भारत में एक बार फिर मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. देश के कई राज्यों में जहां मॉनसून एक्टिव हो गया है. इसके चलते उत्तराखंड और हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्यों में जमकर बारिश हो रही है. मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, दिल्ली-NCR मेंबिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, लद्दाख, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, दक्षिण भारत और नॉर्थ ईस्ट में इस बार अच्छी बारिश होगी. मॉनसून के एक्टिव होने से खेती से जुड़ी गतिविधियां भी बढ़ गई हैं. मौसम के अलावा आप यहां किसानों को मिलने वाली सरकारी स्कीम के फायदे और अन्य किसानों से जुड़ी खबरें पढ़ सकते हैं.
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) ने खनौरी और शंभू बॉर्डर पर हुए किसान आंदोलन के खर्च का ब्योरा दिया है. इसी के साथ मोर्चा ने यह भी बताया है कि उनकी आगे की रणनीति क्या है. इस बारे में किसान मोर्चा ने चंडीगढ़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और अगले किसान आंदोलन के बारे में बताया. मोर्चा ने कहा कि 5 जुलाई को MSP गारंटी कानून के मुद्दे पर तमिलनाडु के कोयंबटूर में विशाल किसान महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है.
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को, देशभर में बागवानी फसलों के क्षेत्रफल व उत्पादन के वर्ष 2024-25 के द्वितीय अग्रिम अनुमान जारी करते हुए बताया कि बागवानी फसलों का क्षेत्रफल पिछले साल से से 1.81 लाख हेक्टयर बढ़कर 292.67 लाख हेक्टयर हो गया है. उन्होंने बताया कि बागवानी फसलों का उत्पादन 3.66% की वृद्धि के साथ रिकॉर्ड 3677.24 लाख टन हो गया, वहीं 2023-24 की तुलना में बागवानी फसलों का उत्पादन 129.80 लाख टन ज़्यादा है.
अमरावती जिले के तिवसा तहसील के शिरजगांव, मोझरी, अनकवाडी सहित कई ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को इस खरीफ सीजन की शुरुआत में ही बड़ा झटका लगा है. यहां करीब 60 हेक्टेयर क्षेत्र में बोए गए सोयाबीन के बीज अंकुरित ही नहीं हुए. जांच में सामने आया कि किसानों द्वारा जिस बीज कंपनी से बीज खरीदे गए, वे बीज निकृष्ट और बोगस निकले. इससे किसानों पर दुबारा बुआई का संकट मंडरा रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश के आगरा में अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र (सीआईपी) के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र (सीएसएआरसी) की स्थापना के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है.
इस निवेश का मुख्य उद्देश्य आलू और शकरकंद की उत्पादकता, कटाई के बाद प्रबंधन और मूल्य संवर्धन में सुधार करके खाद्य एवं पोषण सुरक्षा, किसानों की आय और रोजगार सृजन को बढ़ाना है.
भारत में आलू क्षेत्र में उत्पादन क्षेत्र, प्रसंस्करण क्षेत्र, पैकेजिंग, परिवहन, विपणन, मूल्य श्रृंखला आदि में महत्वपूर्ण रोजगार अवसरों के सृजन की क्षमता है. इसलिए, इस क्षेत्र में अपार संभावनाओं का दोहन करने और उनका पता लगाने के लिए, अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र (सीआईपी) का दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र उत्तर प्रदेश के आगरा के सिंगना में स्थापित किया जा रहा है. सीएसएआरसी द्वारा विकसित आलू और शकरकंद की उच्च उपज प्रदाता, पोषक तत्वयुक्त और जलवायु अनुकूल किस्में न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर विज्ञान और नवाचार के माध्यम से दक्षिण एशिया क्षेत्र में भी आलू और शकरकंद क्षेत्रों के सतत विकास को महत्वपूर्ण रूप से गति प्रदान करेंगी.
