संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के प्रतिनिधियों ने सत्ता पक्ष और विपक्ष के कई सांसदों से मुलाकात कर किसानों की समस्याओं को संसद में उठाने और उन्हें हल कराने की मांग की है. एसकेएम नेताओं ने फसलों पर एमएसपी, बिजली मीटर और कर्ज माफी समेत कई दिक्कतों और मांगों को लेकर 9 अगस्त को देशभर में विरोध-प्रदर्शन की घोषणा की है. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार संगठन ने कहा कि 9 अगस्त को एसकेएम अपनी मांगों को लकेर देशभर में प्रदर्शन करके कॉरपोरेट्स भारत छोड़ो दिवस मनाएगा. इसके अलावा 2020-21 में आंदोलन खत्म करने के लिए सरकार की ओर से किए गए वादों को अब तक पूरा नहीं किए जाने के विरोध में आंदोलन फिर शुरू करने की चेतावनी दी है. बता दें कि बीते दिन भारतीय किसान यूनियन (BKU) ने भी 9 अगस्त को ट्रैक्टर रैली निकालने की घोषणा की है.
एजेंसी के अनुसार साल 2020-21 में 3 केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के कई प्रतिनिधिमंडलों ने बुधवार को अलग-अलग जगहों पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के कई सांसदों से मुलाकात की और उनसे संसद में किसान संगठनों की मांगों को उठाने का आग्रह किया, जिसमें सभी फसलों की खरीद के साथ C2+50 फीसदी फॉर्मूले पर न्यूनतम समर्थन मूल्य और कृषि ऋण माफी शामिल है. एसकेएम ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि सरकार ने किसानों के मुद्दों को हल करने का वादा किया था जिसके बाद दिसंबर 2021 में किसान आंदोलन खत्म किया गया था लेकिन उन वादों को पूरा नहीं किया गया है, इसलिए संगठन आंदोलन को फिर से शुरू करेगा.
एसकेएम की ओर से कहा गया कि उसके कई प्रतिनिधिमंडलों ने अलग-अलग जगहों पर केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया, त्रिवेंद्र सिंह रावत (हरिद्वार), भरत सिंह कुशवाह (ग्वालियर) और भाजपा के सतीश गौतम (अलीगढ़) सहित लगभग 20 सांसदों से मुलाकात की. उन्होंने कांग्रेस के सांसदों सतपाल ब्रह्मचारी (सोनीपत), राकेश राठौर (सीतापुर) और राज्यसभा सदस्य अशोक सिंह, समाजवादी पार्टी के कई सांसदों जैसे हरेंद्र मलिक (मुजफ्फरनगर) और अफजल अंसारी (गाजीपुर), होशियारपुर से आप सांसद राज कुमार चब्बेवाल, सांगली से निर्दलीय सांसद विशाल पाटिल से भी मुलाकात की. एसकेएम नेताओं ने इलाहाबाद के सांसद उज्ज्वल रमन सिंह (कांग्रेस) और कौशांबी के सांसद पुष्पेंद्र सरोज (सपा) से मुलाकात की थी.
किसानों की मांगों में सभी फसलों के लिए सुनिश्चित खरीद के साथ C2+50 फीसदी फॉर्मूले के आधार पर कानूनी रूप से गारंटीकृत एमएसपी लागू करना शामिल है. एसकेएम बिजली क्षेत्र के निजीकरण और प्रीपेड स्मार्ट मीटर के भी खिलाफ है. इसने अपने आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने, किसान आंदोलन से जुड़े सभी मामलों को वापस लेने और कर्ज माफी की मांग की है. संगठन ने कहा कि 9 अगस्त को एसकेएम अपनी मांगों के समर्थन में देशभर में प्रदर्शन करके कॉरपोरेट्स भारत छोड़ो दिवस मनाएगा. एसकेएम ने मांग की है कि भारत को विश्व व्यापार संगठन (WTO) से बाहर आना चाहिए और मल्टीनेशनल कॉरपोरेशन को एग्रीकल्चर सेक्टर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.
किसानों की मांगों और उनकी समस्याओं को हल नहीं किए जाने से नाराज भारतीय किसान यूनियन (BKU) ने भी बीते दिन बुधवार को आंदोलन तेज करने की चेतावनी देते हुए ट्रैक्टर मार्च निकालने की घोषणा कर दी है. भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि सरकारों ने किसानों के साथ धोखा किया है. भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि 20 जुलाई को सहारनपुर और 22 जुलाई को अलीगढ़ जिले में किसान मजदूर महापंचायत होगी. इसके अलावा 9 अगस्त 2024 को उत्तर प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा.