कर्नाटक में जल्द ही झीलों पर फ्लोटिंग सोलर पैनल लगाए जाएंगे. राज्य के लघु सिंचाई मंत्री की तरफ से इस बात की जानकारी दी गई है. सिंचाई मंत्री की मानें तो इससे राज्य को फायदा होगा और कई तरह कह परेशानियों से भी छुटकारा मिल सकेगा. सरकार के फैसले के तहत राज्य की 40 झीलों पर फ्लोटिंग सोलर पैनल इंस्टॉल किए जाएंगे. इस फैसले को एक बड़ा कदम माना जा रहा है. सरकार का कहना है कि इस फैसले से बिजली की समस्या से छुटकारा मिल सकेगा.
कर्नाटक के लघु सिंचाई मंत्री एन एस बोसराजू ने कहा है कि राज्य भर में 40 झीलों पर फ्लोटिंग सोलर पैनल लगाए जाएंगे. उनकी मानें तो इससे बिजली उत्पादन में बढ़ोतरी होगी और जमीन की तलाश करने की परेशानी से भी छुटकारा मिलेगा. अखबार डेक्कन क्रॉनिकल की एक रिपोर्ट के अनुसार इस फैसले में बेंगलुरु के शहरी क्षेत्र की चार झीलों को भी शामिल किया गया है. बेंगलुरु की जिन चार झीलों पर फ्लोटिंग सोलर पैनर लगाए जाएंगे उनमें बगलूर झील (येलहंका), सिंगनायकनहल्ली झील (येलहंका), जिगनी डोड्डाकेरे (अनेकल) और मुट्टानल्लूर अमानिकेरे (अनेकल) शामिल हैं.
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बोसराजू ने कहा, ' इस फैसले से 2,500 मेगावाट (MW)बिजली पैदा करने की गुंजाइश है. पूरे साल में ये झीलें 50 से 60 प्रतिशत तक भरी रहती हैं. बिजली पैदा करने के लिए फ्लोटिंग सोलर पैनल लगाने की योजना है. उन्होंने बताया कि जिन 40 झीलों की पहचान की गई है, वे 10,000 एकड़ के क्षेत्र में फैली हैं और उन्हें लिफ्ट इरीगेशन प्रोजेक्ट्स के जरिए भरा जा रहा है. बोसराजू ने पिछले साल जुलाई में फ्लोटिंग सोलर पैनल लगाने का विचार पेश किया था.
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सोलर एनर्जी के अलावा लघु सिंचाई विभाग लिफ्ट इरीगेशन प्रोजेक्ट्स पर भी बिजली की लागत कम करने पर विचार कर रहा है. माना जा रहा है कि सरकार इस पर हर महीने 10-12 करोड़ रुपये खर्च कर रही है. बोसेराजू के अनुसार, पूरे भारत में जल निकायों पर फ्लोटिंग सोलर पैनल लगाए गए हैं, जो 1 गीगावाट (GW) बिजली पैदा करते हैं. उनका कहना था कि फ्लोटिंग सोलर पैनल के लिए जमीन की जरूरत नहीं होती. साथ ही वे सोलर पावर पैदा करने का एक अच्छा तरीका हैं. हालांकि इन्हें इंस्टॉल करना थोड़ा महंगा है.
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बोसराजू ने कर्नाटक रिन्यूबल एनर्जी (केआरईडीएल) से झीलों पर फ्लोटिंग सोलर पैनल लगाने के फायदे और नुकसान का रिव्यू करने के लिए विशेषज्ञों के साथ बैठक आयोजित करने को कहा है. एक और मीटिंग में बोसराजू ने झीलों को कमर्शियल एक्टिविटीज के लिए खोलकर उनसे रेवेन्यू जनरेट करने की संभावना पर भी चर्चा की. इसके लिए 456 लिफ्ट इरीगेशन प्रोजेक्ट्स के तहत आने वाली झीलों पर विचार किया जाएगा. राज्य सरकार ने मछली पकड़ने वाली सहकारी समितियों को सौंपी गई 71 झीलों से 33.58 लाख रुपये का राजस्व कमाया है. 381 झीलों से, टेंडर प्रक्रिया के जरिये 254.29 लाख रुपये का राजस्व हासिल हुआ है.