किसानों की आय और फसलों की एमएसपी का मुद्दा लोकसभा में छाया हुआ है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और सांसद अखिलेश यादव ने मंगलवार को लोकसभा में किसानों की मुश्किलों, कमाई और फसलों पर एमएसपी के मुद्दे पर सरकार को घेरा. अखिलेश यादव ने कहा कि बागवानी फसलों को भी एमएसपी के दायरे में सरकार लाए. सांसदों की ओर से गोद लिए गावों की दुर्दशा, नीट पेपर लीक पर तीखी प्रतिक्रिया दी.
अखिलेश यादव ने लोकसभा में किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए नीतियों पर सरकार को जमकर कोसा. किसानों की आय को लेकर कहा कि इन लोगों (भाजपा सरकार) ने कहा था कि हम किसानों की आय दोगुनी कर देंगे. आज पूरे देश का किसान देख रहा है कि उसकी आय कहां दोगुनी हो गई. जिस तरह महंगाई बढ़ी है उस हिसाब से सरकार बताए कि किसानों की कितनी आय बढ़ी है.
अखिलेश ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर की बड़ी-बड़ी बातें की गई थीं, कि एमएसपी लागू करने के लिए एग्रीकल्चर सेक्टर का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा. लेकिन, इस सरकार में एक भी नई मंडी नहीं बनी है. 10 साल में सरकार की ओर से एक भी मंडी बनाई हो तो बताए, जो सरकार मंडी नहीं बना सकती है उस पर एमएसपी देने का का भरोसा कैसे किया जा सकता है.
सपा प्रमुख ने कहा कि किसानों को फसलों पर एमएसपी लीगल गारंटी मिलनी चाहिए. अखिलेश यादव ने बागवानी फसलों पर एमएसपी देने की बात कही. उन्होंने कहा कि हॉर्टीकल्चर फसलों पर एमएसपी पर फैसला हो, जिससे हमारा किसान खुशहाल हो सके.
पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधान सांसद जिस गांव को गोद लिया उसकी तस्वीर नहीं बदली. पीएम जी ने आदर्श योजना के तहत गांव को गोद लिया था. तब खूब शोर हुआ था कि डोंगरी में चमचमाने चमचमाने लगेगा गांव, लेकिन हकीकत में ऐसा कुछ नहीं हुआ. टूटी सड़कें, उखड़े खड़ंजे, खराब नल, रसोई गैस के खाली सिलेंडर हैं. जिस गांव को गोद लिया गया था उस गांव की तस्वीर नहीं सुधर पाई. जिसे गोद लिया जाता है उसे अनाथ बनाकर छोड़ देना अच्छी बात नहीं.
पेपर लीक मुद्दे पर लोकसभा में बोलते हुए समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि पेपर लीक क्यों हो रहे हैं? सच्चाई तो यह है कि सरकार ऐसा इसलिए कर रही है ताकि उसे युवाओं को नौकरी न देनी पड़े. EVM पर लोकसभा में बोलते हुए समाजवादी पार्टी सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि EVM पर मुझे कल भी भरोसा नहीं था और आज भी नहीं है, मैं 80/80 सीटें जीत जाऊंगा तब भी भरोसा नहीं है. EVM का मुद्दा खत्म नहीं हुआ है.