Farmers protest LIVE updates: पंजाब, हरियाणा और यूपी के किसान अपनी कई मांगों को लेकर आज दिल्ली कूच कर रहे हैं. कई मांगों में सबसे प्रमुख है फसलों की एमएसपी गारंटी का कानून. किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकालने की भी बात कही है. इसे देखते हुए पूरी दिल्ली को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. दिल्ली के सभी बॉर्डर पर चौकसी बढ़ा दी गई है. कंक्रीट और कंटीले तारों के बाड़े लगाए गए हैं. हरियाणा में शंभू बॉर्डर के अलावा कुंडली बॉर्डर, इधर दिल्ली में गाजीपुर बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर पर पुलिस फोर्स को तैनात कर दिया गया है. किसान मजदूर मोर्चा (KMM) और संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक के मांग पत्र में कहा गया है सरकार सभी फसलों की खरीद पर MSP गारंटी अधिनियम बनाए, डॉ. स्वामीनाथन आयोग के निर्देश पर सभी फसलों की कीमतें C2+50 परसेंट फॉर्मूले के अनुसार तय की जाएं, गत्ते का एफआरपी और एसएपी स्वामीनाथन आयोग के फार्मूले के अनुसार दिया जाए, जिससे यह हल्दी सहित सभी मसालों की खरीद के लिए एक राष्ट्रीय प्राधिकरण बन जाए, किसानों और मजदूरों के लिए पूर्ण कर्ज माफी की जाए. इनके अलावा भी और कई मांगें हैं जिसके लिए किसान दिल्ली कूच कर रहे हैं.
पंजाब किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा, ''यह भारतीय इतिहास का एक काला दिन है. किसानों के खिलाफ आंसू गैस का इस्तेमाल किया गया. हम यहां स्पीकर लगा रहे हैं और कल सुबह अपना कार्यक्रम फिर से शुरू करेंगे.' किसान आंदोलन को 13 फरवरी तक के लिए रोक दिया गया था. प्रदर्शन की वजह से दिल्ली-नोएडा-दिल्ली (डीएनडी) फ्लाईवे पर भारी ट्रैफिक जाम देखा गया, क्योंकि किसानों के विरोध के मद्देनजर दिल्ली की सीमाओं पर भारी सुरक्षा के बीच वाहन दिल्ली से नोएडा की ओर आ रहे हैं.
किसान संगठनों ने आज के लिए रोका प्रदर्शन. सीज फायर का ऐलान किया. किसान संगठनों ने कहा कि अब सुबह एक बार फिर वो दिल्ली के लिए आगे बढ़ेंगे. किसान संगठनों ने कहा कि ये हमारे सब्र की जीत है. हमारे करीब 100 लोग जख्मी हुए लेकिन इसके बावजूद हमने सब्र रखा. आपको बता दें किसान संगठनों ने आज के लिए प्रदर्शन को विराम दिया. किसान संगठनों ने कहा कि अब सुबह एक बार फिर वो दिल्ली के लिए आगे बढ़ेंगे. किसान संगठनों ने कहा कि ये हमारे सब्र की जीत है. हमारे करीब 100 लोग जख्मी हुए लेकिन इसके बावजूद हमने सब्र रखा.
खनौरी बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस और पंजाब के किसानों के बीच झड़प हो गई है. किसानों और पुलिस के बीच आमने-सामने भिड़ंत हो गई, जिसमें कई किसान घायल हो गए. दोनों तरफ से जमकर लाठियां चलीं. दो घंटे से लगातार संघर्ष चल रहा है.
एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया है कि किसानों के चल रहे विरोध प्रदर्शन के कारण, पंजाब को पचास प्रतिशत कम डीजल और बीस प्रतिशत कम गैस भेजी गई है.
दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा किसानों के विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर यहां सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण करने टिकरी बॉर्डर पहुंचे.
शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों की ओर से बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की गई. पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों ने हरियाणा पुलिस पर भारी पथराव किया, जिसके जवाब में हरियाणा पुलिस ने पानी की बौछार और आंसू गैस का इस्तेमाल कर स्थिति को नियंत्रण में लिया. कानून सबके लिए बराबर है और हम सभी को इसका सम्मान करना चाहिए.' प्रदर्शन की आड़ में अशांति फैलाने की इजाजत किसी को नहीं है, ऐसे लोगों के खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी.
Gurudev Sri Sri Ravi Shankar
@SriSri
भारत भर के किसानों की अलग-अलग माँगें हैं और वे अलग-अलग परिस्थितियों से गुजर रहे हैं. मैं सभी किसानों से आग्रह करता हूँ कि वे सड़क पर उतरने के बजाय आपस में सलाह-मशवरा करें, और विश्वासपात्र तज्ञों को अपना प्रतिनिधि चुनकर अपनी माँगों को उनके द्वारा तर्कबद्ध रूप से सरकार के सामने प्रस्तुत करें.
राकेश टिकैत, किसान नेता-
हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह किसानों से बात करे, उन्हें रोकने की कोशिश न करे. वे किसान हैं और हमारी सभी मांगें एक जैसी हैं. किसान कभी पीछे नहीं हटेंगे, आंदोलन बंद नहीं करेंगे. वे वापस नहीं जाएंगे. सरकार को उनकी बात सुननी चाहिए.
आंसू गैस के सवाल पर - उन्हें आंसू गैस या लाठीचार्ज करने दीजिए, वे पीछे नहीं हटेंगे. वे किसान हैं. हम सब एक हैं, सबकी मांगें एक जैसी हैं. किसानों से बातचीत से ही इसका समाधान निकलेगा. हम सब एक हैं, जरूरत पड़ी तो हम भी शामिल हो जाएंगे. हमारी एमएसपी, स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू करने समेत कई मांगें हैं.
