13 फरवरी को किसानों के प्रस्तावित दिल्ली कूच करने के आह्वान के बाद पुलिस की तरफ से तैयारियां तेज कर दी गई हैं. सिंघू बॉर्डर पर फोर्स की तैनाती की गई है. साथ ही गाजीपुर में भी बैरिकेडिंग की जा रही है. नॉर्थ दिल्ली में धारा 144 लागू कर दी गई है. इधर, चंडीगढ़ से सटे हरियाणा के पंचकूला समेत कई जिलों में भी धारा 144 लागू कर दी गई है. इससे पहले अंबाला व सोनीपत में भी धारा 144 लगाई गई है. इस दौरान पांच या पांच से अधिक व्यक्तियों के इकट्ठे होने पर प्रतिबंध लगाया गया है. पैदल या ट्रैक्टर ट्रालियों व अन्य वाहनों के साथ जलूस निकालने, प्रदर्शन करने, मार्च पास्ट करने, किसी भी लाठी, डंडा, अथवा हथियार लेकर चलने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है.
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने 13 फरवरी 2024 से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रस्तावित किसान विरोध प्रदर्शन को देखते हुए ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की है.
किसानों के दिल्ली-चलो विरोध प्रदर्शन से पहले सिंघू बॉर्डर के पास सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, जिससे शाम को जीटी करनाल रोड पर भारी ट्रैफिक जाम देखा गया. जांच और सुरक्षा इंतजामों के चलते वाहन रेंग-रेगंकर चलते रहे.
झज्जर के एसपी अर्पित जैन ने कहा कि आज हमारी कंपनियों ने अनुशासन पूर्वक तैयारियों को लेकर अभ्यास किया है. आज दो कंपनियों का अभ्यास था.अपने जिले की 8 कंपनी बनाई है. 2 कंपनी बाहर से आ चुकी है. एक और कंपनी आएगी, कुल मिलाकर 11 कंपनी मौजूद रहेगी. दिल्ली पुलिस के साथ भी समन्वय हो रहा है. सभी DCP से बातचीत हो रही है.आधुनिक तकनीक का भी सहारा लिया जा रहा है. ITBP और पुलिस के मुलाजिम तैनात हैं."
13 फरवरी को 'दिल्ली-चलो' विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए किसान पंजाब के बठिंडा से दिल्ली के लिए रवाना हुए.
दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा 13 फरवरी को किसानों के दिल्ली मार्च के आह्वान से पहले यहां सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण करने के लिए टिकरी बॉर्डर पहुंचे.
संयुक्त किसान मोर्चा ने समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों से 16 फरवरी को भारत बंद का आह्वान किया है. एसकेएम नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार की कॉर्पोरेट समर्थक, किसान और कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ 16 फरवरी को भारत बंद के आह्वान को लेकर लोगों में काफी उत्साह है. इसे सफल बनाने के लिए बड़े स्तर पर लामबंदी अभियान चल रहा है. आढ़ती संघों, व्यापारी संगठनों, ट्रक यूनियनों, निजी बस ऑपरेटरों के संगठनों ने एसकेएम को अपने समर्थन का आश्वासन दिया है.
दिल्ली पुलिस ने कहा कि जानकारी मिली है कि कुछ किसान संगठनों ने एमएसपी पर कानून और अन्य मांगों को लेकर अपने समर्थकों से 13 फरवरी को दिल्ली में इकट्ठा होने/मार्च करने का आह्वान किया है. उनकी मांगें पूरी होने तक दिल्ली की सीमा पर बैठने की संभावना है। किसी भी अप्रिय घटना से बचने और कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए, क्षेत्र में जीवन और संपत्ति को बचाने के लिए धारा 144 आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973 का एहतियाती आदेश जारी करना आवश्यक है.
किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में 11 फरवरी से 144 धारा लागू कर दी गई है. किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए और
कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए ऐसा किया गया है.
MSP के लिए कानूनी गारंटी और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने समेत अन्य मांगों को लेकर किसानों ने 13 फरवरी को दिल्ली कूच का ऐलान किया है. किसानों के ऐलान के बाद दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों को रोकने के लिए तैयारियां शुरू कर दी है.हरियाणा और दिल्ली पुलिस ने टिकरी बॉर्डर पर कंक्रीट के बड़े-बड़े बैरिकेड्स लगा दिए हैं. दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर भी सीमेंट और कंक्रीट की बड़ी-बड़ी बैरिकेडिंग लगाई गई हैं.
किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल और सरवन सिंह पंढेर से कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल, नित्यानंद राय मिलेंगे. किसान नेताओं के साथ केंद्रीय मंत्रियों की एक और बैठक 12 फरवरी को चंडीगढ़ में बुलाई गई है.
अंबाला, फतेहाबाद और सिरसा समेत हरियाणा के तीन जिलों में पंजाब-हरियाणा सीमाएं सील कर दी गईं. पुलिस ने राजमार्गों को अवरुद्ध करने के लिए भारी कंक्रीट संरचनाएं, भारी वाहन लगाए हैं.किसान आंदोलन को रोकने के लिए शंभू बॉर्डर पर नदी तल को खोद दिया गया है.एहतियात के तौर पर अगले तीन दिनों के लिए अंबाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, जिंद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा सहित हरियाणा के सात जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं और थोक एसएमएस सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं।
हरियाणा पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे दिल्ली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर न जाएं क्योंकि बैरिकेडिंग के बाद उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है. पुलिस ने दिल्ली या चंडीगढ़ पहुंचने के लिए निम्नलिखित वैकल्पिक सड़कों का सुझाव दिया है.
चंडीगढ़ से दिल्ली जाने वाले यात्रियों को वैकल्पिक मार्ग लेने के लिए कहा गया है-
वाया डेराबस्सी, बरवाला/रामगढ़, साहा, शाहबाद, कुरूक्षेत्र,
या पंचकुला, NH-344 यमुनानगर इंद्री/पिपली, करनाल के माध्यम से.
इस बार विरोध में विरोध की तीव्रता और पैमाने की कमी हो सकती है जो हमने 2020-21 में दो कारणों से देखा था-
-एक तो संघ और राज्य सरकारें बातचीत के लिए पूर्व संघों से संपर्क कर रही हैं. दूसरे दौर की बातचीत सोमवार शाम 5 बजे चंडीगढ़ में होनी है।
-कई पूर्व यूनियनों ने दिल्ली चलो मार्च से दूरी बना ली है
किसानों के दिल्ली मार्च को लेकर एक खुफिया रिपोर्ट मिल रही है इसके अनुसार आंदोलन में 15-20 हजार किसान दो से ढाई हजार ट्रैक्टर में सवार होकर एक साथ आ सकते हैं.इस तरह के आंदोलन के लिए किसान ट्रैक्टरों से कई रिहर्सल कर चुके हैं. अब तक ऐसी 40 रिहर्सल और मार्च (हरियाणा में 10 और पंजाब में 30) हो चुके हैं. इनमें सबसे ज्यादा पंजाब के गुरुदासपुर में 15 हुए हैं. खबर यह है कि इस आंदोलन में शामिल होने के लिए पंजाब ,हरियाणा ,राजस्थान,उत्तर प्रदेश , केरल और कर्नाटक से किसान आयेंगे. अब तक इस आंदोलन को लेकर किसान संगठन 100 से ज्यादा मीटिंग कर चुके हैं.
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खुफिया जानकारी यह मिली है कि असमाजिक तत्व इस आंदोलन में शामिल होकर कानून व्यवस्था खराब कर सकते हैं. इशलिए सुरक्षा व्यवस्था पर खासा ध्यान दिया जा रहा है. विरोध में शामिल होने के लिए किसान कारों,बाइक ,मेट्रो,रेल या बस से आ सकते हैं. इसके अलावा कुछ किसान गुपचुप तरीके से पहले आकर पीएम, गृहमंत्री, कृषि मंत्री और बीजेपी के बड़े नेताओं के घर के बाहर इकठ्ठा हो सकते हैं. इतना नहीं दिल्ली में घुसने के लिए बच्चो और महिलाओं को आगे कर सकते है. अलर्ट के मुताबिक किसान हरियाणा और पंजाब से अपने साथ राशन लेकर आ सकते हैं. क्योंकि किसानों का प्लान लंबे समय तक धरना प्रदर्शन करके का है.इसे देखते हुए पुलिस ने कहा है कि अफवाह ना फैलाई जाए और सोशल मीडिय़ा पर निगरानी रखने की जरूरत है. साथ ही दिल्ली के अंदर और दिल्ली के बॉर्डर पर कड़ी सुरक्षा की जरूरत है.