भारत में एक बार फिर मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. देश के कई राज्यों में जहां मॉनसून एक्टिव हो गया है. इसके चलते उत्तराखंड और हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्यों में जमकर बारिश हो रही है. मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, दिल्ली-NCR में बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, लद्दाख, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, दक्षिण भारत और नॉर्थ ईस्ट में इस बार अच्छी बारिश होगी. मॉनसून के एक्टिव होने से खेती से जुड़ी गतिविधियां भी बढ़ गई हैं. मौसम के अलावा आप यहां किसानों को मिलने वाली सरकारी स्कीम के फायदे और अन्य किसानों से जुड़ी खबरें पढ़ सकते हैं.
कई सप्ताह तक रिकॉर्ड तोड़ गर्मी के बाद कश्मीर में राहत मिली है, क्योंकि घाटी के कई हिस्सों में आंधी-तूफान और ओलावृष्टि हुई है. तेज हवाओं के साथ भारी बारिश ने लंबे समय से चल रही गर्मी को कम कर दिया है. मौसम विभाग ने उत्तर और दक्षिण कश्मीर के कुछ हिस्सों के लिए अचानक बाढ़ आने की चेतावनी जारी की है.
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आईसीएआरकी 96वीं वार्षिक आम बैठक.
अहम बैठक में 18 से अधिक केंद्रीय और राज्य कृषि मंत्रियों ने कृषि प्रगति के लिए मंथन किया.
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि राज्यवार और फसलवार कार्ययोजना बनाई जाएगी.
शिवराज सिंह ने कहा, कृषि राज्य का विषय है, कृषि के लिए राज्य सरकारों का सहयोग अपेक्षित.
खेती और किसानों की मांग के अनुरूप शोध व प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल हो.
उत्तराखंड में कृषि और ग्रामीण विकास के लिए दिल्ली में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह के साथ हुई सीएम धामी की बैठक.
पशुओं से खेतों को नुकसान से बचाने के लिए केंद्र सरकार एमआईडीएच के अंतर्गत देगी उत्तराखंड को मदद.
उत्तराखंड में मिलेट्स की परंपरागत फसलों को प्रोत्साहन के लिए एनएफएसएनएम के तहत राशि दी जाएगी.
सेब की अति सघन बागवानी, कीवी और ड्रैगन फ्रूट के लिए पूरा सहयोग किया जाएगा- केंद्रीय कृषि मंत्री चौहान
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर सुपर फुडस-शहद, मशरूम और एक्जोटिक वेजीटेबल्स की स्थापना के लिए स्वीकृति-शिवराज सिंह
जालना-नांदेड समृद्धी महामार्ग से प्रभावित किसानों ने आज एक अनोखा और आक्रोशपूर्ण आंदोलन किया है. जालना के देवमूर्ती गांव में किसानों ने सूखे कुएं में उतरकर धरना दिया और अपनी मांगों की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की. किसानों की मांग है कि समृद्धी महामार्ग के लिए जिनकी जमीनें गई हैं, उन्हें उचित मुआवज़ा दिया जाए. इस मांग को लेकर देवमूर्ती गांव में किसानों का पिछले 66 दिनों से लगातार धरना आंदोलन चल रहा है. लेकिन अब तक राज्य सरकार ने किसानों के इस आंदोलन पर कोई धान्य नहीं दिया है. सरकार की उदासीनता से नाराज़ होकर किसानों ने आज सूखे कुएं में उतरके कुएं में बैठकर अनोखा आंदोलन किया. इस आंदोलन के माध्यम से उन्होंने एक बार फिर से सरकार से उचित मुआवज़ा देने की मांग दोहराई है.