राकेश टिकैत ने कहा, अगर बीजेपी किसानों की भलाई के लिए काम कर रही है तो एमएसपी दे. रोकने से भी आंदोलन और किसान नहीं रुकेंगे. मध्य प्रदेश में ज्यादा किसानों को गिरफ्तार किया गया, यहां तक कि मध्य प्रदेश के किसानों को भी गिरफ्तार किया गया है. गिरफ़्तारी आंदोलन का हिस्सा है. अगर वे किसानों को भड़काएंगे तो लोकसभा चुनाव पर असर पड़ेगा. पूरे देश में आंदोलन फैलेगा.
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस
@dtptraffic
यातायात सलाह
सिंघु बॉर्डर पर आवाजाही बंद है.
मुकरबा चौक पर ट्रैफिक डायवर्जन किया गया.
मुकरबा चौक पर, हरियाणा जाने के इच्छुक वाहन लोनी बॉर्डर की ओर या मधुबन चौक से रिंग रोड की ओर जा सकते हैं.
शंभू बॉर्डर पर पथराव की खबर है. यहां किसान दिल्ली में घुसने की कोशिश कर रहे हैं. पुलिस इन किसानों को रोकने की कोशिश कर रही है. इसी क्रम में आज किसानों को हटाने के लिए आंसू गैस के गोले दागे गए. पुलिस ने ड्रोन के जरिये किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे हैं. वाटर कैनन का भी प्रयोग किया गया है. अब खबर है कि शंभू बॉर्डर पर पथराव किया गया है.
किसानों के विरोध पर हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा, "वे (किसान) केंद्र सरकार से बात करना चाहते थे और केंद्र सरकार के अधिकारी बात करने के लिए यहां आए हैं. दो बार बातचीत हो चुकी है और वे उनके साथ आगे की बातचीत से इनकार नहीं कर रहे हैं. फिर भी, वे दिल्ली जाने पर अड़े हुए हैं... वे दिल्ली क्यों जाना चाहते हैं? ऐसा लगता है कि उनका कोई और मकसद है... हम शांति भंग नहीं होने देंगे. उन्हें अपना आह्वान वापस लेना चाहिए...''(ANI)
शंभू बॉर्डर अपडेट: शंभू बॉर्डर पर कम से कम 13 लोग घायल हो गए. हरियाणा पुलिस ने पैलेट और आंसू गैस के गोले छोड़े. इसमें ड्रोन का भी इस्तेमाल किया गया है. इससे कई किसानों के घायल होने की सूचना है.(मनजीत सहगल का इनपुट)
जींद में पंजाब सीमा पर पुलिस का किसानों पर एक्शन. वाटर कैनन का प्रयोग किया गया है. आंसू गैस के गोले भी दागे गए. पंजाब से दिल्ली की ओर मार्च कर रहे किसानों को आंसू गैस के गोले और पानी की बौछारों का सामना करना पड़ा क्योंकि पुलिस ने मंगलवार को जींद जिले में खनौरी सीमा से बड़े समूहों को हरियाणा में प्रवेश करने से रोकने की कोशिश की. इससे पहले दिन में, फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी वाला कानून बनाने सहित अपनी मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए 'दिल्ली चलो' मार्च में भाग लेने वाले किसानों को हरियाणा के अंबाला में शंभू सीमा पर इसी तरह की पुलिस कार्रवाई का सामना करना पड़ा. प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि दाता सिंहवाला-खनौरी सीमा पर आंसू गैस के गोले दागे जाने से एक किसान घायल हो गया. मार्च से पहले किसानों के कई समूह भारी बैरिकेड वाली सीमा पर एकत्र हुए थे.
जींद में आंसू गैस का गोला लगने से एक किसान घायल हो गया है. यहां पंजाब बॉर्डर पर पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए कार्रवाई की और आंसू गैस के गोले दागे. इस कार्रवाई में एक किसान के घालय होने की सूचना है. पुलिस किसानों को हटाने के लिए आंसू गैस के गोले दाग रही है. इसमें ड्रोन का इस्तेमाल भी किया जा रहा है.
जींद में पंजाब बॉर्डर पर पुलिस का किसानों पर एक्शन. यहां किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे गए हैं. यहां ड्रोन के जरिये आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं.(परमजीत परमार का इनपुट)
किसान आंदोलन मामले पर पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने केंद्र के साथ-साथ हरियाणा और पंजाब सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है. कोर्ट गुरुवार को अगली सुनवाई करेगा तो दिल्ली सरकार भी अपना पक्ष रखेगी.
इस याचिका में हरियाणा में इंटरनेट पर प्रतिबंध के अलावा, रास्तों को बंद करने के सरकार के फैसले को चुनौती दी गई है. याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि भारत एक लोकतांत्रिक गणराज्य है. यह धर्मनिरपेक्षता, लोकतंत्र, गणतंत्र के स्तंभों पर आधारित है. संविधान के अनुच्छेद 13-40 तक इन सिद्धांतों का विस्तार से बखान है. मौलिक अधिकार सेंसरशिप के बिना इन अधिकारों की स्वतंत्रता के प्रयोग की अनुमति देते हैं.
