पंजाब में किसान फिर से आंदोलन की तैयारी में हैं. नया मामला बठिंडा में जमीन अधिग्रहण से जुड़ा है. पंजाब सरकार की ओर से कृषि भूमि अधिग्रहण कर अर्बन एस्टेट विकास करने को लेकर किसानों ने विरोध किया है. सरकार की नीति के विरोध में प्रभावित किसानों ने सोमवार को बरनाला के डीसी से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा. बरनाला शहर में गरचा रोड और बठिंडा बाईपास के बीच 317 एकड़ जमीन किसानों की सहमति के बिना अधिग्रहित की जा रही है
यह जमीन पुडा की ओर से अधिग्रहित की जा रही है, जो किसानों की सहमति के बिना है. पीड़ित किसानों ने कहा कि उनके परिवार की आजीविका केवल इसी जमीन से चलती है, उनके पास आय का कोई अन्य साधन नहीं है. वे किसी भी कीमत पर जमीन नहीं देंगे, किसानों ने इस फैसले के विरोध में हाईकोर्ट जाने की भी चेतावनी दी है.
इस अवसर पर किसान धन्ना सिंह ग्रेवाल ने कहा कि सोमवार को पीड़ित किसानों द्वारा डीसी बरनाला को ज्ञापन सौंपा गया है. इस मांग पत्र में कहा गया है कि गरचा रोड और बठिंडा बाईपास के बीच 317 एकड़ जमीन किसानों की सहमति के बिना अधिग्रहित की जा रही है. उन्होंने कहा कि सीएम भगवंत मान ने बयान दिया था कि किसानों की सहमति से उनके एनओसी लेकर किसानों की जमीन रोकी जाएगी और उन्होंने कहा था कि अगर जिमींदार चाहे तो अपनी जमीन से कॉलोनी काट सकता है या किसी निजी व्यक्ति से कॉलोनी कटवा सकता है. लेकिन अब सरकार ने 317 एकड़ जमीन लेकर अखबारों में विज्ञापन दे दिए हैं.
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उन्होंने कहा कि किसानों से पूछे बिना किसी अधिकारी से मीटिंग नहीं की गई और न ही बरनाला डीसी या पुडा से मीटिंग की गई और किसानों से पूछे बिना अखबारों में विज्ञापन दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि इस जमीन पर फसल उगाकर हमारे परिवार अपना गुजारा करते हैं. इस जमीन के अलावा हमारे पास कोई और जमीन नहीं है और 90 फीसदी किसानों की रिहायश इसी जमीन पर है. उन्होंने कहा कि जिन किसानों की जमीन इसके अंतर्गत आई है, उनमें से कोई भी किसान पुडा को जमीन नहीं देगा.
इस मौके पर किसान गुरसेवक सिंह ने कहा कि गरचा रोड और बठिंडा बाईपास के बीच 317 एकड़ जमीन को लैंड पूलिंग के तहत कॉलोनियां बनाने के लिए रोका जा रहा है, जिसके विरोध में आज (सोमवार) बरनाला डीसी को ज्ञापन दिया गया है. उन्होंने कहा कि इस जमीन पर किसानों के घर हैं. उनकी आजीविका इसी जमीन से चलती है और सभी किसान खेती पर ही निर्भर हैं. उन्होंने कहा कि हमारे पास आय का कोई अन्य साधन नहीं है जिसके विरोध में बरनाला डीसी को ज्ञापन दिया गया है.
उन्होंने कहा कि इसके बाद पुडा कार्यालय में भी ज्ञापन दिया जाएगा. अगर उनकी कोई सुनवाई नहीं होती तो वे हाईकोर्ट का सहारा लेंगे. उन्होंने कहा कि किसान किसी भी हालत में अपनी जमीन नहीं देंगे.
इस अवसर पर कांग्रेस पार्टी के विधायक कुलदीप सिंह काला ढिल्लों ने कहा कि पुडा 317 एकड़ जमीन पर कॉलोनी काट रही है, जिसके विरोध में किसानों ने बरनाला डीसी को ज्ञापन दिया है. उन्होंने कहा कि बरनाला शहर में पहले ही तीन से चार कॉलोनियां हैं, जिन्हें आज तक विकसित नहीं किया गया. शहर में इन कॉलोनियों की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर किसी किसान की जमीन अधिगृहीत होती है तो उन्हें उम्मीद होती है कि वह भविष्य में जमीन खरीद सकता है, लेकिन इस योजना के तहत किसानों को उनकी जमीन के बदले पैसे देने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है.
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ढिल्लों ने कहा कि यह जमीन उपजाऊ जमीन है, जिस पर किसान निर्भर हैं. किसानों की सहमति के बिना सरकार को यह जमीन वापस नहीं लेने दी जाएगी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के बयान के आधार पर किसानों की सहमति के बिना जमीन वापस नहीं ली जा सकती, जिसको ध्यान में रखते हुए बरनाला डीसी को ज्ञापन दिया गया है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार या पुडा द्वारा किसानों के साथ धक्का किया जाता है तो कांग्रेस पार्टी हमेशा किसानों की मदद के लिए तैयार है.(आशीष शर्मा का इनपुट)