कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मंगलवार को लोकसभा में विपक्ष का नेता नियुक्त किया गया, पार्टी सांसद केसी वेणुगोपाल ने यह जानकारी दी. मीडिया को संबोधित करते हुए वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब को पत्र लिखकर सूचित किया है कि राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता होंगे. वेणुगोपाल ने मंगलवार रात खड़गे के घर हुई इंडिया ब्लॉक की बैठक के बाद जानकारी देते हुए कहा कि इस बैठक में राहुल गांधी को सदन में नेता प्रतिपक्ष बनाने फैसला लिया गया है.
मीडिया को संबोधित करते हुए वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब को पत्र लिखकर सूचित किया है कि राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता होंगे. 9 जून को कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) ने राहुल गांधी को लोकसभा में विपक्ष का नेता नियुक्त करने का प्रस्ताव पारित किया था. सीडब्ल्यूसी की बैठक के बाद राहुल गांधी ने कहा था कि उन्हें इस बारे में सोचने के लिए कुछ समय चाहिए, उसके बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा.
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इसके साथ ही कांग्रेस ने विपक्ष के नेता का पद फिर से अपने लिए हासिल कर लिया है . कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनाव में अपनी सीटों की संख्या 2019 के 52 से लगभग दोगुनी बढ़ाकर 99 कर ली है. 2014 के चुनावों में पार्टी सिर्फ 44 सीटें जीतने में सफल रही थी. 2014 और 2019 में बीजेपी के बाद संसद में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद, कांग्रेस सदन में प्रमुख विपक्षी दल का दर्जा पाने के मानदंडों पर खरी नहीं उतरी.
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जिस पार्टी के पास 10 प्रतिशत से कम सीटें हैं, वह निचले सदन में विपक्ष के नेता के पद का दावा नहीं कर सकती. इससे पहले दिन में राहुल गांधी ने लोकसभा में सांसद के तौर पर शपथ ली. शपथ लेने के बाद राहुल गांधी ने संविधान की प्रति हाथ में लेकर कहा, 'जय हिंद, जय संविधान.'
राहुल ने साल 2004 में राजनीति में कदम रखा था. तब से लेकर आज तक उन्होंने किसी संवैधानिक पद पर काम नहीं किया था. अब यह पहला मौका जब वह नेता विपक्ष बनकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सत्ता पक्ष से कड़े सवाल करेंगे. राहुल को फरवरी 2024 में मानहानि के मामले में संसद से निष्कासित कर दिया गया था. उन पर बीजेपी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सरनेम का मजाक उड़ाने का आरोप लगाया था. हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें उनकी सीट पर वापस भेज दिया था.