लेकिन सरकार ने किसानों को रोका है. अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक सड़कों पर कीलें और बिजली के तार लगे हैं. ये देश भर में फ्री आवाजाही के अधिकार का हनन है.(संजय शर्मा का इनपुट)
हाईकोर्ट में पंजाब सरकार के वकील ने कहा कि मुद्दा यह है कि वे (किसान) विरोध प्रदर्शन के लिए आगे बढ़ रहे हैं. पंजाब में इकट्ठा होने के लिए नहीं. पंजाब में कोई सीलिंग नहीं है. यदि वे शांतिपूर्ण विरोध के लिए आगे बढ़ना चाहते हैं तो हम भी इसकी अनुमति दे रहे हैं. भीड़ नियंत्रण आदि के लिए उचित व्यवस्था की गई है. पंजाब सरकार ने कहा कि उनकी मांगें वास्तविक हैं. उन्हें देखने की ज़रूरत है, लेकिन पंजाब को चिंता इसलिए नहीं है क्योंकि वे पंजाब में कोई विरोध प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं.
हाई कोर्ट में हरियाणा सरकार ने कहा कि शांतिपूर्ण विरोध का समर्थन किया जा सकता है. लेकिन यहां वे जनता को असुविधा में डाल रहे हैं. इनके पिछले रिकॉर्ड पर भी नजर डाली जाए तो सब कुछ पता चल जाएगा. एक्टिंग चीफ जस्टिस ने पूछा कि आपको कैसे पता कि वे वही लोग हैं? पंजाब सरकार ने स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय मांगा. कोर्ट ने कहा कि यह कहना बहुत आसान है कि उनके पास अधिकार हैं लेकिन सड़कों पर लोगों की सुरक्षा के लिए राज्य को भी कदम उठाना होगा. उनके भी अधिकार हैं.(संजय शर्मा का इनपुट)
किसान आंदोलन मामले में पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में सुनवाई शुरू. इस याचिका में हरियाणा में इंटरनेट पर प्रतिबंध के अलावा, रास्तों को बंद करने के सरकार के फैसले को चुनौती दी गई है. याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि भारत एक लोकतांत्रिक गणराज्य है. यह धर्मनिरपेक्षता, लोकतंत्र, गणतंत्र के स्तंभों पर आधारित है. संविधान के अनुच्छेद 13-40 तक इन सिद्धांतों का विस्तार से बखान है. मौलिक अधिकार सेंसरशिप के बिना इन अधिकारों की स्वतंत्रता के प्रयोग की अनुमति देते हैं. लेकिन सरकार ने किसानों को रोका है. अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक सड़कों पर कीलें और बिजली के तार लगे हैं. ये देश भर में फ्री आवाजाही के अधिकार का हनन है.(संजय शर्मा का इनपुट)
हरियाणा पुलिस प्रदर्शनकारियों पर नजर रखने के लिए एक तरफ जहां ड्रोन का सहारा ले रही है, वहीं एक बड़ा ड्रोन आ रहा है. इस ड्रोन के जरिए ना केवल नजर रखी जा रही है बल्कि इससे आंसू गैस के गोले फायर किए जा रहे हैं. शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों में अफरा तफरी मच रही है और ये ड्रोन कभी भी यहां पर आंसू गैस के गोले गिरा सकता है. शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस आंसू गैस के गोले छोड़ रही है. अब तक दो दर्जन से ज्यादा गोले दागे जा चुके हैं. जैसे ही प्रदर्शनकारियों ने पुलिस द्वारा लगाई गई बैरिकेडिंग को छूने की कोशिश की तो उन पर आंसू गैस के गोले छोड़ गए. सैकड़ों ट्रैक्टरों में सवार होकर यहां पहुंचे किसान प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस की ओर से लगातार आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं. किसानों ने बताया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, वे नई दिल्ली की ओर मार्च करना जारी रखेंगे.(मनजीत सहगल का इनपुट)
हरियाणा-पंजाब शंभू सीमा पर प्रदर्शनकारी किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने पानी की बौछारें कीं.
किसानों के विरोध को देखते हुए पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरेंद्र सिंह राजा वडिंग ने कहा है कि वह किसानों को कानूनी मदद मुहैया कराएंगे.
प्रदर्शनकारी किसानों ने हरियाणा-पंजाब शंभू सीमा पर फ्लाईओवर सुरक्षा बाधाओं को कर रहे तोड़ने की कोशिश.
किसान आंदोलन को लेकर एआईएमआईएम चीफ औवेसी ने कहा कि यह मोदी सरकार की विफलता है. उन्हें किसानों की मांग पूरी करनी चाहिए थी. स्वामीनाथन आयोग का फार्मूला, एमएसपी गारंटी कानून लागू किया जाए. सरकार समय क्यों बर्बाद कर रही है.
शंभू बॉर्डर पर किसानों का हंगामा जारी है. इस बीच किसान पथराव कर रहे हैं. किसानों पर ड्रोन से आंसू गैस के गोले दागे गए हैं.
पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा, "लगभग 10,000 लोग यहां शंभू सीमा पर पहुंच गए हैं... किसान यहां शांतिपूर्ण स्थिति बनाए हुए हैं... हमारे खिलाफ ड्रोन के जरिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया जा रहा है।" "(विरोध) तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार हमारी मांगें नहीं मान लेती."
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, ''देश में बड़ी-बड़ी पूंजीवादी कंपनियां हैं. उन्होंने एक राजनीतिक पार्टी बनाई है और इस देश पर कब्ज़ा कर लिया है. ऐसे में दिक्कतें तो आएंगी ही. अगर दिल्ली में मार्च कर रहे किसानों के साथ कोई अन्याय होता है या सरकार उनके लिए कोई समस्या पैदा करती है, तो न तो वे किसान हमसे दूर हैं और न ही दिल्ली हमसे दूर है.”
