MP Patwari Scam 2023: मध्य प्रदेश में कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा आयोजित पटवारी भर्ती परीक्षा में सामने आई गड़बड़ी के बाद नियुक्तियों पर भले ही रोक लगा दी गई हो, मगर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. हर रोज इस परीक्षा को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं और इस पर सियासी रंग भी चढ़ने लगा है. दरअसल, इस पूरे मामले पर कांग्रेस पार्टी सूबे की शिवराज सरकार पर हमलावर है. प्रदेश भर में पटवारी भर्ती परीक्षा कैंसल करने के लिए युवा प्रदर्शन कर रहे हैं. 15 लाख रुपये लेकर भर्ती करने का दावा किया जा रहा है
जबकि, पटवारी परीक्षा में चयनित एक अभ्यर्थी ने यह दावा किया है कि 'पिता सिक्योरिटी गार्ड हैं, 15 लाख कहां से लाएंगे? हालांकि, इसी बीच पटवारी परीक्षा में चयनित हुईं एक अन्य अभ्यर्थी का सोशल मीडिया में वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें अभ्यर्थी ने बड़ा खुलासा किया है. अभ्यर्थी ने यह दावा किया है कि उन्होंने और उनके परिवार ने 15 लाख रुपये देकर सेलेक्शन लिया है. ऐसे में आइए विस्तार से जानते हैं क्या है पूरा मामला-
दरअसल, पटवारी भर्ती परीक्षा की टॉप 10 लिस्ट में शामिल पूजा रावत की आजतक से एक्सक्लूसिव बातचीत हुई. पूजा ने इस दौरान सभी आरोपों को आधारहीन बताया है. पूजा ने कहा कि मेरे पिता खेती और सेक्युरिटी गार्ड का काम करते हैं. उनके पास इतना पैसा कहां से आएगा. पूजा ने कहा कि मेरी जांच की जाए और यदि मैं गलत तरीके से चुनी गई हूं तो मुझ पर कार्रवाई की जाए और यदि मैं निर्दोष हूं तो उन लोगों पर कार्रवाई हो जो आरोप लगा रहे हैं.
जबकि, सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. जिसे कांग्रेस के मध्यप्रदेश मीडिया सेल के प्रभारी केके मिश्रा ने शेयर किया है. इस वीडियो में पटवारी की परीक्षा में चयनित हुईं मधुलता गढ़वाल नाम की अभ्यर्थी बड़ा खुलासा करते हुए साफ शब्दों में कहती हुई दिखाई दे रही हैं कि उन्हें एक सीट के लिए 15 लाख रुपये का ऑफर मिला था, जिसे उन्होंने स्वीकार किया था. साथ ही वह ये भी कह रही हैं कि परीक्षा कैंसिल नहीं होनी चाहिए.
वायरल वीडियो में छात्रा कह रही है, “मेरा नाम मधुलता गढ़वाल है, मेरे पिता जी का नाम लालपति राम है, मेरे बारे में इस समय जो भी चर्चाएं चल रही हैं. उनके बारे में मैं बस इतना कहना चाहती हूं. कि जो भी अभी तक चल रहा है कि मैंने 15 लाख रूपये देकर पटवारी परीक्षा में सीट हासिल की है. मेरा नाम मेरिट में भी आ गया है, मैं बस इतना कहना चाहती हूं कि अगर आपको कोई ऐसा ऑफर देगा तो क्या आप नहीं मानेगें? हमको ऑफर मिला मैंने और मेरे पिता जी ने उसे स्वीकार कर लिया.’
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पटवारी परीक्षा के परिणाम की घोषणा के बाद आरोप लगाया गया कि ज्यादातर टॉपर वो हैं, जिन्होंने ग्वालियर के एक एग्जाम सेंटर में परीक्षा दी थी. इस पर शक तब और गहराया जब मंडल की तरफ से टॉपर्स की लिस्ट ही जारी नहीं की गई. छात्रों ने मांग की कि टॉपर लिस्ट जारी हो और किसने कहां पेपर दिया है ये भी बताया जाए. 10 जून को टॉपर लिस्ट जारी की गई. तब पता चला कि टॉप 10 में से 7 उम्मीदवारों ने ग्वालियर के एनआरआई कॉलेज एग्जाम सेंटर में परीक्षा दी थी. इसी के बाद परीक्षा पर सवाल उठने लगे. इस मामले में 13 जुलाई को प्रदेश के कई शहरों में छात्रों ने प्रदर्शन किया. (इनपुट- रवीश पाल सिंह)