री का बेहतर मौका देगा और उन्हें अच्छा बाजार मूल्य मिलेगा. लाकाडोंग के किसान ट्रिनिटी साइओ, जिन्हें राज्य में अधिक किसानों को हल्दी की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए 2021 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था, ने मसाले को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री कॉनराड के संगमा के प्रति खुशी जताई और धन्यवाद दिया.

उन्होंने कहा, "मुझे बहुत खुशी है कि लाकाडोंग हल्दी को जीआई टैग मिला है. यह जैंतिया हिल्स के लोगों के लिए एक आशीर्वाद है." उन्होंने कहा कि इससे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में लाकाडोंग के किसानों की पहचान बढ़ेगी और रोजगार के अधिक अवसर पैदा होंगे.

ये भी पढ़ें: क्या आपके सेला चावल में मिलावट है, रंग बढ़ाने के लिए हल्दी का हुआ इस्तेमाल? ऐसे करें चेक

डाकमांडा एक हाथ से बुना हुआ टखने तक का निचला परिधान है जो मेघालय की गारो महिलाओं की पारंपरिक पोशाक का हिस्सा है. चुबिची गारो समुदाय का चावल से बनने वाली ड्रिंक है जिसका सेवन दावतों और समारोहों के दौरान किया जाता है. लारनाई मिट्टी के बर्तन लारनाई गांव की काली मिट्टी से बने होते हैं और यह कला पीढ़ियों से चली आ रही है.

 

MORE NEWS

Read more!