पहाड़ी इलाकों में हुई मूसलाधार बारिश ने मैदानी इलाकों में मुसीबत बढ़ा दी है. अमरोहा से निकलने वाली गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है तो वहीं गंगा धाम तिगरी में घाट किनारे पुरोहितों की झोपड़ियों में पानी घुस आया है. पानी घाट की ओर तेजी से बढ़ रहा है जलस्तर बढ़ने से गंगा किनारे रहने वाले लोगों की आम जिंदगी की मुसीबतें बढ़ने लगी है. अमरोहा जिले के गंगा धाम तिगरी की में गंगा का जलस्तर बढ़ने से हर साल खादर इलाके के 50 से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में आते है. वहीं देर रात गंगा का जलस्तर बढ़ने से घाट पर रहने वाले पुरोहितों के घर भी पानी की चपेट में आ गए हैं. पहाड़ों इलाकों में भारी बारिश के बाद गंगा नदी का जलस्तर बढ़ गया है. पानी बढ़ता देखकर घाट पर रहने वाले लोगों की धड़कनें बढ़ने लगी हैं.
मौसम विभाग ने साबरकांठा, बनासकांठा, अरावली में येलो अलर्ट जारी किया गया है. हालांकि हिम्मतनगर सीमा पर साबरकांठा के इडर और हिम्मतनगर के गोकुलपुरा धारापुर गांवों में कल देर शाम भारी बारिश के कारण स्थानीय किसानों के खेत जलमग्न हो गए हैं और अधिकांश खेती चौपट होने का डर है. हालांकि खेती चौपट होने पर किसान फंस जाएंगे, जिसके चलते किसान राज्य सरकार से सर्वे कराकर मदद की उम्मीद कर रहे हैं. साबरकांठा के इडर और हिम्मतनगर इलाकों में कल रात से सामान्य भारी बारिश हो रही है. हालांकि भारी बारिश के कारण इडर और हिम्मतनगर की सीमा पर गोकुलपुरा धारापुर कोटडा समेत गांवों में चारों तरफ जलभराव की स्थिति बन गई है. सौ से 150 एकड़ जमीनमें पानी से लबालब भरे हुए एक खेत 10 से 12 इंच की बारिश में पूरी तरह से डूब गए हैं. स्थानीय किसानों की मानें तो कल शाम को अचानक तेज बारिश हुई और एक साथ अधिकांश खेतों में पानी भर गया.अब अधिकांश फसलों के नष्ट होने का खतरा बढ़ गया है. स्थानीय किसान अब राज्य सरकार से सर्वेक्षण कराने और किसानों के साथ खड़े होने की मांग कर रहे हैं. साथ ही वो सरकार से वित्तीय सहायता की भी मांग कर रहे हैं.
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सोलन द्वारा डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के सहयोग से मंगलवार को विश्वविद्यालय परिसर में मादक द्रव्यों के दुरुपयोग के प्रति एक जागरूकता अभियान आयोजित किया गया. इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सोलन की सचिव एवं अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी आकांक्षा डोगरा मुख्य अतिथि रहीं. अपने संबोधन में उन्होंने छात्रों को ‘नशे से इनकार’ करने का महत्व बताया और नशे के चंगुल में फंसे व्यक्तियों के लिए उपलब्ध कानूनी सहायता के बारे में जानकारी दी. उन्होंने छात्रों को नशे से दूर रहने और सरकारी सहायता हेतु उपलब्ध हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी दी. साथ ही, उन्होंने छात्रों को तनाव प्रबंधन के लिए खेलकूद, योग, ध्यान और अन्य सह-पाठयक्रम गतिविधियों में भाग लेने की सलाह दी. क्षेत्रीय अस्पताल सोलन की क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट वैशाली शर्मा ने नशे की ओर ले जाने वाले मानसिक दबावों और उनसे निपटने की व्यावहारिक रणनीतियों पर बात की. उन्होंने नशे के मानसिक और शारीरिक दुष्प्रभावों को समझाते हुए इससे बचाव के छह प्रमुख सिद्धांत भी साझा किए. ड्रग कंट्रोलर सोलन प्रीति शर्मा ने नशे के गंभीर दुष्परिणामों पर प्रकाश डाला और छात्रों से अपनी इच्छाशक्ति के बल पर सभी प्रकार के नशे से दूर रहने का आह्वान किया. अतिरिक्त एस.एच.ओ. सोलन गोपाल सिंह ने मादक द्रव्यों के प्रयोग से जुड़े कानूनी पहलुओं की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कानून के तहत केवल नशा तस्कर ही नहीं, बल्कि नशा करने वालों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाती है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, मंगलवार को उत्तराखंड में व्यापक वर्षा होने की संभावना है. पूरे राज्य में आमतौर पर बादल छाए रहने की संभावना है, हल्की से मध्यम बारिश के साथ-साथ कई स्थानों पर गरज के साथ बारिश और तेज हवाएं चलने की संभावना है. 30 जून तक कुछ पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश की भी संभावना है.
