देश में मुसलमानों की आबादी बढ़ी, 65 साल में हिंदुओं की संख्या 8 फीसदी घटी, जानिए ईसाई, बौद्ध और सिखों की हिस्सेदारी कितनी

देश में मुसलमानों की आबादी बढ़ी, 65 साल में हिंदुओं की संख्या 8 फीसदी घटी, जानिए ईसाई, बौद्ध और सिखों की हिस्सेदारी कितनी

स्टडी के अनुसार, 1950 में भारत की जनसंख्या में हिंदुओं की हिस्सेदारी 84 फीसदी थी. जो 2015 तक घटकर 78 फीसदी हो गई है. इसी अवधि में मुसलमानों की हिस्सेदारी 9.84 फीसदी से बढ़कर 14.09 फीसदी हो गई है.

देश में मुसलमानों की आबादी बढ़ी
क‍िसान तक
  • Noida,
  • May 09, 2024,
  • Updated May 09, 2024, 1:54 PM IST

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) की एक स्टडी से पता चला है कि भारत में बीते 65 साल में हिंदुओं की आबादी घट गई है. देश में 1950 और 2015 के बीच बहुसंख्यक धर्म वाले हिंदुओं की आबादी 7.8 फीसदी घट गई है. जबकि कई पड़ोसी देशों में बहुसंख्यक समुदाय की आबादी में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है.

स्टडी के मुताबिक, भारत में हिंदू आबादी कम हो गई है. जबकि मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध और सिखों समेत अल्पसंख्यकों की आबादी बढ़ गई है. हालांकि, इस दौरान जैन और पारसियों की संख्या में कमी आई है. 1950 और 2015 के बीच भारत में मुस्लिम आबादी में 43.15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. वहीं ईसाइयों में 5.38 फीसदी, सिखों में 6.58 प्रतिशत और बौद्धों में मामूली बढ़ोतरी देखी गई है.

5 फीसदी बढ़ी मुसलमानों की आबादी

स्टडी के अनुसार, 1950 में भारत की जनसंख्या में हिंदुओं की हिस्सेदारी 84 फीसदी थी. जो 2015 तक घटकर 78 फीसदी हो गई है. इसी अवधि में मुसलमानों की हिस्सेदारी 9.84 फीसदी से बढ़कर 14.09 फीसदी हो गई है. म्यांमार के बाद भारत अपने पड़ोसी देशों में दूसरे नंबर पर है, जिसकी बहुसंख्यक आबादी में कमी आई है. म्यांमार में 10 फीसदी और भारत में 7.8 फीसदी बहुसंख्यक आबादी घटी है. वहीं भारत के अलावा नेपाल में बहुसंख्यक समुदाय (हिंदू) की आबादी में 3.6 फीसदी की गिरावट देखी गई है.

मुसलमानों की जनसंख्या तेजी से बढ़ी

इस स्टडी की रिपोर्ट मई 2024 में जारी की गई है. इसमें दुनियाभर के 167 देशों का अध्ययन किया गया है. स्टडी के लेखकों का कहना है, दुनिया के ट्रेंड को देखते हुए भारत में एक स्थिरता पाई गई है. लेखकों का कहना है, डेटा के विश्लेषण से पता चलता है कि भारत अल्पसंख्यक ना केवल सुरक्षित हैं, बल्कि जनसंख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है.

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पाकिस्तान में बहुसंख्यक मुस्लिम बढ़े

भारत में जहां बहुसंख्यक समुदाय की जनसंख्या घटी है तो वहीं भारत के पड़ोसी देशों की बहुसंख्यक समुदाय की आबादी में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है. बांग्लादेश में बहुसंख्यक समुदाय मुसलमानों की सबसे ज्यादा 18.5 फीसदी आबादी बढ़ी है. उसके बाद पाकिस्तान में 3.75 फीसदी और अफगानिस्तान में 0.29 फीसदी मुस्लिम आबादी बढ़ी है. पाकिस्तान में बहुसंख्यक धार्मिक संप्रदाय (हनफी मुस्लिम) की हिस्सेदारी में 3.75 फीसदी की वृद्धि और 1971 में बांग्लादेश अलग देश बनने के बाद कुल मुस्लिम आबादी की हिस्सेदारी में 10 फीसदी की वृद्धि देखी गई है.

म्यांमार में आबादी 10 फीसदी घटी

भारत के पूर्वी पड़ोसी देश म्यांमार की जनसंख्या में बहुसंख्यक समुदाय की हिस्सेदारी में सबसे अधिक गिरावट देखी गई. म्यांमार में थेरवाद बौद्धों की बहुसंख्यक आबादी 65 वर्षों में 10 फीसदी कम हो गई है. भारत और म्यांमार के अलावा नेपाल की बहुसंख्यक हिंदू आबादी में 3.6 फीसदी की गिरावट देखी गई है. मालदीव में बहुसंख्यक समुदाय (शफीई सुन्नी) की हिस्सेदारी में 1.47 फीसदी की गिरावट आई है. हालांकि, मई 2024 की स्टडी के अनुसार, बहुसंख्यक बौद्ध आबादी वाले भारत के पड़ोसी देश भूटान और श्रीलंका में भी 17.6 फीसदी और 5.25 फीसदी की वृद्धि देखी गई है.

स्टडी के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया, चीन, कनाडा, न्यूजीलैंड जैसे देशों और कुछ पूर्वी अफ्रीकी देशों की जनसंख्या में बहुसंख्यक समुदाय की आबादी में भारत की तुलना में ज्यादा गिरावट देखी गई है. 167 देशों में बहुसंख्यक समुदाय की हिस्सेदारी 1950-2015 से औसतन 22 फीसदी कम हो गई है. इसके अतिरिक्त 35 उच्च आय वाले आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) के देशों में बहुसंख्यक समुदाय की आबादी में 29 फीसदी की औसत गिरावट देखी गई, जो वैश्विक औसत 22 फीसदी से अधिक है. (सुशीम मुकुल की रिपोर्ट)

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