महाराष्ट्र के वाशिम में पिछले 12 दिनों से लगातार बारिश जारी है. यहां पर कभी रुक-रुककर तो कभी तेज बारिश होती. आज भी जिले के कई इलाकों में जोरदार और मध्यम बारिश हुई है. लगातार हो रही बारिश के कारण किसानों ने अपने खेतों में जो सोयाबीन और अरहर या तुअर की जो फसल बोई है, उसे नुकसान पहुंचने का खतरा मंडरा रहा है. शिरपुर गांव में बस स्टैंड परिसर में बारिश के कारण पानी भरा हुआ नजर आया. इसी पानी से स्कूली छात्र और नागरिक आते जाते दिखाई दिए हैं. जिले के इंजोरी नामक गांव के रहने वाले शासन पुरस्कृत किसान ने कहा कि बीते 12 दिनों से सूरज नहीं निकला और बारिश जारी है. बहुत से किसानों ने सोयाबीन और तुअर की फसल बोई है. लेकिन फसल बोने के बाद से ही लगातार बारिश हो रही है जिससे फसलों को नुकसान पहुंचा है. बहुत से किसानों को दुबारा बुवाई करनी पड़ी है. सरकार से मांग की है कि पंचनामा करके मदद की जाए.
केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) द्वारा सोमवार को जारी दैनिक बाढ़ बुलेटिन के अनुसार, असम में तीन नदी स्थल "गंभीर बाढ़ की स्थिति" का सामना कर रहे हैं, जबकि देश भर में 19 स्थानों पर चेतावनी स्तर पार हो गया है. असम में तीन स्थल - असम के गोलाघाट और नुमालीगढ़ में धनसिरी (दक्षिण) नदी, और असम के शिवसागर में दिखो नदी - "गंभीर बाढ़ की स्थिति" में बताई गई हैं. कुल मिलाकर, असम में सात नदियाँ कई स्थानों पर चेतावनी स्तर को पार कर गई हैं. उत्तर प्रदेश में चार नदी स्थल, बिहार और ओडिशा में दो-दो और मध्य प्रदेश में एक नदी स्थल सामान्य से ऊपर बाढ़ की स्थिति में पहुंच गई हैं.
सोमवार को कर्नाटक के कई जिलों से आये हुए सैकड़ों किसानों की मौजूदगी में और किसान नेता कुर्बुरू शांताकुमार की अध्यक्षता में बेंगलुरू के गांधी भवन में किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया. इसके साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) की दक्षिण भारत की तीन दिवसीय यात्रा का समापन हुआ. 5 जुलाई को तमिलनाडु के कोयंबटूर और कृष्णागिरी जिलों में किसान महापंचायतों का आयोजन किया गया. इसमें हजारों किसानों ने भाग लिया. संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की मीटिंग 6 जुलाई को बेंगलुरू में आयोजित की गई जिसमें 13 राज्यों के किसान नेताओं ने भाग लिया. 6 जुलाई को जगजीत सिंह दल्लेवाल के नेतृत्व में किसान नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने देवनहल्ली का दौरा किया जहां किसान पिछले 1190 दिनों से प्रस्तावित भूमि अधिग्रहण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान नेताओं ने भूमि अधिग्रहण का विरोध कर रहे किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त की और उनके भविष्य के संघर्ष में पूर्ण समर्थन का वादा किया.
बैंक कर्मचारियों के एक संगठन ने सोमवार को कहा कि बैंकिंग क्षेत्र 9 जुलाई को केंद्र की आर्थिक नीतियों के खिलाफ केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा आहूत राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल होगा. अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) से संबद्ध बंगाल प्रांतीय बैंक कर्मचारी संघ ने कहा कि एआईबीईए, एआईबीओए और बीईएफआई समेत बैंकिंग क्षेत्र के ट्रेड यूनियनों ने बुधवार को आम हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया है. संगठन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि बीमा क्षेत्र ने भी हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया है. इसमें कहा गया है कि बैंकिंग और अन्य वित्तीय क्षेत्र में हड़ताल पूरी तरह से रहेगी.