हरियाणा-पंजाब शंभू बॉर्डर पर किसानों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं. इसके साथ ही पुलिस लगातार प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी ले रही है. किसानों ने आंसू गैस से निपटने का उपाय ढूंढ लिया है. अब ट्रैक्टर चलाने वाले किसान गैस मास्क पहन रहे हैं.
प्रदर्शनकारी किसानों ने हरियाणा-पंजाब शंभू सीमा पार करने की कोशिश करते हुए सीमेंट के बैरिकेड हटा दिए. आपको बता दें कि किसानों को रोकने के लिए जो भी इंतजाम किए गए थे वो एक तरह से ध्वस्त होते नजर आ रहे हैं.
पंजाब के स्पीकर कुलतार सिंह संधवा ने कहा कि किसानों से केंद्र सरकार को नहीं टकराना चाहिए क्योंकि किसान खुद ही आर्मी है और खुद ही कुर्बानी देता है. उनसे टकराने वालों का दिमाग खराब हो जाएगा. पंजाब के स्पीकर कुलतार सिंह संधवा ने रोपड़ में कहा है कि किसान के रूप में वह अन्नदाता है और कुर्बानी देने के लिए वह सदा ही आगे रहते हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को रास्ता रोकने के लिए कीलें इत्यादि लगाकर रास्ता रोकना नहीं चाहिए. उन्हें दिल्ली जाने देना चाहिए ताकि वह बात कर सकें. उन्होंने कहा कि हमारा तो गुरु कांटों पर सोता रहा, इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा और ना ही हरियाणा पंजाब कोई अलग हैं.(विजय कपूर का इनपुट)
जयपुर, राजस्थान: किसानों के मार्च पर राज्य के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा का कहना है, "चुनाव नजदीक आने पर आंदोलन किया जा रहा है. इसका मतलब है कि इसमें विपक्षी दल शामिल हैं. यह मार्च किसानों के लिए नहीं बल्कि राजनीतिक दलों को फायदा पहुंचाने के लिए किया जा रहा है."
केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा का बड़ा बयान. मैं अभी भी मानता हूं कि बातचीत के माध्यम से समाधान निकाल सकता है. यह बात किसानों को भी समझना चाहिए. सरकार की पद्धति और मापदंड होते हैं जो ऐसे मामले राज्यों से जुड़े हुए हैं उनके साथ भी बातचीत करना होता है. उसके बाद संगठनों के साथ भी बात करनी होती है. साथ ही साथ अनुकूल और प्रतिकूल विषयों पर भी चर्चा करनी होती है जिससे कि किसानों के हित और देश के हित को देखा जा सके. किसानों को इस बात को समझने की जरूरत है. 2013 और 14 की तुलना में 2023 और 24 में आज एमएसपी की दर क्या है, यह देखना चाहिए. हम भी चाहते हैं कि किसानों को उत्पाद के सही रेट मिले. लेकिन एसपी के के मामले में राजनीति से प्रेरित नहीं होना चाहिए. मैं पॉलीटिकल पार्टी के बारे में यह कहना चाहता हूं किसानों के मामले में उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए, खासकर कांग्रेस की बात करें तो कांग्रेस के शासनकाल में स्वामीनाथन कमेटी की बात आई थी, उस समय इस कमेटी को क्यों खारिज किया गया था. अलग-अलग राज्यों के प्रशासनिक और लॉ एंड आर्डर के लिए व्यवस्था होती है.
किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने 'दिल्ली चलो' मार्च के बारे में पूछे जाने पर कहा, "विभिन्न राज्यों की अलग-अलग मांगें हैं. लेकिन क्या किसान हमेशा विरोध पर रहेंगे, क्या वे हमेशा दिल्ली की ओर मार्च करेंगे? सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए. यह अड़ियल रवैया किसी के लिए अच्छा नहीं हो रहा है."
किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, "यह मार्च (किसान) यूनियन द्वारा बुलाया गया है, लेकिन किसी भी अन्याय की स्थिति में देश भर के किसान उनके साथ हैं. वे अपना पक्ष रखने आ रहे हैं और सरकार को उनकी बात सुननी चाहिए. उन सभी की मांगें समान हैं. ऋणों पर छूट, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करना और एमएसपी के लिए कानून बनाना.''
दिल्ली जा रहे कर्नाटक के किसान उज्जैन भेजे गए, रात में भोपाल में पुलिस ने उतारा
MSP गारंटी कानून और कर्ज माफी को लेकर दिल्ली कूच करने वाले किसानों का जमावड़ा उज्जैन रेलवे स्टेशन पर जब अचानक लगने लगा तो पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया. मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती हो गई. प्रशासनिक अमला भी पहुंचा. उज्जैन पहुंचे किसानो ने नारेबाजी करते हुए अपना विरोध दर्ज किया. हालांकि स्टेशन से बाहर ले जाकर पुलिस ने उन्हें समझाया. किसानों ने रेलवे स्टेशन पर ही नाश्ता पानी किया. किसान मलय ने मीडिया को बताया कि 70 किसानों को रात में भोपाल रेलवे स्टेशन पर जबर्दस्ती पुलिस द्वारा उतार लिया गया. उनके एक साथी को चोंट आई है. मलय ने कहा, हम कर्नाटक से दिल्ली के लिए निकले थे, हमें जबर्दस्ती उज्जैन के लिए रवाना कर दिया गया. अब हम उज्जैन पहुंचे हैं. एमपी पुलिस ने हमारे साथ दुर्व्यवहार किया है.