यमुनोत्री धाम पैदल मार्ग पर कैंची धाम के पास स्लाइडिंग स्थल पर सर्चिंग अभियान आज पुनः प्रारम्भ कर दिया गया है. एनडीआरएफ टीम द्वारा भूस्खलन क्षेत्र मे स्निफर डॉग के माध्यम से भी लापता व्यक्तियों की खोजबीन हेतु सर्चिंग अभियान चलाया जा रहा है. अभी तक दो यात्री लापता बताए जा रहे है जिनकी लगातार खोज की जा रही है. यमुनोत्री धाम की यात्रा को लेकर फिलहाल यात्रियों को ऐतिहातन विभिन्न स्थानों पर रोका गया है हालांकि प्रशासन द्वारा कहा जा रहा है कि यमुनोत्री पैदल मार्ग के साफ होते ही यात्रियों को रवाना किया जाएगा. तीर्थ यात्रीयों यमुनोत्री हाइवे के पाली गाड़ के पास रुके है जहां नाच गा कर समय का इंतजार कर रहे है कि कब सिग्नल मिले और इन्हें यमुनोत्री जाने की अनुमति मिल जाए. तीर्थ यात्रियों को ऐतिहातन रोका गया है पुलिस का कहना है कि विभिन्न होल्डिंग पॉइंट्स पर यात्रियों को इस लिए रोका जा रहा की यमुनोत्री पैदल मार्ग पर हुई भूस्खलन क्षेत्र को सुरक्षित बनाने का कार्य चल रहा है. साथ ही रेस्क्यू कार्य चल रहा है इसलिए यात्रियों को रोका गया है मार्ग सुरक्षित होते ही यात्रियों को रवाना कर दिया जाएगा.
AXIOM-4 मिशन का काउंटडाउन शुरू....बस चंद घंटे में अंतरिक्ष रवाना होंगे भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला...दोपहर 12 बजकर एक मिनट पर लॉन्चिंग...स्पेसक्राफ्ट में सवार हुए चारों एस्ट्रोनॉट
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जम्मू में बाढ़ के बीच फंसे शख्स का सफल रेस्क्यू....तवी नदी की उफनती लहरों के बीच से किया गया एयरलिफ्ट..SDRF के जवान ने राहत बचाव का काम को दिया अंजाम
अमेरिकी हमले में नहीं तबाह हुआ ईरान का परमाणु कार्यक्रम...लीक हुई पेंटागन की सीक्रेट रिपोर्ट में दावा...राष्ट्रपति ट्रंप ने बताया फेक न्यूज
जीएनटी ब्यूरो
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर, कानपुर और कन्नौज में डेयरी संयंत्रों के संचालन के साथ-साथ अंबेडकर नगर में पशु आहार उत्पादन इकाई के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड और यूपी सहकारी डेयरी फेडरेशन के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर समारोह में शामिल हुए.
दिल्ली में बुधवार को न्यूनतम तापमान 28.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, मौसम विभाग ने बारिश के साथ आंधी का अनुमान लगाया है. सुबह 8.30 बजे सापेक्ष आर्द्रता 81 प्रतिशत थी. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस रहने की उम्मीद है. सुबह 9 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 119 पर होने के कारण हवा की गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में दर्ज की गई. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 और 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है.
महाराष्ट्र के अमरावती समेत पूरे विदर्भ में मॉनसून के सक्रिय होने के बाद पहली बार जोरदार और झमाझम बारिश से गर्मी से जूझ रहे लोगों को राहत मिली है. वहीं बुवाई के बाद बारिश की राह देख रहे किसानों के चेहरे भी खिले गए हैं. अमरावती समेत विदर्भ के सभी इलाकों में आईएमडी ने येलो अलर्ट जारी किया है. मॉनसून की पहली बारिश के बाद किसानों ने अपने खेतों में बीजारोपण किया था. इसके बाद अब हुई बारिश से सूखे की चिंता भी खत्म हो गई है और किसान भी खुश हैं. झमाझम बारिश से मौसम में ठंडक का भी अहसास होने लगा है.