श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा में विश्वप्रसिद्ध मुड़िया पूर्णिमा मेले की धूम, गोवर्धन परिक्रमा के लिए लाखों की संख्या में पहुंचे रहे श्रद्धालु
टैरिफ मामले पर अब और राहत देने के मूड में नहीं हैं ट्रंप, 12 देशों के लिए ट्रेड लेटर्स पर किए दस्तखत, आज भेजे जा सकते हैं खत, 1 अगस्त से 100 देशों पर नया टैरिफ लगाने की तैयारी
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(जीएनटी ब्यूरो)
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को अगले पांच दिनों यानी 7 से 11 जुलाई तक आंध्र प्रदेश के कई हिस्सों में गरज के साथ बिजली और तेज हवाएं चलने का अनुमान जताया है. मौसम विभाग ने उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश (एनसीएपी), यनम, दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश (एससीएपी) और रायलसीमा में अलग-अलग स्थानों पर संभावित गरज के साथ तूफान की चेतावनी दी है. आईएमडी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, 'एनसीएपी, यनम और एससीएपी में अलग-अलग स्थानों पर गरज के साथ बिजली गिरने की संभावना है। 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं भी चल सकती हैं.' ये स्थितियां पूर्वानुमान अवधि के दौरान बनी रहने की उम्मीद है, जिससे रायलसीमा सहित तटीय और अंतर्देशीय दोनों क्षेत्र प्रभावित होंगे.
दौसा जिले में बीती रात करीब चार घंटे तक चले तेज अंधड़ और मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई. जिले के कई हिस्सों में पेड़ धराशायी हो गए, छप्परपोश मकान उड़ गए और पक्के मकानों को भी नुकसान पहुंचा. अंधड़ के कारण बिजली के पोल गिर गए, जिससे जिले के अधिकांश इलाकों में बिजली आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गई. लोग कह रहे हैं कि उन्होंने ऐसा भयावह मौसम का कहर पहले कभी नहीं देखा. तेज हवाओं और बारिश के कारण जिले में अधिकतर नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे भी प्रभावित हुए हैं. नेशनल हाईवे-21 पर जगह-जगह पेड़ गिरने से वाहनों की आवाजाही बाधित रही, वहीं अलवर-गंगापुर मेगा हाईवे पर बिजली की लाइन गिरने और पेड़ गिरने से यातायात प्रभावित हुआ. अंधड़ के चलते सड़कों पर गिरे पेड़ों की वजह से स्कूल बसें भी समय पर नहीं पहुंच सकीं, जिससे कई बच्चों को स्कूल नहीं ले जाया जा सका और अपने आप ही अघोषित अवकाश हो गया. इसी बीच तेज अंधड़ में बड़ी संख्या में मोर और अन्य पक्षियों की भी मौत हो गई. बारिश के आंकड़ों की बात करें तो सिकराय में साढ़ें पांच इंच, महुआ और सैंथल में सवा चार इंच, बैजूपाड़ा में 3 इंच और बांदीकुई में ढाई इंच बारिश रिकॉर्ड की गई. जिले के सैंथल सागर बांध में इस सीजन में पहली बार पानी आया है, जिससे किसानों में थोड़ी राहत की उम्मीद जगी है.
(संदीप मीणा का इनपुट)
पिछले सप्ताह मंडी जिले के थुनाग, गोहर और करसोग उपमंडलों में बादल फटने, अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन के बाद लापता हुए 30 लोगों का पता लगाने के लिए ड्रोन और खोजी कुत्तों की मदद से खोज और बचाव अभियान चलाया जा रहा है. राष्ट्रीय और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, सेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और होमगार्ड के करीब 250 जवान प्रशासन और स्थानीय लोगों के साथ मिलकर खोज और बचाव कार्य कर रहे हैं. अधिकारियों ने बताया कि इसके अलावा 20 टीमें सूचना जुटा रही हैं और दुर्गम इलाकों में राशन और मेडिकल किट बांट रही हैं.अब तक प्रभावित लोगों को 1,538 राशन किट बांटी जा चुकी हैं और 12.44 लाख रुपये की तत्काल राहत दी गई है. उन्होंने बताया कि थुनाग और जंझेली क्षेत्रों में पांच-पांच लाख रुपये की अतिरिक्त सहायता राशि भेजी जा रही है.