दिल्ली में किसान आंदोलन को लेकर के पटेल चौक मेट्रो स्टेशन को बंद कर दिया गया है. पटेल चौक मेट्रो स्टेशन पर ताला लगा दिया गया है. केंद्र सचिवालय मेट्रो स्टेशन के शास्त्री भवन वाले गेट को भी सुरक्षा की दृष्टि से बंद दिया गया है. हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर किसान दिल्ली कूच के लिए अड़े हुए हैं. किसानों की जिद को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा कारणों से लाल किला को बंद करने का फैसला लिया है. लाल किले के मेन गेट पर कई लेयर की बैरिकेडिंग की गई है. गेट पर बस, ट्रक खड़ी कर दी गई जिससे कोई गाड़ी से अंदर आसानी से दाखिल न हो पाए.
किसान आंदोलन के मद्देनजर सुरक्षा निर्देशों के अनुसार निम्नलिखित स्टेशनों पर कुछ गेट बंद किए जा सकते हैं. हालांकि, स्टेशन चालू हैं.
1. केन्द्रीय सचिवालय
2. राजीव चौक
3. उद्योग भवन
4. पटेल चौक
5. मंडी हाउस
6. बाराखंभा रोड
7. जनपथ
8. खान मार्केट
9. लोक कल्याण मार्ग (अरविंद ओझा का इनपुट)
किसानों के दिल्ली कूच को लेकर लेकर गाजीपुर बॉर्डर पर बड़े पैमाने पर पुलिस फोर्स तैनात किया गया है. किसानों को बॉर्डर पर ही रोका का जा सके, इसके लिए दिल्ली पुलिस ने दोनों सर्विस रोड को पहले ही सील कर दिया है. साथ ही गाजीपुर बॉर्डर के लिए जाने वाले फ्लाईओवर पर भी बेरेकेड्स लगाए गए हैं जिससे धीमी रफ्तार में यहां से वाहन गुजर पा रहे हैं. ऐसे में बॉर्डर एरिया में गाजियाबाद की तरफ लंबा जाम नजर आ रहा है और वाहनों के निकलने की रफ्तार बेहद धीमी है. इससे आज घरों से बाहर निकले लोगों को अपने गंतव्यों तक जाने में देरी हो रही है और परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. लंबा जाम यहां नजर आ रहा है. वही गाजियाबाद पुलिस भी जाम से लोगों को निकालने में जुटी है. गाजियाबाद ट्रांस हिंडन जोन के डीसीपी निमिष पाटिल के अनुसार यहां गाजियाबाद पुलिस की तरफ से भी भारी पुलिस बल को तैनात किया गया है. क्युआरटी टीम के अलावा पीएसी भी गाजीपुर बॉर्डर पर तैनात की गई है. डीसीपी ट्रांस हिंडन निमिष पाटिल ने बताया कि किसानों को लेकर पुलिस अलर्ट मोड पर है. हाईवे पर लगे जाम को भी खुलवाने के लिए ट्रैफिक पुलिस लगी हुई है. उन्होंने बताया कि अभी किसानों के आने को लेकर कोई इनपुट नहीं है और अगर किसान आते हैं तो उन्हें रोकने के लिए प्रयाप्त फोर्स लगाई गई है.(मयंक गौड़ का इनपुट)
सिंघु बॉर्डर के फ्लाईओवर पर दोनों लेन को हरियाणा से आने वाले ट्रैफिक के लिए रोक दिया गया है. सिंघु बॉर्डर से आधा किमी पहले ही बैरिकेड लगाकर ट्रैफिक रोक दिया गया है. इसके साथ ही दिल्ली से हरियाणा आने वाले ट्रैफिक को भी सिंघु बॉर्डर के फ्लाईओवर के एंट्री गेट पर बैरिकेड लगाकर रोक दिया गया है. सिंघु बॉर्डर पर जगह-जगह लाउडस्पीकर लगाए गए हैं ताकि अप्रिय घटना की स्थिति में उससे अनाउंसमेंट किया जा सके.(नासिर हुसैन का इनपुट)
हरियाणा-पंजाब के बॉर्डर पर स्थित शंभू बॉर्डर पर पुलिस ने किसानों को हटाने के लिए ड्रोन के जरिये आंसू गैस के गोले छोड़े हैं. यहां किसान दिल्ली कूच के लिए जमावड़ा लगा रहे हैं जबकि पुलिस उन्हें रोकने का हर संभव प्रयास कर रही है. इसी क्रम में किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने ड्रोन से आंसू गैस के गोले छोड़े.(मनजीत सहगल का इनपुट)
फतेहगढ़ साहिब: पंजाब किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंधेर का कहना है, "...कांग्रेस पार्टी हमारा समर्थन नहीं करती है, हम कांग्रेस को भी उतना ही जिम्मेदार मानते हैं जितना बीजेपी को. ये कानून कांग्रेस ही लेकर आई है...हम इसमें नहीं हैं. किसी का पक्ष हो, हम किसानों की आवाज उठाते हैं...''
जब मोदी सरकार का इतिहास लिखा जाएगा तो किसानों पर अत्याचार के रूप में लिखा जाएगा... दिल्ली किले में तब्दील हो गई... सीमाएं सील होने से किसानों को शहर में आने की इजाजत नहीं है... कीलें लगा दी गई हैं.
सूत्रों के मुताबिक, किसान मजदूर मोर्चा दो सीमाओं पर पूरा फोकस कर रहा है.
शंभू सीमा पर मौजूद लोग सिंघु सीमा की ओर मार्च करेंगे.
खनौरी बॉर्डर पर मौजूद लोग टिकरी बॉर्डर की ओर मार्च करेंगे.
डबवाली बॉर्डर पर भी होगी सभा.
सभी सीमाएं पंजाब और हरियाणा से लगती हैं.
