पशुपालकों की मदद करने के लिए राजस्थान सरकार पशुपालन विकास कोष (animal husbandry development fund) के लिए 250 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. यह रकम पशुपालकों की मदद और पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए विकास कार्यों पर खर्च की जाएगी. इसके अलावा दुधारू पशुओं की नस्ल विकास के लिए दी जाने वाली राशि को बढ़ाकर 75 फीसदी की जाएगी.
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 3 अगस्त को कहा कि राज्य सरकार पशुपालकों को लाभ पहुंचाने के लिए 250 करोड़ रुपए के आवंटन के साथ मुख्यमंत्री पशुपालन विकास कोष का गठन करेगी. मुख्यमंत्री राज्य के सिरोही और बाली सहित विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों से आए देवासी समुदाय (Dewasi community) के प्रतिनिधिमंडल से बात करते हुए यह जानकारी साझा की. उन्होंने कहा कि पशुपालकों और पशुओं को लेकर सरकार खास ध्यान दे रही है.
एजेंसी के अनुसार आधिकारिक बयान में मुख्यमंत्री ने कहा कि देश कृषि आधारित है और पशुपालकों का राज्य की अर्थव्यवस्था में अहम योगदान है. इसे ध्यान में रखते हुए राज्य के बजट में पशुपालकों के सशक्तिकरण के लिए कई सौगातें दी गई हैं. उन्होंने कहा कि पशुपालन संवर्धन, संरक्षण और विकास के लिए 250 करोड़ रुपए से मुख्यमंत्री पशुपालन विकास कोष का गठन किया जाएगा. ताकि, राज्य में दूध और उससे बनने वाले उत्पादों को बढ़ावा मिल सके. राज्य के ग्रामीण इलाकों में ज्यादातर परिवारों के लिए पशुपालन कमाई का बड़ा स्रोत भी है.
250 करोड़ रुपये के लिए बनने वाले फंड के जरिए मुख्य रूप से किए जाने वाले कार्यों में गौशालाओं का निर्माण, पशु आश्रय गृहों की स्थापना, चारा व्यवस्था और रखरखाव, पशु स्वास्थ्य व्यवस्था के साथ ही पशुपालकों को वित्तीय मदद देने जैसे कार्यों को शामिल किया गया है.
मुख्यमंत्री के अनुसार दुधारू पशुओं के नस्ल विकास के लिए अनुदान राशि 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 फीसदी की जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि संशोधित राज्य बजट 2024-25 में की गई घोषणाओं से विकसित राजस्थान का सपना साकार होगा. उन्होंने कहा कि इस बजट से राज्य की 8 करोड़ जनता की आकांक्षाएं और उम्मीदें पूरी होंगी. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों, पशुपालकों, युवाओं, महिलाओं सहित सभी वर्गों के विकास के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है.