जुलाई में चाय उत्‍पादन में आई 14 प्रतिशत गिरावट, भारतीय चाय संघ ने खराब मौसम को बताया वजह

जुलाई में चाय उत्‍पादन में आई 14 प्रतिशत गिरावट, भारतीय चाय संघ ने खराब मौसम को बताया वजह

इस साल जुलाई में कभी कम बारिश तो कभी ज्‍यादा बारिश जैसे हालात बने. इसके चलते देश में पिछले साल की जुलाई की तुलना में चाय के उत्‍पादन में कमी आई है. शुक्रवार को हीे भारतीय चाय बोर्ड ने प्रोव‍िजनल एस्‍टीमेट जारी किया है. इसमें असम और बंगाल में उत्‍पादन में काफी कमी सामने आई है.

क‍िसान तक
  • Noida,
  • Aug 31, 2024,
  • Updated Aug 31, 2024, 11:40 AM IST

भारत ही नहीं, बल्कि दुन‍ियाभर में चाय की भारी मांग रहती है, लेकि‍न इस साल देश में जुलाई के दौरान चाय के उत्‍पादन में कमी आई है. उत्तर भारत में मौसम की वजह से चाय के उत्पादन में कमी आई है. दरअसल, शुक्रवार को चाय बोर्ड ने प्रोव‍िजनल अनुमान जारी किया है, जिसके अनुसार जुलाई 2024 में देश का चाय उत्पादन पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 14 प्रतिशत कम रहा. 

इस साल 146.84 मिलियन KG रहा चाय उत्‍पादन

चाय बोर्ड के प्रोव‍िजनल एस्‍टीमेट के मुताबिक, देश में जुलाई में चाय का उत्पादन 146.84 मिलियन किलोग्राम रहा, जो पिछले साल यानी जुलाई 2023 में 171.53 मिलियन किलोग्राम था. बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के मुता‍बिक, यह गिरावट इसलिए देखने को मि‍ली, क्‍योंकि चाय के सबसे बड़े उत्‍पादक राज्‍य में मौसम के कारण उत्‍पादन बुरी तरह प्रभाव‍ित हुआ. असम में इस बार जुलाई में 78.30 मिलियन किलोग्राम चाय का उत्‍पादन हुआ, जो पिछले साल इस अवधि में 92.70 मिलियन किलोग्राम था यानी 15.53 प्रतिशत कम. 

असम और बंगाल में कम उत्‍पादन का पड़ा असर

असम घाटी में 73.41 मिलियन किलोग्राम उत्पादन हुआ है. यह जुलाई 2023 में 87.41 मिलियन किलोग्राम था. वहीं, कछार में उत्पादन घटकर 4.89 मिलियन किलोग्राम रह गया, जो पिछले साल 5.29 मिलियन किलोग्राम था. पश्चिम बंगाल में चाय उत्पादन में 21 प्रतिशत की गिरावट हुई है. यहां 41.59 मिलियन किलोग्राम उत्‍पादन हुआ है, जो पिछले साल 52.95 मिलियन किलोग्राम था. दुआर क्षेत्र में उत्पादन में करीब 23 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है, यहां पिछले साल हुए उत्‍पादन 29.80 मिलियन किलोग्राम की तुलना में घटकर 23.01 मिलियन किलोग्राम रह गया. 

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जुलाई के दौरान राज्य के तराई क्षेत्र में उत्पादन 20 प्रतिशत गिरकर 17.68 मिलियन किलोग्राम रह गया, पिछले साल यह 22.14 मिलियन किलोग्राम था. वहीं, दार्जिलिंग में उत्पादन में मामूली कमी आई है. यहां 0.90 मिलियन किलोग्राम उत्‍पादन हुआ है, जो पिछले साल 1.01 मिलियन किलोग्राम था. चाय के उत्‍पादन में गिरावट मुख्य रूप से असम और पश्चिम बंगाल में कम उत्पादन के कारण हुई है, जबकि‍ दक्षिण भारत में इस साल जुलाई में उत्पादन में 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. यहां उत्‍पादन 22.68 मिलियन किलोग्राम रहा, जो पिछले साल इस अवधि में 21.19 मिलियन किलोग्राम था.

तमिलनाडु में बढ़ा उत्‍पादन

दक्षिण में उत्पादन में सबसे ज्‍यादा बढ़ोतरी तमिलनाडु में हुई है. यहां उत्पादन 14.6 प्रतिशत बढ़कर 18.21 मिलियन किलोग्राम हुआ जो पिछले साल जुलाई में 15.89 मिलियन किलोग्राम था. वहीं, केरल और कर्नाटक जैसे अन्य राज्यों में भारी बारिश के कारण चाय के उत्‍पादन में गिरावट आई है.

जुलाई के दौरान केरल में उत्पादन लगभग 15 प्रतिशत घटकर 4.24 मिलियन किलोग्राम रह गया, जो पिछले साल 4.98 मिलियन किलोग्राम था. इसके अलावा, कर्नाटक में उत्पादन घटकर 0.23 मिलियन किलोग्राम हुआ, जो पिछले साल 0.32 मिलियन किलोग्राम था. भारतीय चाय संघ (आईटीए) के महासचिव अरिजीत राहा ने जुलाई के दौरान उत्पादन में गिरावट के लिए मुख्य रूप से जलवायु कारणों को जिम्मेदार ठहराया. उन्‍होंने कहा, "जुलाई के दौरान असमान बारिश के पैटर्न से उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुआ है." 

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