इरेड के जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि जलग्रहण क्षेत्रों में बारिश के कारण इस जिले में लोअर भवानी परियोजना (एलबीपी) जलाशय धीरे-धीरे भर रहा है. उन्होंने कहा कि भवानीसागर में भवानी नदी पर बने बांध में भंडारण स्तर पिछले कुछ दिनों से सुधर रहा है. अधिकारियों ने बताया कि बांध में बुधवार सुबह 8 बजे 4,966 क्यूसेक (घन फीट प्रति सेकंड) पानी आ रहा था और जल स्तर 105 फीट के पूर्ण जलाशय स्तर के मुकाबले 90.39 फीट था. उन्होंने यह भी कहा कि, बांध में संग्रहित पानी 32.8 टीएमसी फीट की पूरी क्षमता के मुकाबले 21.84 हजार मिलियन क्यूबिक फीट (टीएमसी फीट) होने का अनुमान है. उन्होंने कहा कि एलबीपी नहर, थडपल्ली, अरक्कनकोट्टई और कलिंगारायण नहरों में सिंचाई के लिए 1,355 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. यह बांध इरोड जिले और करूर और तिरुपुर जिलों के कुछ हिस्सों के किसानों की जीवन रेखा है. यह बांध हर साल 2.50 लाख एकड़ भूमि की सिंचाई करता है. यह इरोड जिले के सत्यमंगलम, गोबीचेटपलायम तालुकों और भवानी तालुक के कुछ हिस्सों की पेयजल जरूरतों को भी पूरा कर रहा है. जलाशय में पानी की अच्छी आवक जारी रहने के कारण किसानों ने उम्मीद जताई है कि इस साल उन्हें सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी मिलेगा.
ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने उसके द्वारा आपूर्ति किए गए पानी को बागवानी और सफाई के लिए उपयोग करने पर अजनारा होम्स सोसाइटी पर पांच लाख रुपये जुर्माना लगाया. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. प्राधिकरण के जल विभाग के वरिष्ठ प्रबंधक राजेश कुमार ने बताया कि यह मामला सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से पूरा मामले सामने आ गया. इस पोस्ट के अनुसार ग्रेटर नोएडा के सेक्टर 16बी स्थित सोसाइटी के कुछ निवासी पानी की कमी का सामना कर रहे हैं. कुमार ने बताया कि इसका कारण जानने के लिए एक टीम मौके पर पहुंची और पाया कि सोसाइटी का मोटर पंप खराब था. उन्होंने कहा, 'जल विभाग द्वारा आपूर्ति किए गए पानी का उपयोग बागवानी और सफाई के लिए किया जा रहा था, जबकि एनजीटी (नेशनल ट्रिब्यूनल एक्ट) का साफ आदेश है कि इन उद्देश्यों के लिए सिर्फ एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) का पानी ही इस्तेमाल किया जा सकता है.' कुमार ने बताया कि प्राधिकरण के जल विभाग ने अजनारा होम्स सोसाइटी पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के गर्सियां खड्ड और आसपास के निचले इलाकों के ग्रामीणों ने कृत्रिम झील बनने के बाद एक मंदिर, एक श्मशान घाट और एक पंप हाउस के पानी में डूबने पर होने पर मंगलवार को नाराजगी जताई.स्थानीय निवासियों और किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा निर्माण मलबे की अवैध और अत्यधिक डंपिंग और स्थानीय लोगों के विरोध के बावजूद परियोजना को क्रियान्वित करने वाली कंपनी द्वारा निर्माण मानदंडों का उल्लंघन करने के कारण वर्तमान स्थिति पैदा हुई है. किसान नेता सुरेश ने आरोप लगाया कि क्षेत्र में अनियंत्रित डंपिंग ने धारा के प्राकृतिक प्रवाह को रोक दिया गया जिससे झील बन गई. उन्होंने कहा कि इससे निचले इलाकों के गांवों को खतरा है. मंगलवार को घटनास्थल का दौरा करने वाले अधिकारियों ने कहा, 'हमारी टीमें पानी छोड़ने और निचले इलाकों के गांवों को किसी भी तरह के नुकसान से बचाने के लिए एक व्यवस्थित योजना पर काम कर रही हैं और निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं.अधिकारियों ने कहा कि किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. इस घटना से ग्रामीणों में गुस्सा है और वे पर्यावरण संबंधी लापरवाही के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उन्होंने अपना विरोध दर्ज कराने का फैसला किया है.
