देश में ज्यादातर किसानों की समस्या है उनकी आय, जिसमें उनके खर्च और जरूरत पूरी नहीं हो पाती हैं. इस बीच कुछ किसान ऐसे भी हैं जो कुछ नया कर रहे हैं, इनोवेशन के साथ खेती कर रहे हैं ऐसा कुछ कर दिखाया है.महाराष्ट्र के जलगांव जिले के यावल तालुका में रहने वाले किसान अशोक प्रभाकर गाडे ये केले की खेती के साथ-साथ उसकी प्रोसेसिंग भी करते है. वो खुद केले प्रॉडक्ट बनाते है और सीधा ग्राहक को बेचते है.
किसान अशोक प्रभाकर गाडे केले से आटा, जाम, पापड़, चॉकलेट, बिस्किट, नमकीन, लड्डू, मिठाई, जैसे आइटम बनाते है. केले के बिस्किट के लिए उन्हें 20 साल के लिए पेटेंट भी मिल गया है.
अशोक प्रभाकर ने बताया कि वह पहले सिर्फ केले की खेती करते थे. लेकिन उसमें अक्सर घाटा उठाना पड़ता था. इसलिए खुद के खेत में उगाए गए केले से कुछ बनाने का फैसला किया. खुद ऑर्गेनिक तरीके से केले की खेती की. उसकी प्रोसेसिंग करना शुरू किया. यह सिलसिला 2010 से चल रहा है. केले का बिस्किट पहले किसी ने नहीं बनाया था इसलिए उन्हें इसके लिए पेंटेंट मिला. किसी किसान के लिए यह बहुत बड़े गर्व की बात है.
अशोक प्रभाकर गाडे का कहना है कि केले से बने प्रोडक्ट में वो 30 परसेंट का मुनाफा कमा लेते हैं. उनके उत्पाद अब बंगलूरू, मुंबई और इंदौर जैसे शहरों में सप्लाई होता है. उनके इस काम से कई महिलाओं को रोजगार भी मिल रहा है.
अशोक प्रभाकर गाडे ने बताया की उनके पास सबसे ज्यादा बिस्किट और नमकीन की डिमांड अति हैं बिस्किट का भाव 600 रुपये किलो के हिसाब से बेचते हैं और नमकीन 300 रूपये किलो बेचते है. इससे उन्हें अच्छा मुनाफा हो रहा है.
अशोक प्रभाकर का कहना हैं कि हमने उपभोक्ताओं और उत्पादक के बीच से बिचौलियों की चेन तोड़ने का काम किया. इसलिए खाने और बनाने वाले दोनों को फायदा है.वो उपभोक्ताओं तक अपने प्रोडक्ट की डायरेक्ट सप्लाई करवाते हैं इससे अच्छा मुनाफा हो रहा है.