दिल्ली-NCR में झमाझम बारिश से मौसम हुआ सुहाना, उमसभरी गर्मी से बेहाल लोगों ने ली राहत की सास, आज बादलों के दिनभर बरसने की उम्मीद.
जम्मू-कश्मीर में जोर-शोर से जारी है पवित्र अमरनाथ यात्रा, बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए नुनवान बेस कैंप से हर-हर महादेव की जयकार के साथ आज तड़के रवाना हुआ श्रद्धालुओं का एक और जत्था.
बिहार में मतदाता सूची के निरीक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा-गुरुवार को याचिकाओं पर सुनवाई, आयोग को नोटिस जारी.
खालिस्तानी आतंकी हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासिया को जल्द लाया जाएगा भारत, प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू, NIA ने हैप्पी पासिया पर रखा है 5 लाख रुपये का इनाम.
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(जीएनटी ब्यूरो)
पिछले दो सालों से खराब पैदावार से परेशान महाराष्ट्र के वर्धा जिले के 30 साल के संतरा किसान ने नकदी फसल उगाने के लिए 150 पेड़ काट दिए हैं. संतरा क्षेत्र के एक हिस्से घाडगे गांव के किशोर बंगारे ने बताया कि उन्होंने भारी मन से यह कठोर निर्णय लिया क्योंकि वे वर्षों से पेड़ों की देखभाल कर रहे थे. 'मैंने नौ साल पहले अपने 3.5 एकड़ के बगीचे में 400 पौधे लगाए थे, इस उम्मीद में कि इससे अच्छे रिटर्न मिलेंगे. पांच साल बाद, पेड़ों पर दो से तीन बार फल लगे. हालांकि, अनियमित बारिश और भीषण गर्मी ने मेरे सपनों को चकनाचूर कर दिया.' बंगारे को खेती में डिप्लोमा मिला हुआ है.युवा किसान ने कहा कि पिछले दो सालों में बारिश पर निर्भर उनके पेड़ों पर संतरे नहीं उगे, जिससे उन्हें उत्पादन लागत बढ़ने के साथ-साथ वित्तीय नुकसान भी हुआ.
उत्तर प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री सहभागिता योजना शुरू करने की योजना बना रही है, जो गौ संरक्षण और ग्रामीण स्वावलंबन को जोड़ने वाली एक अभिनव योजना है. रविवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इस पहल के तहत, किसान अधिकतम चार मवेशी गोद ले सकते हैं, जबकि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत उनके शेड बनाए जा सकते हैं और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए छोटी बायोगैस इकाइयाँ स्थापित की जा सकती हैं.इस गाय-केंद्रित मॉडल का उद्देश्य जैविक खेती, जैव-उर्वरक उत्पादन और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है. बयान में कहा गया है कि यह योजना विशेष रूप से महिला स्वयं सहायता समूहों और ग्रामीण युवाओं के लिए आय और रोजगार का एक विश्वसनीय स्रोत भी प्रदान करेगी, जो अभियान में सक्रिय रूप से शामिल होंगे.
भारत में छोटे पैमाने के किसानों को जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से निपटने के लिए लगभग 75 बिलियन डॉलर के निवेश की आवश्यकता है. ग्रामीण क्षेत्रों में वित्त पहुंचाना दुनिया भर के ग्रामीण समुदायों और भारत के लिए एक गंभीर चुनौती है, अंतर्राष्ट्रीय कृषि विकास कोष (आईएफएडी) के अध्यक्ष अल्वारो लारियो ने कहा. पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में में, लारियो ने कहा कि भारत में आईएफएडी के लिए तीन बड़े सवाल हैं, 'हम किसानों के लिए कृषि को अधिक लाभदायक कैसे बना सकते हैं, हम उत्पादकता को कैसे बढ़ा सकते हैं जबकि हम जलवायु के बहुत से झटकों से निपट रहे हैं और हम खाद्य सुरक्षा से पोषण सुरक्षा की ओर कैसे बढ़ सकते हैं.' वैश्विक खाद्य संकट के जवाब में 1977 में स्थापित, आईएफएडी एक विशेष संयुक्त राष्ट्र एजेंसी और एक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान है जो ग्रामीण समुदायों में भूख और गरीबी से निपटता है.
