विधानसभा चुनावों से पहले महाराष्ट्र में विधान परिषद की आखिरी लड़ाई शुक्रवार को हुई और सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन ने इस लड़ाई में जीत हासिल की है. गठबंधन ने न सिर्फ अपने समर्थकों को इकट्ठा रखा बल्कि 11 विधान परिषद सीटों में से नौ पर जीत हासिल की. यह जीत विपक्षी महा विकास अघाड़ी गठबंधन (एमवीए) के लिए भी बड़ा झटका बताया जा रहा है. एमवीए ने हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में जीत हासिल की थी और राज्य की 48 सीटों में से 31 पर जीत दर्ज की. इन चुनावों के बाद से ही गठबंधन काफी उत्साहित था. नतीजों ने इस उत्साह पर लगाम लगा दी है.
महायुति गठबंधन में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), शिवसेना (एकनाथ शिंदे) और एनसीपी (अजित पवार) शामिल हैं. महाराष्ट्र विधान परिषद (एमएलसी) चुनाव के लिए मतदान शुक्रवार सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक दक्षिण मुंबई स्थित विधान भवन परिसर में हुआ. विपक्षी दलों ने भारी बारिश के कारण मतदान का समय बढ़ाने की मांग की थी. चुनाव के लिए 11 सीटों के लिए कुल 12 उम्मीदवार मैदान में थे. बीजेपी की पंकजा मुंडे, परिणय फुके, अमित गोरखे, योगेश तिलेकर और सदाभव खोत उन 10 उम्मीदवारों में शामिल हैं जिन्होंने महाराष्ट्र एमएलसी चुनाव जीत लिया है. मुंडे, फुके और तिलेकर ने 26-26 वोट हासिल कर जीत का दावा किया. परिषद चुनाव में जीत का अंतर 23 है.
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अजित पवार की पार्टी के दो एमएलसी - राजेश विटेकर और शिवाजीराव गर्जे - भी चुनाव जीत गए. जबकि शिंदे सेना की नेता भावना गवली ने भी आसान जीत हासिल की. इस बीच, विपक्ष के नेतृत्व वाले एमवीए ने तीन उम्मीदवार मैदान में उतारे थे जिसमें से सिर्फ एक कांग्रेस की प्रदन्या सातव जीतने में सफल रहीं. शिवसेना (यूबीटी) ने पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के करीबी सहयोगी मिलिंद नार्वेकर को टिकट दिया था. वह पहले दौर में 23 वोटों के जरूरी कोटे तक नहीं पहुंच सके और दूसरे दौर में ही जीत पाए.
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चुनाव के नतीजों के बाद फिलहाल उन अफवाहों पर भी फुलस्टॉप लग गया है जिसमें कहा गया था कि अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के कुछ विधायक विपक्षी दलों के संपर्क में हैं. नतीजों के बाद पवार ने कहा, 'हमारी रणनीति अपने सहयोगी को परेशान न करने और यह सुनिश्चित करने की थी कि हमें बाहर से अतिरिक्त वोट मिलें. यह कारगर रही और हम नौ सीटें जीतने में सफल रहे.' उन्होंने कहा कि एनसीपी के पास 42 विधायक हैं और उनकी पार्टी को 47 विधायकों का समर्थन मिला है. पवार ने उन सभी विधायकों का शुक्रिया अदा किया है जिन्होंने उनका समर्थन किया.