यूपी से ग़ाज़ीपुर बॉर्डर की ओर मार्च की अभी कोई योजना नहीं है, हालांकि पुलिस बैरिकेडिंग के साथ तैयार है.
सबसे पहले सभी बैरिकेड्स को तोड़ने की कोशिश करने की योजना है. शंभू बॉर्डर पर अगर बैरिकेड्स नहीं टूटे तो कुछ देर के लिए शंभू बॉर्डर पर रुकेंगे.
दिल्ली तक ट्रैक्टर से या उसके बिना पहुंचने का प्रयास किया जाएगा.
इस बीच यह आकलन किया जा रहा है कि किसानों को फिर से सीमाओं तक पहुंचने के लिए सभी संभावित बाधाओं को पार करने में कितना समय लगेगा.(मिलन शर्मा का इनपुट)
शंभू बॉर्डर पर करीब 10 किलोमीटर के एरिया में पूरा इंटरनेट बंद है. ऐसा कहां जा रहा था कि पंजाब सरकार का किसानों के सपोर्ट में है लेकिन जिस तरह से इंटरनेट बंद किया गया है उसे देखते हुए ऐसा नहीं लग रहा. पूरे शंभू बॉर्डर पर हजारों की संख्या में ट्रैक्टर ट्रालियों पर किसान बैठकर आ रहे हैं और उनकी तैयारी एक-दो दिन की नहीं है उनकी तैयारी लंबे वक्त तक दिल्ली में बैठने की है. वह राशन लेकर आ रहे हैं. साथ में खाट लेकर आ रहे हैं. गर्म कपड़े रजाई गद्दे सब साथ में लिए हुए हैं. शंभू बॉर्डर पर इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद होने की वजह से कोई कम्युनिकेशन नहीं हो पा रहा है. मोहाली की तरफ मोहाली चंडीगढ़ की तरफ उसके बाद संपर्क हो पा रहा है.(ओमप्रकाश का इनपुट)
किसान मजदूर मोर्चा: हमने केंद्रीय मंत्रियों के साथ 5 घंटे बिताए, उम्मीद है कि कुछ समाधान निकलेगा, हम केंद्र सरकार के साथ टकराव नहीं चाहते हैं. मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा. हरियाणा में किसानों को धमकाया जा रहा है. सरकारी अधिकारी, पटवारी गांवों का दौरा कर रहे हैं, किसानों को धमका रहे हैं, कह रहे हैं कि आपके बच्चों को पढ़ाई पूरी नहीं करने देंगे. किसानों को धमकी दी जा रही है, पासपोर्ट रद्द कर दिए जाएंगे. आंदोलन रोकेने के लिए पंजाब-हरियाणा और दिल्ली-हरियाणा की सीमाओं पर कंक्रीट की दीवारें बनाई गई हैं.(अमित का इनपुट)
केजरीवाल सरकार ने एक आधिकारिक बयान में कहा है कि उन्होंने बवाना स्टेडियम को जेल में बदलने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है.
दिल्ली की AAP सरकार ने कहा, किसानों की मांगें जायज़ हैं. शांतिपूर्ण प्रदर्शन संविधान में हर नागरिक का अधिकार है. किसान इस देश के अन्नदाता हैं. अन्नदाता को जेल में डालना गलत है. बवाना स्टेडियम को जेल बनाने की इजाजत नहीं दी जा सकती.(पंकज जैन का इनपुट)
सिंघु बॉर्डर पर काले तेल के ड्राम लाए गए हैं. ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि अगर किसान घोड़ों से दिल्ली में प्रवेश करने की कोशिश करेंगे तो उन्हें दिक्कत होगी. घोड़े तेल पर फिसल जाएंगे और आगे नहीं बढ़ पाएंगे.(नासिर हुसैन का इनपुट)
किसानों के दिल्ली मार्च के मद्देनजर दिल्ली-नोएडा बॉर्डर कालिंदी कुंज पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम, भारी पुलिस फोर्स तैनात. नोएडा से दिल्ली आने वाली सड़क पर जाम. नोएडा एक्सटेंशन-किसानों के दिल्ली कूच एलान का असर, नोएडा एक्सटेंशन में लगा भीषण जाम. जाम के कारण दफ्तर जाने वाले लोगों को हो रही है परेशानी. नोएडा एक्सटेंशन में रेंग रेंग कर चल रही हैं गाड़ियां, गौर सिटी मॉल के पास लगा भीषण जाम. एक्सटेंशन के हाईराइज हाउसिंग सोसायटी में ऑफिस जाने वाले लाखों लोग जाम से प्रभावित.(अरुण त्यागी, आशुतोष मिश्रा का इनपुट)
सूत्रों के हवाले से ख़बर. दिल्ली के सभी बॉर्डर पर 10 अर्द्ध सैनिक बलों की कंपनियां तैनात की गई हैं. ज़रूरत पड़ने पर स्टैंडबाय में मौजूद 5 अर्द्ध सैनिक बलों की कंपनियों को तैनात किया जाएगा.(जितेंद्र सिंह का इनपुट)
शंभू बॉर्डर अपडेट:
पंजाब से किसानों को लेकर करीब एक दर्जन ट्रैक्टर शंभू बॉर्डर पर पहुंचे हैं. पंजाब पुलिस की ओर से कोई प्रतिरोध नहीं किया गया. पुलिस द्वारा सीमा सील कर दिए जाने के कारण किसान हरियाणा में प्रवेश नहीं कर पा रहे हैं.
