सरकार ने पांचवें दौर की बैठक के लिए किसान संगठनों को न्योता दिया है. यह बातचीत किसान आंदोलन को रोकने के लिए की जाने वाली है. इससे पहले चौर दौर की मीटिंग हो चुकी है, लेकिन फसलों की एमएसपी गारंटी को लेकर कोई बीच का रास्ता नहीं निकल सका है. किसान सरकार से सभी फसलों की एमएसपी मांग रहे हैं और इसके लिए संसद में विशेष सत्र बुलाने की भी मांग की गई है. उधर किसानों को तितर-बितर करने के लिए बुधवार 11 बजे हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े हैं.
केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा है कि सरकार आंदोलनरत किसानों से हर मुद्दे पर बातचीत को तैयार है. मुंडा ने कहा कि सरकार चौथे दौर के बाद पांचवें दौर में सभी मुद्दे जैसे की MSP की मांग, crop diversification, पराली का विषय, FIR पर बातचीत के लिए तैयार है. वे दोबारा किसान नेताओं को चर्चा के लिए आमंत्रित करते हैं और शांति बनाये रखने की अपील करते हैं.
इस बीच बुधवार को पंजाब और हरियाणा में शंभू बॉर्डर पर कुछ युवा किसान बैरिकेड्स की ओर बढ़ रहे थे, जिसके बाद हरियाणा पुलिस के जवानों ने आंसू गैस के गोले दागे. सुबह करीब 11 बजे हरियाणा पुलिस की ओर से आंसू गैस के गोले छोड़ने के बाद युवा किसान छिपने के लिए भागे. पंजाब और हरियाणा के दो बॉर्डर पॉइंट्स पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान, पांच साल के लिए सरकारी एजेंसियों द्वारा एमएसपी पर दालें, मक्का और कपास की खरीद के वाले केंद्र के प्रस्ताव को खारिज करने के बाद आज अपना 'दिल्ली चलो' मार्च फिर से शुरू करेंगे.
संगरूर के खनौरी बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस की ओर से किसानों को खदेड़ने के लिए चलाए गए आंसू गैस के गोले. शंभू बॉर्डर की तरह खनौरी बॉर्डर पर भी किसानों का हुजूम लगा है जो हरियाणा के रास्ते दिल्ली में घुसना चाहते हैं. इन किसानों को रोकने के लिए हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे हैं. इससे पहले शंभू बॉर्डर पर भी ऐसी ही कार्रवाई की गई थी
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13 फरवरी को दिल्ली की ओर मार्च शुरू करने वाले हजारों किसानों को हरियाणा सीमा पर ही रोक दिया गया, जहां उनकी सुरक्षाकर्मियों से झड़प हुई. किसान तब से हरियाणा के साथ पंजाब की सीमा पर शंभू और खनौरी पॉइंट पर डेरा डाले हुए हैं. संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी और कृषि लोन माफी सहित अपनी मांगों को स्वीकार करने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के लिए 'दिल्ली चलो' मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं.
केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि वे किसानों से अपील करते हैं कि वे मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान के लिए बातचीत के टेबल पर आएं. इसी मुद्दे पर पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार ने किसानों के लिए बहुत कुछ किया है. किसानों की उन्नति हमारी प्राथमिकता है और इसे आगे भी जारी रखेंगे.
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इससे पहले चंडीगढ़ में सरकार और किसान संगठनों के बीच चार दौर की बातचीत हो चुकी है. इसमें सरकार ने किसानों की कई मांगों पर सहमति दी है, लेकिन एमएसपी गारंटी के कानून का मामला फंस रहा है. सरकार ने चौथे दौर की बैठक में पांच फसलों की पांच साल तक एमएसपी पर खरीद का फॉर्मूला दिया था जिसे किसान संगठनों ने सिरे से खारिज कर दिया. सरकार के प्रस्ताव को खारिज करने के बाद किसानों ने दिल्ली कूच करने का निर्णय लिया.(अरविंद ओझा और बलवंत विक्की का इनपुट)