Gwalior Fort में देसी वाद्य यंत्रों की महफ़िल में बना सुर और साज का अनूठा World Record

Gwalior Fort में देसी वाद्य यंत्रों की महफ़िल में बना सुर और साज का अनूठा World Record

संगीत सम्राट तानसेन की जन्मस्थली मध्य प्रदेश में ग्वालियर है. इस वजह से ग्वालियर को सुरों की नगरी कहा जाता है. वैसे तो ग्वालियर में सुर और साज की मेहफिल सजती ही रहती है, मगर बीती रात यहां संगीत की ऐसी शमा जली, जिसकी लौ ने Guinness Book of World Records तक जा पहुंची.

ग्वालियर फोर्ट में 1300 तबला वादकों ने एक साथ तबला बजाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया (फोटो: साभार एमपी सरकार)ग्वालियर फोर्ट में 1300 तबला वादकों ने एक साथ तबला बजाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया (फोटो: साभार एमपी सरकार)
न‍िर्मल यादव
  • Gwalior ,
  • Dec 26, 2023,
  • Updated Dec 26, 2023, 5:37 PM IST

ग्वालियर, सुरों के बेताज बादशाह तानसेन की तपोभूमि होन के साथ साथ भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई की जन्मस्थली भी है. यह संयोग ही है कि सोमवार को अटल जयंती के अवसर पर ही एमपी के ऐतिहासिक Gwalior Fort में एक ऐसे अनूठे कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसकी वजह से दो मकसद एक साथ पूरे हो सके. पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेई और सुर सम्राट तानसेन, दोनों को सुरों की महफिल सजा कर श्रद्धांजलि देने के लिए 'ताल दरबार' कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंध‍िया और सूबे के सीएम डॉ मोहन यादव की मौजूदगी में आयोजित हुए ताल दरबार में भारतीय शास्त्रीय संगीत के सबसे लोकप्रिय वाद्य यंत्र, तबला और हारमोनियम के फनकार देश भर से जुटे. तबले की थाप पर फूटे सुरों ने विश्व कीर्तिमान बनाते हुए इस महफिल काे Guinness Book of World Record में दर्ज करा दिया.

ऐसे बना विश्व रिकॉर्ड

सुरों के साधक तानसेन की विरासत को संजो रहे ग्वालियर शहर को यूनेस्को ने 'संगीत नगरी' का तमगा दिया है. शहर की इस पहचान को देश दुनिया में आगे बढ़ाने के लिए ग्वालियर फोर्ट में 'ताल दरबार का आयोजन किया गया. इसमें देश भर से 12 हजार से ज्यादा तबला वादकाें ने हारमोनियम, सितार और सारंगी की धुन पर सजे 'लहरा और कायदा' की ताल पर संगत करते हुए पूरे ग्वालियर किले को शास्त्रीय संगीत के सुरों से सराबोर कर दिया. इस आयोजन को सीएम मोहन यादव ने 'ग्वालियर में संगीत साधकों का कुंभ' करार दिया.

ये भी पढ़ें, Rural development : यूपी में गांव की समस्याएं गांव में ही दूर कर रहा ग्राम चौपाल अभियान, एक साल में हुई 66 हजार चौपाल

हर साल मनेगा तबला दिवस

संगीत के इस महोत्सव को अनूठा बनाने में 1200 से ज्यादा तबला वादकों का अहम योगदान रहा. एक ही स्थान पर एक साथ इतने अधि‍क तबला वादकों की मौजूदगी ने विश्व कीर्तिमान बना दिया. इस अवसर की सार्थकता को सिद्ध करने के लिए सीएम मोहन यादव ने ऐलान कर दिया कि इस जगह पर अब हर साल 25 दिसंबर को ऐसा ही कार्यक्रम आयोजित होगा. इस विश्व रिकॉर्ड को यादगार बनाने के लिए उन्होंने कहा कि अब हर साल 25 दिसंबर को तबला दिवस' के रूप में भी मनाया जाएगा.

ये भी पए़ें, Fertiliser Crisis in MP : पैक्स से बिक रही गैर सदस्य किसानों को नगद खाद, सरकार हुई सख्त

इस अवसर पर सीएम यादव और सिंधिया के अलावा एमपी के विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर भी मौजूद थे. सिंध‍िया ने कहा कि ग्वालियर में तानसेन महोत्सव के दौरान आयोजित 'ताल दरबार' में 1500 संगीत साधकों ने अपनी संगीत साधना से अलौकिक‍ आध्यात्मिक अुनभव कराया है. उन्होंने कहा कि इस अनूठे अनुभव को दुनिया भर में लोग महसूस कर सकें, इसके लिए सरकार के स्तर पर हर संभव उपाय किए जाएंगे.

MORE NEWS

Read more!