62 दिन में पराली जलाने की 8404 घटनाएं दर्ज, आधे मामले तो बीते 14 दिन में सामने आए 

62 दिन में पराली जलाने की 8404 घटनाएं दर्ज, आधे मामले तो बीते 14 दिन में सामने आए 

रिमोट सेंसिंग डेटा के अनुसार पंजाब में बीते दिन रविवार को पराली जलाने की 400 से ज्यादा नई घटनाएं हुईं. इन नई घटनाओं में फिरोजपुर में 74 मामले सामने आए हैं, जो राज्य में सबसे ज्यादा हैं. इस तरह बीते करीब 62 दिनों में पंजाब में पराली जलाने की 8404 घटनाएं हुई हैं.

खेतों में आग लगाने की घटना की मौके पर जांच करते अधिकारी.खेतों में आग लगाने की घटना की मौके पर जांच करते अधिकारी.
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Nov 18, 2024,
  • Updated Nov 18, 2024, 11:47 AM IST

किसानों पर मोटा जुर्माना लगाने समेत तमाम प्रयासों के बावजूद खेतों में आग लगाने की घटनाएं कम होने की बजाय तेजी से बढ़ रही हैं. पंजाब में बीते 62 दिनों के दौरान कुल 8404 घटनाएं दर्ज की गई हैं. इसमें से आधी से ज्यादा घटनाएं बीते करीब 14 दिन यानी 2 सप्ताह के दौरान दर्ज की गई हैं. इसका नतीजा है कि राज्य के सभी प्रमुख शहरों में हवा का स्तर AQI "खराब" से "बहुत खराब" कैटेगरी में बना हुआ है.

रिमोट सेंसिंग डेटा के अनुसार पंजाब में बीते दिन रविवार को पराली जलाने की 400 से ज्यादा नई घटनाएं हुईं. इन नई घटनाओं में फिरोजपुर में 74 मामले सामने आए हैं, जो राज्य में सबसे ज्यादा हैं. इसके बाद बठिंडा में 70, मुक्तसर में 56, मोगा में 45 और फरीदकोट में सर्वाधिक 30 पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की गई हैं. इस तरह अब तक इस सीजन में 15 सितंबर से 17 नवंबर तक यानी करीब 62 दिनों के दौरान पंजाब में पराली जलाने की 8404 घटनाएं हुई हैं, जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 75 फीसदी कम हैं. 

पराली जलाने के मामले 75 फीसदी घटे 

पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं को बीते सालों के आंकड़े देखें तो पता चलता है कि 2022 में इसी दिन 966 मामले दर्ज किए गए थे. जबकि, साल 2023 में इसी दिन 1,150 पराली जलाने की घटनाएं हुईं थीं. इस हिसाब से इस साल की घटनाओं में 75 फीसदी की गिरावट है. वहीं, राज्य में 2022 में 15 सितंबर से 15 नवंबर तक 47788 हजार मामले सामने आए थे और 2023 में इसी अवधि के दौरान 33082 खेत में आग लगने की घटनाएं दर्ज हुई थीं.

अधिकारी बोले- घटनाएं कम करने में सफलता मिली 

कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने दावा किया कि वे खेतों में आग लगने की घटनाओं को कम करने में काफी हद तक सफल रहे हैं. गांवों में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए निरीक्षण किया जा रहा है. खेतों में आग लगने की घटनाओं में बढ़त के बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने पिछले सप्ताह दो उपायुक्तों और दो वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को नोटिस जारी कर इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण मांगा था. जबकि, इससे पहले सुप्रीमकोर्ट ने भी पंजाब सरकार को खरी-खरी सुनाई है.

बड़े शहरों में हवा का स्तर बहुत खराब कैटेगरी में 

राज्य के सभी प्रमुख शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) से पता चलता है कि हवा की गुणवत्ता "खराब" से "बहुत खराब" कैटेगरी में बनी हुई है और अधिकांश शहरों में घना धुआं छाया हुआ है. पिछले लगभग एक सप्ताह से राज्य में धुंआ छाया हुआ है, जिससे विजिबिलीट कम होने के चलते दुर्घटनाएं बढ़ी हैं. सुबह और शाम के समय हालात और भी खराब हो जाते हैं. विशेषज्ञों ने कहा कि हालांकि खेतों में आग लगने की घटनाओं में कमी आनी शुरू हो गई है, लेकिन प्रभावित क्षेत्रों में हवा का स्तर सुधार होने में समय लगेगा.

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