CAIT ने एक बयान में कहा है कि अपने मुद्दों के लिए आवाज़ उठाना हर किसी का लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन यह सुनिश्चित करना भी उनका कर्तव्य है कि उनके विरोध प्रदर्शन से दूसरों के लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन न हो. ऐसे में कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने किसान आंदोलन को लेकर हो रहे बयानों पर चिंता जताई है, जिससे दिल्ली के व्यापारी चिंतित हैं. हालांकि, उन्हें भरोसा है कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि आंदोलन का दिल्ली के कारोबार पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े. CAIT ने दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना से किसान आंदोलन के बीच दिल्ली में माल की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करने की अपील की है और इस प्रयास में सरकार का समर्थन करने के लिए तैयार है.
किसान आंदोलन के चलते किसान आज श्री गंगानगर से पंजाब के रास्ते दिल्ली की तरफ करेंगे कूच. 2 बजे कालू गुरुद्वारा नेशनल हाइवे 62 से किसान होंगे रवाना. किसानों को रोकने के लिए पंजाब ,राजस्थान के साधुवाली बॉर्डर को किया गया सील. साधुवाली बॉर्डर पर 2 जिलों का पुलिस जाप्ता किया गया तैनात. श्री गंगानगर अनुपगढ़ जिलों में इंटरनेट सेवा की गई बंद.
13 फरवरी को गैर राजनीतिक संयुक्त किसान मोर्चा और विभिन्न किसान संगठनों ने दिल्ली कूच का ऐलान किया है, जिसके चलते बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टर ट्रॉलियों पर सवार होकर दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं. इसके लिए प्रशासन ने सड़कों पर जाम लगा दिया है. बड़े-बड़े बैरिकेड्स लगाए गए हैं. वहीं अमृतसर में जहां किसान युवा संघर्ष कमेटी ट्रैक्टर ट्रॉलियों का काफिला लेकर गई है, वहीं पत्रकारों से बातचीत के दौरान किसान एक जेसीबी भी ले जा रहे हैं. बड़े-बड़े बैरेज लगाए गए हैं, ताकि उन सड़कों को खाली किया जा सके और बैरेजों को हटाया जा सके. कई अन्य किसान संगठन भी अपने साथ जेसीबी जैसी बड़ी मशीनें ला रहे हैं ताकि शंभू सीमा पर बड़े-बड़े अवरोधों को हटाया जा सके. किसानों ने कहा कि इस बार किसान मांग मनवा कर ही लौटेंगे. किसानों की मांग है कि सभी बिलों को रद्द कर उनकी मांगों को पूरा किया जाए. अगर केंद्र सरकार किसानों के साथ टकराव की स्थिति पैदा नहीं करना चाहती है तो उन्हें आज ही किसानों की मांगों को मान लेना चाहिए.(अमित शर्मा का इनपुट)
किसानों का दिल्ली चलो मार्च: “पंजाब के फतेहगढ़ साहिब में एक संवाददाता सम्मेलन में किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि "हमने कहा है कि हम बातचीत के लिए दरवाजे खुले रखेंगे. अगर सरकार चाहे तो कभी भी घोषणा कर सकती है. हालांकि, वे केवल हमारे विरोध को विलंबित करना चाहते हैं. एमएसपी अधिनियम के बारे में बात करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वे एक समिति बनाएंगे. सीएसीपी ने 23 फसलों के लिए एमएसपी की सिफारिश की है. हमने उनसे कहा कि इस बारे में कानूनी गारंटी दी जानी चाहिए. हमने कहा कि सरकार को एक समिति बनाने के बजाय, हमें एक तर्क देना चाहिए. (पीटीआई)
केंद्र सरकार और किसान यूनियनों के बीच बातचीत विफल होने के बाद शंभू बॉर्डर पर ट्रैक्टर पहुंचने शुरू हो गए हैं.
-किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, वे अपना दिल्ली चलो मार्च जारी रखेंगे
-किसान यूनियनों ने 12 मांगों को आगे बढ़ाया था, जिनमें से तीन प्राथमिक मांगों पर कोई सहमति नहीं थी, जिसमें एमएसपी पर एक कानून, सभी फसलों पर एमएसपी और कृषि ऋण माफी शामिल था.
फतेहगढ़ साहिब: पंजाब किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंधेर का कहना है, "...कांग्रेस पार्टी हमारा समर्थन नहीं करती है, हम कांग्रेस को भी उतना ही जिम्मेदार मानते हैं जितना बीजेपी को. ये कानून कांग्रेस ही लेकर आई है...हम इसमें नहीं हैं." किसी का पक्ष हो, हम किसानों की आवाज उठाते हैं...''(एएनआई)
फतेहगढ़ साहिब: पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंधेर कहते हैं, "हमने एक समाधान खोजने की कोशिश की ताकि हमें सरकार के खिलाफ खड़ा न होना पड़े. हम उम्मीद कर रहे थे कि हमें कुछ दिया जाएगा. 5 घंटे की लंबी वार्ता में कल बैठक में हमने हरियाणा की स्थिति सामने रखी...पंजाब और हरियाणा के लोगों पर अत्याचार किया जा रहा है. ऐसा लगता है कि ये दोनों राज्य अब भारत का हिस्सा नहीं हैं, इन्हें अंतरराष्ट्रीय सीमा माना जा रहा है...'' (एएनआई)
किसानों का 'दिल्ली चलो' मार्च: सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आदिश अग्रवाल ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) को पत्र लिखकर दिल्ली में प्रवेश करने की कोशिश करने वाले किसानों पर उपद्रव पैदा करने और नागरिकों के दैनिक जीवन को परेशान करने का आरोप लगाते हुए स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करने को कहा. . उन्होंने सीजेआई से अदालतों को निर्देश जारी करने का भी अनुरोध किया कि अदालतों के समक्ष वकीलों की गैर-मौजूदगी के कारण कोई प्रतिकूल आदेश पारित न किया जाए. (एएनआई)
आज के किसान मार्च पर एसकेएम ने कहा कि एसकेएम ने पहले स्पष्ट किया है कि उसने 13 फरवरी को दिल्ली चलो का आह्वान नहीं किया है. इस विरोध कार्रवाई से एसकेएम का कोई लेना-देना नहीं है. हालांकि, एसकेएम के अलावा अन्य संगठनों को विरोध करने का अधिकार है और यह केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि वह अत्यधिक राज्य दमन का पालन करने के बजाय ऐसे विरोध प्रदर्शनों को लोकतांत्रिक तरीके से व्यवहार करे.एसकेएम ने पीएम मोदी से यह स्पष्ट करने का आग्रह किया कि उनकी सरकार लोगों की आजीविका की मांगों पर 16 फरवरी 2024 को राष्ट्रव्यापी ग्रामीण बंद और औद्योगिक/सेक्टोरल हड़ताल के आह्वान के संदर्भ में किसानों और श्रमिकों के मंच से चर्चा के लिए तैयार क्यों नहीं है?