दिल्ली और एनसीआर में सोमवार यानी 7 जुलाई को इस मौसम में पहली बार मॉनसून की अच्छी बारिश देखने को मिल रही है. इस बार समय से पहले मॉनसून की दस्तक के बावजूद करीब 10 दिन छिटपुट बारिश ही हुई. लेकिन अब मौसम संबंधी परिस्थितियां दिल्ली और एनसीआर में पर्याप्त बारिश लाने के लिए अनुकूल हो गई हैं. इस बदलाव का मुख्य कारण मॉनसून की रेखा का उत्तर की ओर खिसकना है, जो वर्तमान में उत्तरी भारत पर स्थित है.यह रेखा अरब सागर से नमी को सक्रिय रूप से खींच रही है, जिससे भारी बारिश हो रही है. इसके अलावा क्षेत्र में आने वाली पश्चिमी विक्षोभ (WD) रेखा के कारण मौसम की गतिविधियां तेज होने की उम्मीद है, जिससे बड़े पैमाने पर भारी बारिश और आंधी-तूफान की घटनाएं शुरू हो सकती हैं. आज न केवल दिल्ली और एनसीआर बल्कि उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी राजस्थान, हरियाणा, पंजाब के कुछ हिस्सों, उत्तर-पश्चिमी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश और जम्मू, कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के क्षेत्रों सहित आसपास के क्षेत्रों में भी भारी बारिश का अनुमान है. अरब सागर और बंगाल की खाड़ी दोनों से नमी का अभिसरण, डब्ल्यूडी द्वारा लाई गई मध्य-स्तर की वायुमंडलीय नमी के साथ मिलकर, इन तीव्र मौसमी घटनाओं को सहारा देने के लिए पर्याप्त अस्थिरता पैदा करता है.
उत्तराखंड में अगले चार दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने रविवार को अलर्ट जारी करते हुए बताया कि उत्तरकाशी, टिहरी, बागेश्वर, देहरादून और रुद्रप्रयाग जिलों में भारी बारिश की संभावना है. इस बीच, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को उत्तरकाशी जिले के सिलाई बैंड और ओझरी बैंड इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया, जो हालिया भारी बारिश से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. इन इलाकों में बारिश के कारण यमुनोत्री नेशनल हाईवे के कई हिस्से बह गए, जिससे यात्रा और चारधाम तीर्थयात्रा दोनों पर असर पड़ा है.
उत्तराखंड में बेलगढ़ गांव में नदी का पानी उफान पर होने से रामनगर-हल्द्वानी रूट पर ट्रैफिक पर असर पड़ा है. नदी भारी बारिश के चलते खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है.
अधिकारियों ने बताया कि बहुस्तरीय सुरक्षा घेरे के बीच 8,600 से अधिक तीर्थयात्री सोमवार तड़के जम्मू के भगवती नगर बेसकैंप से हिमालय में वार्षिक अमरनाथ तीर्थयात्रा में शामिल होने के लिए रवाना हुए. 38 दिवसीय यात्रा की शुरुआत के बाद से 70,000 से अधिक तीर्थयात्री 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पवित्र गुफा मंदिर में मत्था टेक चुके हैं. यह यात्रा 3 जुलाई को अनंतनाग जिले के पहलगाम और गंदेरबल जिले के बालटाल से शुरू हुई थी.अधिकारियों ने बताया कि 8,605 तीर्थयात्रियों का छठा जत्था - 6,486 पुरुष, 1,826 महिलाएं, 42 बच्चे और 251 साधु-साध्वियां - कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सुबह 3.30 बजे और 4.25 बजे यहां भगवती नगर आधार शिविर से 372 वाहनों में कश्मीर के जुड़वां आधार शिविरों के लिए रवाना हुए. उन्होंने बताया कि पहला तीर्थयात्री काफिला 166 वाहनों में 3,486 तीर्थयात्रियों को लेकर गंदेरबल जिले में 14 किलोमीटर लंबे छोटे लेकिन खड़ी चढ़ाई वाले बालटाल मार्ग से रवाना हुआ, जिसके बाद 206 वाहनों में 5,119 तीर्थयात्रियों का दूसरा काफिला अनंतनाग जिले में 48 किलोमीटर लंबे पारंपरिक पहलगाम मार्ग से यात्रा पर निकला.
