देश में जल्द की मॉनसून की शुरुआत होने वाली है. इसके साथ ही खरीफ फसलों की खेती की भी शुरुआत हो जाएगी. कई राज्यों में प्री मॉनसून की अच्छी बारिश हुई है. इससे किसानों के खेत में इतनी नमी हो गई है कि वे खरीफ फसल के लिए अपने खेत को तैयार करने में जुट गए हैं. इसके अलावा जिन किसानों के खेत में अभी गरमा धान की नर्सरी तैयार हो रही है, वे उसकी देखभाल करते रहें. ओडिशा में भी किसान खरीफ फसल की तैयारी में जुट गए हैं. इसके अलावा गरमा धान की खेती में अभी पौधों में दाना तैयार हो रहा है. इस समय खेत में पानी की पर्याप्त मात्रा बनाए रखें.
इस समय गरमा धान में दाना भर रहा है. ऐसे में खेत में पानी का स्तर दो सेंमी तक बनाए रखें. इस समय धान की खेती में गंधी कीट की समस्या हो सकती है. इसलिए खेत की लगातार निगरानी करते रहें. खेत में इसका प्रकोप होने पर किसानों को नीम बीज के अर्क के घोल का छिड़काव करना चाहिए. गंधी बग का प्रकोप होने पर पहला छिड़काव फूल आने के दौरान और फिर दूसरा छिड़काव एक सप्ताह के बाद करना चाहिए. नीम का अर्क 50 मिली प्रति लीटर पानी के साथ मिलाकर छिड़काव करना चाहिए. तापमान में वृद्धि के कारण पौधों में प्लांट हॉपर का प्रकोप हो सकता है. इसे नियंत्रित करने के लिए प्रत्येक मीटर के अंतराल पर गलियां बनानी चाहिए.
ये भी पढ़ेंः इस बार खरीफ सीजन में फसलों पर टिड्डियों का कितना खतरा? सर्वे में मिली ये चौंकाने वाली जानकारी
जिन किसानों ने श्रीविधि से धान की खेती की है, उन खेतों में पीआई स्टेज लीफ फोल्डर कीट का प्रकोप हो सकता है. पौधों में इस कीट का प्रकोप होने पर लैम्बडासायलोथ्रिन 1 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करना चाहिए. वहीं गरमा दलहन की खेती में अभी पौधों में फूल आ रहे हैं. इस अवस्था में ऐसे मौसम में वाईएमपी रोग का प्रकोप होता है. इसके प्रबंधन के लिए रिडोमिल एमजेड का 2 ग्राम प्रति लीटर पानी के साथ मिलाकर छिड़काव करना चाहिए. इसके साथ ही जब पौधों में फूल आ रहे हैं तो फिर इस अवस्था में खेतों की सिंचाई करनी चाहिए.
ये भी पढ़ेंः सोयाबीन की इन आठ किस्मों की खेती करें किसान, बंपर उपज के साथ बढ़ेगी कमाई
अदरक की खेती के लिए जारी किए गए सलाह में कहा गया है कि किसान अच्छी उपज पाने के लिए सुप्रवा, सुरुचि, सुरावी जैसे अच्छी गुणवत्ता वाले अदरक प्रकंदों को इकट्ठा करें. साथ ही किसान इसकी खेती में अभी से ही लग सकते हैं. एक एकड़ खेती में 6 से 8 क्विंटल बीज की जरूरत होती है. खेत में लगाने के लिए अदरक का एक टुकड़ा कम से कम 20 ग्राम का होना चाहिए. खेत में अदरक की बुवाई से पहले बीज का उपचार जरूर करना चाहिए. जिन किसानों के खेत में मूंगफली लगी हुई वो फली के बेहतर विकास के लिए खेतों में सिंचाई करते रहे. बैंगन में तापमान के प्रभाव के कारण फुट एंड शूट बोरर को नीम आधारित कीटनाशकों के प्रयोग से नियंत्रित किया जा सकता है.