महाराष्ट्र सरकार ने एक रुपये में किसानों का फसल बीमा करने का फैसला लिया है. लेकिन, देखने में आया है कि कुछ जगहों पर किसानों से अधिक पैसा लिया जा रहा है. राज्य के कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने फसल बीमा पंजीकरण में अधिक राशि लेने पर सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा कि अधिक रकम लेने वाली कंपनियों पर कड़ी कार्रवाई होगी. उनकी मनमानी नहीं चलने दी जाएगी. राज्य सरकार ने इसलिए एक रुपये में फसल बीमा देने का फैसला किया था ताकि प्राकृतिक आपदा की सूरत में किसानों को नुकसान न हो. उन्हें फसल बीमा का सुरक्षा कवच मिले. पहले ज्यादा प्रीमियम होने की वजह से बहुत कम किसान फसल बीमा का फायदा उठाते थे.
बताया गया है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए राज्य में किसानों के लिए एक रुपये का प्रीमियम भले ही कर दिया गया है फिर भी कस्टमर सर्विस सेंटर वाले किसानों से अतिरिक्त राशि की मांग कर रहे हैं. सत्तार ने कहा कि ऐसी स्थिति सामने आने पर ज्यादा रकम लेने वाले व्यक्ति और कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. सत्तार ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखा है.
दरअसल, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में प्रीमियम का तीन हिस्सा होता है. बीमा कंपनियों को प्रीमियम के दो सबसे बड़े हिस्सों का भुगतान राज्य और केंद्र सरकार मिलकर बराबर-बराबर करते हैं. किसानों को रबी सीजन की फसल के लिए सिर्फ 1.5 फीसदी, खरीफ के लिए 2 फीसदी और कॅमर्शियल क्रॉप के लिए 5 फीसदी का भुगतान करना होता था. अब सरकार ने किसानों को सिर्फ 1 रुपये में बीमा का लाभ देने का फैसला लिया है. यानी एक तरह से अब किसानों के प्रीमियम का हिस्सा भी सरकार ही भरेगी.
राज्य सरकार ने चालू खरीफ सीजन के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को सिर्फ एक रुपये में फसल बीमा प्रदान करने की योजना की घोषणा की है. इसे प्रदेश में 9 चयनित बीमा कंपनियों के माध्यम से क्रियान्वित किया जा रहा है. बीमा योजना में भाग लेने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है. फसल बीमा योजना में शामिल होने के लिए कस्टमर सर्विस सेंटर को 40 रुपये प्रति आवेदन राशि का भुगतान किया जाता है. यानी अब बीमा का प्रीमियम कम हो गया है और रजिस्ट्रेशन चार्ज उससे कहीं अधिक है.
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देखने में आया है कि प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर रजिस्ट्रेशन करने वाले कस्टमर सर्विस सेंटर संचालक किसानों से एक रुपये के अलावा अतिरिक्त पैसे भी ले रहे हैं. कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने इस संबंध में सख्त प्रशासनिक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. सामुदायिक सेवा केंद्र, ग्राम पंचायत और मंडी समिति में रजिस्ट्रेशन हो रहा है. इनमें बीमा के लिए एक रुपये के अतिरिक्त कोई भी राशि न देने के आदेश किए गए हैं. ज्यादा पैसा लेने का मामला संज्ञान में आने के बाद एक्शन होगा. कृषि आयुक्त सुनील चव्हाण ने इस संदर्भ में कृषि विभाग को रिपोर्ट भेजने की अपील की है.
महाराष्ट्र की मौजूदा सरकार ने किसानों के फायदे के लिए एक रुपये में फसल बीमा करने का बड़ा निर्णय लिया. उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने बजट में इसकी घोषणा की थी. यह योजना महाराष्ट्र में खरीफ सीजन और रबी सीजन 2023-24 से 2025-26 तक तीन साल की अवधि के लिए लागू की जाएगी. इस योजना का लाभ उठाने के लिए स्वयं घोषणा, जमीन के दस्तावेज, आधार कार्ड और पासबुक मांगी गई है.