हरियाणा के मुख्य सचिव डॉ. विवेक जोशी ने मंगलवार को रबी मार्केटिंग सीजन 2025-26 के लिए तिलहन और दलहन की खरीद को लेकर की गई तैयारियों की समीक्षा की. प्रदेश में मसूर की खरीद 20 मार्च से, सरसों की खरीद 28 मार्च से, चने की खरीद 1 अप्रैल से, समर मूंग की खरीद 15 मई से और सूरजमुखी की खरीद 1 जून से शुरू होगी. डॉ. जोशी ने अधिकारियों को खरीद की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने, खरीद केंद्रों को चिन्हित करने, भंडारण और बारदाने की समुचित व्यवस्था करने और समय पर खरीद शुरू करने के निर्देश दिए.
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2025-26 के लिए सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 5950 रुपये, चने का 5650 रुपये, सूरजमुखी का 7280 रुपये, समर मूंग का 8682 रुपये और मसूर का एमएसपी 6700 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है.
बैठक में मुख्य सचिव को अवगत कराया गया कि राज्य में वर्ष 2024-25 के दौरान सरसों की खेती लगभग 21.08 लाख एकड़ भूमि में की गई है, जबकि चना, सूरजमुखी और मसूर की खेती क्रमशः 0.61 लाख एकड़, 0.63 लाख एकड़ और 98 एकड़ भूमि में की गई है. इस वर्ष 740 किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से सरसों की 15.59 लाख मीट्रिक टन उत्पादन की संभावना है.
इसी प्रकार, 494 किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से चने की 0.30 लाख मीट्रिक टन और 800 किलोग्राम प्रति एकड़ के अनुसार सूरजमुखी का 0.50 लाख मीट्रिक टन उत्पादन होने की संभावना है. इसी तरह, 700 किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से मूंग का 68 मीट्रिक टन उत्पादन होने की संभावना है. समर मूंग की खेती औसतन 1 लाख एकड़ भूमि पर की गई है और 480 किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से इस वर्ष समर मूंग का 0.48 लाख मीट्रिक टन उत्पादन होने की संभावना है.
हरियाणा सरकार ने आढ़तियों को बड़ी राहत देते हुए रबी खरीद सीजन 2024-25 में नमी के कारण तोल में हुई कमी के नुकसान की भरपाई के लिए उन्हें प्रतिपूर्ति राशि देने को मंजूरी दे दी है. इसके लिए राज्य सरकार कुल 3,09,95,541 रुपये की राशि वहन करेगी.
यह निर्णय मंगलवार को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया. कुल राशि में से 77,22,010 रुपये खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा वहन किए जाएंगे, जबकि 1,71,16,926 रुपये की राशि हरियाणा राज्य सहकारी आपूर्ति एवं विपणन संघ लिमिटेड (हैफेड) द्वारा वहन की जाएगी और 61,56,605 रुपये हरियाणा राज्य भंडारण निगम (एचएसडब्ल्यूसी) द्वारा वहन किए जाएंगे.