फतेहगढ़ साहिब, पंजाब: किसान नेता लखविंदर सिंह का कहना है, ''...लोग तैयार हैं और बैठक भी हो रही है...हम आम आदमी को असुविधा नहीं पहुंचाना चाहते...जैसे ही हमें निर्देश मिलेगा बैठक के बाद हम आगे बढ़ेंगे.” (एएनआई)
चंडीगढ़: फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित अपनी मांगों को लेकर दो केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक बेनतीजा रहने के बाद किसान मंगलवार को दिल्ली की ओर मार्च करेंगे.हरियाणा में अधिकारियों ने प्रस्तावित मार्च को विफल करने के लिए कंक्रीट ब्लॉकों, लोहे की कीलों और कंटीले तारों का उपयोग करके अंबाला, जिंद, फतेहाबाद, कुरूक्षेत्र और सिरसा में कई स्थानों पर पंजाब के साथ राज्य की सीमाओं को मजबूत कर दिया है.हरियाणा सरकार ने भी सीआरपीसी की धारा 144 के तहत 15 जिलों में प्रतिबंध लगा दिया है, जिसमें पांच या अधिक लोगों के इकट्ठा होने और ट्रैक्टर ट्रॉलियों के साथ किसी भी तरह के प्रदर्शन या मार्च पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. (पीटीआई)
दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर आज से शुरू होने वाले किसानों के प्रत्याशित विरोध प्रदर्शन के कारण, यातायात में परिवर्तन प्रभावी रहेगा. वाणिज्यिक वाहनों के लिए, यातायात प्रतिबंध और डायवर्जन 12 फरवरी से लागू किए जाएंगे. समय पर आगमन सुनिश्चित करने के लिए, हम यात्रियों को सुविधाजनक परिवहन विकल्पों के लिए टर्मिनल 1 (टी1) के लिए मैजेंटा लाइन या टर्मिनल 3 (टी3) के लिए एयरपोर्ट मेट्रो का उपयोग करने के लिए दृढ़ता से प्रोत्साहित करते हैं: दिल्ली एयरपोर्ट (एएनआई)
किसान मंगलवार सुबह अपना 'दिल्ली चलो' मार्च शुरू करने के लिए तैयार हैं, एक किसान नेता ने यहां कहा कि उनकी मांगों पर दो केंद्रीय मंत्रियों के साथ उनकी पांच घंटे की लंबी बैठक बेनतीजा रही.हालांकि, केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा, जो खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल के साथ किसान नेताओं के साथ दूसरे दौर की वार्ता में शामिल हुए, ने कहा कि अधिकांश मुद्दों पर सहमति बन गई है और कुछ अन्य मुद्दों को हल करने के लिए एक फार्मूला प्रस्तावित किया गया है. उन्होंने कहा, "हमें अभी भी उम्मीद है कि किसान संगठन बातचीत करेंगे... हम आने वाले दिनों में मुद्दों को सुलझाने की कोशिश करेंगे." (पीटीआई)
चंडीगढ़: केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच हुई बैठक पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा का कहना है, "...किसानों के साथ हर विषय पर गंभीर चर्चा हुई. सरकार बातचीत से हर समाधान निकालना चाहती है... हम एक समझौते पर पहुंचे कुछ विषयों पर. लेकिन कुछ विषय ऐसे थे जिनके स्थाई समाधान के लिए हमने कहा कि एक कमेटी बनानी चाहिए... किसी भी समस्या का समाधान चर्चा से हो सकता है. हमें उम्मीद है कि हम समाधान निकालेंगे... हमारा मकसद यही है कि किसानों और जनता के अधिकार सुरक्षित हैं. (एएनआई)
फतेहगढ़ साहिब, पंजाब: पंजाब किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंधेर का कहना है, ''कल मंत्रियों के साथ करीब 5 घंटे तक बैठक चली. हमने उनके सामने एक एजेंडा रखा. केंद्र सरकार उस पर सहमति नहीं बना पाई है.'' किसी भी बात पर कड़ा फैसला. सरकार हमसे आंदोलन रोकने के लिए समय मांग रही है. लेकिन उन्होंने हमसे 2 साल पहले भी समय मांगा था, जब किसानों का आंदोलन खत्म हुआ था. हमने सोचा कि अब समय देना उचित नहीं है. अगर है तो मजबूत प्रस्ताव है तो हम समय देने के बारे में सोच सकते हैं लेकिन उनके पास कुछ भी नहीं है..."(एएनआई)