अब महंगे हो जाएंगे प्लाइवुड, फर्नीचर और फ्लश दरवाजे, 300 रुपये क्विंटल बढ़ा चिनार की लकड़ी का रेट

अब महंगे हो जाएंगे प्लाइवुड, फर्नीचर और फ्लश दरवाजे, 300 रुपये क्विंटल बढ़ा चिनार की लकड़ी का रेट

हरियाणा प्लाइवुड मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष जेके बिहानी ने कहा कि कोविड-19 महामारी फैलने के बाद से यमुनानगर का प्लाइवुड उद्योग वित्तीय संकट से जूझ रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री ने मंडी शुल्क 2 प्रतिशत से घटाकर 1 प्रतिशत कर दिया था.

हरियाणा प्लाइवुड मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन. (सांकेतिक फोटो)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • May 06, 2024,
  • Updated May 06, 2024, 4:51 PM IST

हरियाणा प्लाइवुड मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ने लकड़ी और मजदूरी की लागत में अत्यधिक वृद्धि के कारण सभी प्रकार के प्लाइवुड, ब्लॉक बोर्ड और फ्लश दरवाजे की कीमतों में 5 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है. जानकारी के अनुसार, इस बार चिनार की लकड़ी की दरें लगभग 1,700 रुपये प्रति क्विंटल हैं, जबकि सितंबर 2023 में यह लगभग 1,400 रुपये प्रति क्विंटल थीं. उद्योग के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि कम आपूर्ति के कारण चिनार की लकड़ी की दरें बढ़ गई हैं.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा प्लाइवुड मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष जेके बिहानी ने कहा कि कोविड-19 महामारी फैलने के बाद से यमुनानगर का प्लाइवुड उद्योग वित्तीय संकट से जूझ रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री ने मंडी शुल्क 2 प्रतिशत से घटाकर 1 प्रतिशत कर दिया था. हालांकि, अब उद्योग को बचाने के लिए इस 1 फीसदी मार्केट फीस को भी ख़त्म किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि यमुनानगर जिले में प्लाइवुड फैक्ट्रियों को कोविड-19 लॉकडाउन से पहले हर दिन लगभग 2 लाख क्विंटल चिनार की लकड़ी की आपूर्ति हो रही थी.

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मालिकों के खिलाफ न दर्ज हो एफआईआर

सूत्रों ने कहा कि चिनार के पौधों के रोपण में भारी गिरावट के कारण जिले में प्लाइवुड उद्योग को कुछ वर्षों से हर दिन लगभग एक लाख क्विंटल चिनार की लकड़ी मिल रही है. जिले का उद्योग प्लाइवुड का उत्पादन करने के लिए ज्यादातर चिनार और नीलगिरी की लकड़ी का उपयोग करता है. उन्होंने कहा कि एसोसिएशन के एक प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मुलाकात कर बाजार शुल्क खत्म करने की मांग की थी. बिहानी ने आगे कहा कि उन्होंने यह भी मांग की कि अगर प्लाइवुड फैक्ट्रियों से लिए गए तकनीकी ग्रेड यूरिया के नमूने फेल हो जाते हैं, तो प्लाइवुड फैक्ट्रियों के मालिकों के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज नहीं की जानी चाहिए.

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यमुनानगर में 350 प्लाईवुड फैक्ट्रियां

बिहानी ने कहा कि प्लाईवुड फैक्ट्री के मालिक डीलरों से तकनीकी ग्रेड यूरिया खरीदते हैं और डीलरों को तकनीकी ग्रेड यूरिया की बाजार दर के अनुसार भुगतान किया जाता है. यदि कृषि विभाग द्वारा कारखानों से लिए गए तकनीकी ग्रेड यूरिया के नमूने फेल हो जाते हैं और उनमें कृषि ग्रेड यूरिया की मात्रा पाई जाती है, तो डीलरों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए, न कि प्लाईवुड कारखानों के मालिकों के खिलाफ. ऐसे यमुनानगर जिले में लगभग 350 प्लाईवुड फैक्ट्रियां और 700 पीलिंग फैक्ट्रियां, बैंड मिल और चिपर फैक्ट्रियां हैं.

 

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