Food Inflation: जून तक सस्ती नहीं होंगी हरी सब्जियां, इस वजह से बढ़ रही हैं कीमतें

Food Inflation: जून तक सस्ती नहीं होंगी हरी सब्जियां, इस वजह से बढ़ रही हैं कीमतें

लहसुन, अदरक, बैंगन, परवल और बींस जैसी अन्य सब्जियों की कीमतों में भी बहुत अधिक बढ़ोतरी देखी गई. रिपोर्ट में कहा गया है कि सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी मौसम के पैटर्न के अनुसार होती है. गर्मियों में सब्जियों की कीमतें बढ़ती हैं और सर्दियों में ताजा स्टॉक बाजार में आने पर कम हो जाती हैं.

इस वजह से महंगी हो रही हैं हरी सब्जियां. (सांकेतिक फोटो)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Apr 28, 2024,
  • Updated Apr 28, 2024, 5:05 PM IST

भीषण गर्मी का असर हरी सब्जियों के ऊपर भी पड़ा है. भिंडी, शिमला मिर्च, बींस और गाजर सहित अधिकांश हरी सब्जियां महंगी हैं. इससे आम जनता के किचन का बजट बिगड़ गया है. खास बात यह है कि अभी हरी सब्जियों की कीमत में गिरावट के कोई संकेत दिखाई नहीं दे रहे हैं. मार्केट के जानकारों का कहना है कि सामान्य से अधिक तापमान के कारण जून तक सब्जियों की कीमतें ऊंची रहने की उम्मीद है.

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, अनियमित मौसम पैटर्न और जलवायु परिवर्तन का असर हरी सब्जियों के उत्पादन पर भी पड़ा है. इससे इनकी कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार भारत में प्रयाप्त मात्रा में कोल्ड स्टोरेज की सुवधाओं का अभाव है. इसके चलते किसान हरी सब्जियों को अधिक समय तक स्टोर नहीं कर पाते हैं. इससे भी कीमतों को नियंत्रित करने में सफलता नहीं मिल पा रही है.

जलवायु परिवर्तन का असर

इसके अलावा भारत जलवायु की दृष्टि से सबसे कमजोर देशों में से एक है. जहां लू, बाढ़ और तूफान की समस्याएं बनी रहती हैं. कहीं पर बाढ़ से फसल तबाह हो जाती है, तो कहीं अधिक गर्मी और लू से खेतों में खड़ी फसलें नष्ट हो जाती हैं. वित्त वर्ष 2024 के दौरान, भारत में सब्जियों की कीमत में काफी उतार-चढ़ाव देखा गया. कई बार तो कीमतें रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गईं. पिछले साल जहां टमाटर 350 रुपये किलो तक पहुंच गया था, वहीं प्याज ने भी लोगों को खूब रोलाया.

इन हरी सब्जियों की बढ़ी कीमतें

लहसुन, अदरक, बैंगन, परवल और बींस जैसी अन्य सब्जियों की कीमतों में भी बहुत अधिक बढ़ोतरी देखी गई. रिपोर्ट में कहा गया है कि सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी मौसम के पैटर्न के अनुसार होती है. गर्मियों में सब्जियों की कीमतें बढ़ती हैं और सर्दियों में ताजा स्टॉक बाजार में आने पर कम हो जाती हैं. हालांकि, यह घटना वित्त वर्ष 2024 की सर्दियों में नहीं देखी गई.

मुद्रास्फीति के लिए जिम्मेदार हैं सब्जियां

रिपोर्ट में आगे कहा गया कि सब्जियां वित्त वर्ष 2024 में खाद्य मुद्रास्फीति के लगभग 30 फीसदी के लिए जिम्मेदार थीं, जो कि खाद्य सूचकांक में उनकी 15.5 प्रतिशत हिस्सेदारी से कहीं अधिक है. खास कर अल नीनो की वजह से सब्जी उत्पादन और कीमतें प्रभावित हो रही हैं. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने इस वर्ष दक्षिण-पश्चिम मानसून के सामान्य से अधिक रहने का अनुमान लगाया है, लेकिन वर्षा का वितरण एक महत्वपूर्ण कारक बना हुआ है. जून तक तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है. ऐसे में आने वाले महीनों में सब्जियों की कीमतें ऊंची रहने की संभावना है.

 

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