हिसार में हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू) में प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने मंगलवार को कुलपति बीआर कंबोज को हटाने की अपनी प्रमुख मांग दोहराई और धमकी दी कि अगर यह शर्त और अन्य शर्तें पूरी नहीं की गईं तो 27 जून को विश्वविद्यालय के सभी गेट बंद कर दिए जाएंगे. दो हफ्ते से चल रहे आंदोलन के बीच विश्वविद्यालय के गेट नंबर 4 के बाहर आयोजित 'छात्र न्याय महापंचायत' विरोध प्रदर्शन में विपक्षी नेताओं, किसान संघों, छात्र संगठनों और कर्मचारी निकायों ने भाग लिया और सभी ने छात्रों को समर्थन दिया. पिछले सप्ताह राज्य सरकार द्वारा गठित एक समिति के साथ कई दौर की बातचीत के बावजूद, छात्र अपने रुख पर अड़े हुए हैं, उनका आरोप है कि कुलपति ने हाल ही में प्रदर्शनकारी छात्रों पर लाठीचार्ज का आदेश दिया था और उनके पद पर बने रहने से निष्पक्ष जांच में बाधा आएगी.
आईएमडी ने पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में इस हफ्ते भारी बारिश का अनुमान जताया है. साथ ही राज्य के कुछ जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई है. आईएमडी ने कहा है कि 25 से 27 जून तक दक्षिण बंगाल के कुछ स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है. जबकि उत्तर बंगाल के कुछ जिलों में 25, 28 और 29 जून को भारी बारिश होगी. आईएमडी के अनुसार दक्षिण बंगाल के हुगली, दक्षिण 24 परगना, पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर, झारग्राम, पुरुलिया, बांकुरा और पश्चिम बर्धमान जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है. आईएमडी की मानें तो दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, अलीपुरद्वार, जलापीगुड़ी और कूच बिहार के उप-हिमालयी जिलों में 25, 28 और 29 जून को भारी बारिश होने की संभावना है.
मौसम विभाग ने (आईएमडी) ने अगले 24 घंटों के लिए राजस्थान में बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. इसमें कोटा डिविजन के अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश और अन्य क्षेत्रों में हल्की बारिश की संभावना जताई गई है. इस बीच, मंगलवार शाम को भारी बारिश के बीच झालावाड़ जिले के भवानी मंडी उपखंड में बिजली गिरने से तीन मवेशियों की मौत हो गई. कोटा में करीब एक हफ्ते के बाद कुछ देर के लिए आसमान साफ हुआ, बीच-बीच में हल्की धूप निकली. हालांकि उमस बनी रही. जलग्रहण क्षेत्र में पानी आने की वजह से कोटा बैराज के दो गेट लगातार दूसरे दिन खोले गए. मंगलवार को करीब 6,256 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, क्योंकि दो गेट - 3 फीट और 2 फीट चौड़े - खोले गए थे.
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने पंजाब और हरियाणा में भारी बारिश की भविष्यवाणी की है, क्योंकि दक्षिण-पश्चिम मानसून ने मंगलवार को चंडीगढ़ और हरियाणा के कुछ हिस्सों में दस्तक दे दी है. आईएमडी के अनुसार, अगले दो दिनों में हरियाणा और पंजाब के कुछ और इलाकों में इसके आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं. मानसून रविवार को पंजाब के कुछ हिस्सों में आगे बढ़ा था. मौसम विभाग ने 25-30 जून से पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में बारिश की गतिविधि में वृद्धि की भविष्यवाणी की है. इस बीच, मंगलवार को दोनों राज्यों और चंडीगढ़ में अधिकांश स्थानों पर अधिकतम तापमान सामान्य सीमा से नीचे रहा. चंडीगढ़ में अधिकतम तापमान 34.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.