महाराष्ट्र सरकार ने फर्जी फसल बीमा दावे प्रस्तुत करने वाले किसानों को ब्लैकलिस्ट करने का फैसला किया है. यह कार्रवाई पहले केवल बिचौलियों और सर्विस प्रोवाइडर्स तक ही सीमित थी. रविवार को राज्य कृषि विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी. अधिकारी ने बताया कि फसल बीमा कार्यक्रम के तहत फर्जी आवेदन दाखिल करने के कई मामलों के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है.
हिमाचल प्रदेश के शुक्र खड्ड में जलस्तर बढ़ने से हमीरपुर जिले के बरसर इलाके में 29 वर्षीय प्रवासी महिला बह गई.बिहार की किरण नाम की महिला क्रशर यूनिट में काम करती थी. अधिकारियों ने बताया कि वह अपने घर के बाहर बर्तन धो रही थी, तभी बाढ़ ने उसे बहा दिया. महिला की तलाश के लिए खोज और बचाव अभियान जारी है. वहीं ऊना में भारी बारिश के बाद स्वान नदी उफान पर आ गई. शनिवार शाम से अब तक 110 मिमी से अधिक बारिश हुई है. ऊना जिले के घालूवाल में एक पेट्रोल पंप को पानी से नुकसान पहुंचने और ढलवाल में कुछ घरों में पानी घुसने की खबरें हैं. रेड वार्निंग के बाद कांगड़ा, मंडी और सिरमौर के जिला प्रशासन अलर्ट पर हैं.
रविवार को हिमाचल प्रदेश के 12 जिलों बारिश का रेड अलर्ट था. इन 12 में से तीन में अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश की आशंका जताई गई थी. इसी रेड अलर्ट के बीच रविवार को मंडी और चंबा जिलों में बादल फटे. लेकिन अधिकारियों की मानें तो किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है. 20 जून को मॉनसून की शुरुआत के बाद से, राज्य में 78 मौतें हुई हैं, जिनमें से 50 बादल फटने, अचानक बाढ़ और भूस्खलन जैसी बारिश से जुड़ी घटनाओं से जुड़ी थीं. मौसम विभाग ने रविवार को कांगड़ा, सिरमौर और मंडी जिलों में बहुत भारी से लेकर बेहद भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया. इसके अलावा, जनजातीय जिलों किन्नौर और लाहौल एवं स्पीति को छोड़कर सात अन्य जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया था. अधिकारियों ने बताया कि कुगड़ी और कोटारंग नालों में पैदल पुल बह गए तथा मंडी में नाले से सटे कोटारंग गांव में करीब 50 बीघा निजी जमीन बह गई. इस बीच, हमीरपुर जिले के बरसर इलाके में शुक्र खड्ड में जलस्तर बढ़ने से 29 वर्षीय प्रवासी महिला बह गई. बिहार की किरण नामक महिला क्रशर यूनिट में काम करती थी.
दिल्ली-एनसीआर के निवासियों को सोमवार सुबह गर्मी और उमस से बड़ी राहत मिली. क्षेत्र में रात से सुबह तक हल्की से मध्यम बारिश हुई है. मौसम विभाग (आईएमडी) ने शहर को येलो अलर्ट पर रखा है. क्षेत्रीय मौसम विभाग के येलो अलर्ट में बारिश की भविष्यवाणी के बावजूद रविवार का दिन काफी हद तक शुष्क और उमस भरा रहा. लेकिन दिल्ली-एनसीआर के निवासियों को सोमवार की सुबह बारिश के साथ जागना पड़ा.