उत्तर प्रदेश की कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका एस गर्ग की अध्यक्षता में आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना की राज्य परियोजना प्रबंधन इकाई (एसपीएमयू) की बैठक हुई. इसमें APC मोनिका एस गर्ग ने प्रदेश में कृषक उत्पादक संगठनों (FPO) के गठन, उनके कामकाज, इससे किसानों को हो रहे लाभ की जानकारी ली. प्रदेश में 3586 एफपीओ गठित कराये गये हैं जिनमें से केंद्र सरकार की एजेंसियों के द्वारा 1227, राज्य के द्वारा 276 तथा स्वनिर्मित 2083 एफपीओ का गठन किया जा चुका है. उप्र में गठित सभी एफपीओ UP FPO Shakti Portal पर पंजीकृत है.
एफपीओ की व्यवसायिक कार्ययोजना (Business Plan) का प्रस्तुतीकरण किया गया. यूपी डास्प एजेंसी के सीबीबीओ 'इनटेको टेक्निकल सर्विसेज' द्वारा जनपद बुलंदशहर में गठित एफपीओ बसावन फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लि जो कि गुड़ बनाने एवं बायोइन्जाइम का उत्पादन कर रही है. इस एफपीओ में शत प्रतिशत महिला सदस्य हैं और सदस्यता शुल्क के रूप में 6 लाख रुपये के शेयर पूंजी एकत्र किये. एफपीओ के पास 15 लाख रुपये की अधिकृत (Autherized Capital) उपलब्ध है.
इस दौरान बताया गया कि, बुलंदशहर में गठित एफपीओ बसावन फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड गुड़ बनाने के साथ बायोइन्जाइम का उत्पादन कर रही है.
इस एफपीओ में शत प्रतिशत महिला सदस्य हैं. यह एफपीओ अपने सदस्यों से 40 रुपये प्रति किलो की दर से गुड़ खरीदकर बाजार में 70 रुपये प्रति किलो बेचता है. एफपीओ 10 रुपये प्रति किलो की दर से लाभांश सदस्य कृषकों को दे रहा है. एफपीओ विभिन्न फलों से बायोइन्जाइम का उत्पादन कर रहा है.
"मोरना कृषक सहकारी संगठन" ने अपने प्रस्तुतीकरण में बताया कि उनके पास 9 लाख रुपये की शेयर पूंजी उपलब्ध है जिसके द्वारा वह इनपुट जैसे खाद, बीज, कृषि रक्षा रसायनों, बायोफर्टिलाइजर का विक्रय तथा जैविक गुड़ पाउडर का उत्पादन कर रही है. एफपीओ ने कृषि अवसंरचना निधि के तहत ऋण हेतु प्रोजेक्ट बैंक को प्रेषित किया है. साथ ही 35 प्रतिशत अनुदान हेतु एसएमएमई योजना में अनुदान प्राप्त करने हेतु प्रोजेक्ट प्रेषित किया है. एफपीओ गुड़ शक्कर बनाने हेतु 45 लाख रुपये की मशीन लगा रही है. उत्पादित गुड़ शक्कर को मार्केट लिंकेज करके "बिग बासकेट, डीमार्ट, जैक्टों को रॉ मैटेरियल के रूप में गुड व शक्कर उपलब्ध करा रही है जिससे एफपीओ के सदस्यों को लाभ प्राप्त हो रहा है.
इसी कड़ी में जैन एंड कंपनी एग्रो कॉम प्रा लि द्वारा गठित 'कृषक उत्पादक संगठन सहकारी समिति' जिला संभल के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण किया गया जिसमें बताया गया कि एफपीओ को इनपुट लाइसेंस की उपलब्धता कराते हुए एफपीओ के माध्यम से किसानों को कम दर पर गुणवत्तायुक्त कृषि निवेश उपलब्ध कराये जा रहे हैं. बायोफोर्टी फाइड गेहूं की प्रजातियों का उत्पादन कराया जा रहा है. कुटे हुए मसालों की पैकेजिंग कराकर पाउच में विक्रय का कार्य किया जा रहा है जिससे एफपीओ को 10 लाख रुपये प्रति माह का व्यवसाय करते हुए 10 प्रतिशत का लाभ अर्जित हो रहा है.
'राज्य कृषि प्रबन्ध संस्थान, रहमानखेड़ा' द्वारा चयनित 'किसान एग्रो मार्केटिंग सोसायटी' सीबीबीओ द्वारा "बड़पुरा कृषक उत्पादक संगठन लि" जनपद इटावा द्वारा मछली पालन से सम्बन्धित व्यवसाय कराया जा रहा है जिससे एफपीओ में जुड़े सदस्यों को लाभ प्राप्त हो रहा है. 40 एफपीओ गठित कराये जाने के लक्ष्य दिये गये हैं जिसमें से 10 एफपीओ को मॉडल के रूप में प्रमोट किया गया है. ट्रेनिंग के साथ-साथ बिजनेस प्लान भी तैयार किया जा रहा है.
नाबार्ड संस्था के प्रतिनिधि द्वारा अवगत कराया गया कि एफपीओ के गठन हेतु सर्वप्रथम बेसलाइन सर्वे, एफआईजी ग्रुप तैयार कर आवश्यकता के आधार पर एफपीओ का गठन कराते हुए 2-5 वर्ष का ट्रेनिंग प्रोग्राम तैयार कराने के साथ बहुउद्देश्यीय व्यवसाय प्लान भी तैयार कराया जाता है. एफपीओ गठन हेतु सीबीबीओ को 5 साल में 25 लाख रुपये तथा एफपीओ को तीन वर्ष में 18 लाख रुपये की वित्तीय सहायता, अनुदान उपलब्ध कराया जाता है. सीबीबीओ द्वारा गठित कराये गये एफपीओ की 5 वर्ष तक हैण्ड होल्डिंग करने का पूर्ण दायित्व होता है.
राज्य नोडल अधिकारी, एफपीओ सेल द्वारा बताया गया कि केंद्र पोषित व राज्य पोषित योजना के अन्तर्गत गठित कराये जा रहे ऐसे एफपीओ जिनके द्वारा न्यूनतम 1000 अधिकतम 2000 रुपये की शेयर पूंजी के रूप में एकत्र की जाती है उतनी ही धनराशि इक्विटी ग्रांट के रूप में दिये जाने की व्यवस्था की गयी है परंतु स्वप्रेरित एफपीओ को इक्विटी ग्रांट दिये जाने की अभी कोई व्यवस्था नहीं है.
लखनऊ में जल्द एक एफपीओ कॉन्क्लेव (Conclave) का आयोजन कराया जाएगा, जिससे उनके व्यवसाय में बढ़ोत्तरी हो सके. कृषकों की आय बढ़ाने में मदद प्राप्त हो सके. बैठक में SPMU द्वारा वर्ष 2024-25 में "आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना" से नये 625 एफपीओ गठन करने की स्वीकृति प्रदान की गई. राज्य स्तर पर एफपीओ सेल का शीघ्र गठन करने की कार्यवाही पूरी की जाये.