Chhattisgarh Election 2023: सरगुजा की जनता का बदला लग रहा मिजाज, रेणुका सिंह ने मुकाबले को बनाया दिलचस्प

Chhattisgarh Election 2023: सरगुजा की जनता का बदला लग रहा मिजाज, रेणुका सिंह ने मुकाबले को बनाया दिलचस्प

छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में इस बार आदिवासी बहुल सरगुजा संभाग का माहौल बदला हुआ लग रहा है. पिछले चुनाव में सरगुजा के राजा टीएस सिंह देव काे सीएम बनाने की सरगुजा के लोगों की उम्मीदें पूरी नहीं हुई. इससे लोगों में नाराजगी की स्थिति को भांपते हुए भाजपा ने इस संभाग की भरतपुर सोनहत सीट से आदिवासी समुदाय की रेणुका सिंह को चुनाव मैदान में उतारकर भविष्य के कुछ संकेत दिए हैं.

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न‍िर्मल यादव
  • Raipur,
  • Dec 02, 2023,
  • Updated Dec 02, 2023, 8:51 AM IST

भाजपा ने छत्तीसगढ़ सहित 5 राज्यों विधानसभा चुनाव में केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को उतार कर नया प्रयोग किया है. इस कड़ी में पार्टी ने जनजातीय मामलों की केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह को कोरिया जिले की भरतपुर सोनहत सीट से उम्मीदवार बनाया है. फायरब्रांड नेता की छवि वाली राज्य मंत्री रेणुका सिंह को इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले का सामना करना पड रहा है. राजनीति के पंडितों का मानना है कि पिछले चुनाव में कांग्रेस द्वारा सरगुजा के राजा टीएस सिंह देव काे सीएम नहीं बनाने से इस इलाके के लोगों में रोष है और इस स्थिति का फायदा उठाने के लिए ही भाजपा ने रेणुका सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है. दरअसल, सरगुजा रियासत से ताल्लुक रखने वाले उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव को मुख्यमंत्री बनाए जाने की आस में यहां के लोगों ने 2018 में संभाग की सभी 14 सीटें कांग्रेस की झोली में डाल दी थीं. लोगों को उम्मीद है कि रेणुका सिंह भविष्य की सीएम हो सकती हैं, इसलिए इस उम्मीद को पूरा करने के लिए सरगुजा की सभी 14 सीटों पर इस चुनाव में हवा का रुख बदला हुआ लग रहा है.

सीट का समीकरण

केंद्रीय मंत्री के उम्मीदवार बनने से भरतपुर सोनहत सीट इस बार हाई प्रोफाइल सीट हो गई है. अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित इस सीट से वर्तमान विधायक कांग्रेस के गुलाब कमरो हैं. कांग्रेस ने गुलाब कमरो को ही इस बार भी उम्मीदवार बनाया है जबकि भाजपा ने गोंड समुदाय से ताल्लुक रखने वाली केन्द्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह को इस सीट पर उतारा हैं. गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने इस सीट पर मुकाबले को रोचक बनाते हुए गोंड नेता श्याम सिंह मरकाम को उम्मीदवार बना दिया. इससे कांग्रेस और भाजपा के लिए त्रिकोणीय मुकाबला हो जाने के कारण कड़ी टक्कर मिल रही है.

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रेणुका सिंह का सियासी सफर

कोरिया जिले के पोंडी गांव में 5 जनवरी 1964 को जन्मी रेणुका सिंह केंद्र सरकार में 7 जुलाई 2021 से जनजातीय मामलों की राज्य मंत्री हैं. वह 2003 के विधानसभा चुनाव में पहली बार वह प्रेमनगर सीट से चुनी गईं और छत्तीसगढ़ सरकार में महिला एवं बाल विकास और परिवार कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनी.

वह 2008 में फिर इसी सीट से विधायक चुनी गईं, लेकिन 2013 के विधानसभा चुनाव में, वह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता खेलसाय सिंह से इस सीट पर हार गईं. खेलसाय सिंह से इस हार का बदला उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में लिया, जब उन्होंने सरगुजा संसदीय सीट पर खेलसाय को 1.5 लाख से ज्यादा वोटों से हरा दिया. इसके पुरस्कार स्वरूप ही उन्हें मोदी सरकार में जनजातीय मामलों का राज्य मंत्री बनाया गया.

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बाहरी बनाम स्थानीय बना मुद्दा

कांग्रेस ने इस चुनाव में भाजपा उम्मीदवार रेणुका सिंह को बाहरी बताकर इसे चुनावी मुद्दा बनाया है. भरतपुर सोनहत सीट से पहली बार चुनाव लड़ रही रेणुका सिंह‍ इसके जवाब में सोनहत को अपना मायका बता रही हैं. हालांकि उन्होंने इस मुद्दे को निराधार बताते हुए हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को विदेशी करार देने वाला एक विवादित बयान दिया. उनके बयान की तीखी प्रतिक्रिया भी हुई.

साथ ही भाजपा खेमे में रेणुका सिंह काे अंदरूनी तौर पर भितरघात का भी सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में त्रिकोणीय मुकाबले का लाभ उठाने के अवसर को लपकने की भाजपा की कोशिशें, भितरघात की आशंका और बाहरी उम्मीदवार होने के मुद्दे के कारण परेशानी का सबब साबित हो सकती हैं.

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