MP Patwari Exam: सोशल मीडिया पर आंख मूंद कर हो रहे हमले, मेधावी दिव्यांग छात्र को बता दिया फि‍ट 

MP Patwari Exam: सोशल मीडिया पर आंख मूंद कर हो रहे हमले, मेधावी दिव्यांग छात्र को बता दिया फि‍ट 

'किसान तक' ने पटवारी परीक्षा में चयनित हुए जौरा तहसील के निवासी त्यागी समुदाय के छात्रों की तलाश की. इनमें शामिल रमाकांत त्यागी मिले. त्यागी ने 'किसान तक' से अपनी पीड़ा साझा करते हुए बताया कि कुछ राजनेताओं ने पटवारी परीक्षा में चुने गए कुछ ऐसे छात्रों के एडमिट कार्ड सोशल मीडिया पर साझा कर दिए जो पुलिस भर्ती परीक्षा में फिट थे, मगर पटवारी परीक्षा में ये छात्र कथित तौर पर विकलांग हो गए.

एमपी पटवारी परीक्षा पर मचे बवाल में दिव्यांग छात्र को शामिल कर दिया गड़बड़ी करने वालों की सूची मेंएमपी पटवारी परीक्षा पर मचे बवाल में दिव्यांग छात्र को शामिल कर दिया गड़बड़ी करने वालों की सूची में
न‍िर्मल यादव
  • Noida,
  • Jul 19, 2023,
  • Updated Jul 19, 2023, 2:27 PM IST

एमपी में बहुचर्चित पटवारी भर्ती से जुड़े गड़बड़ी के मामले में सूबे की शिवराज सिंह चौहान सरकार इस समय कांग्रेस के चौतरफा हमलों से घिरी है. इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर तथ्यों की पड़ताल किए बिना वीडियो एवं अन्य जानकारियां हड़बड़ी में जमकर साझा की जा रही हैं. सोशल मीडिया पर सक्रिय राजनेता भी इस तरह की अपुष्ट जानकारियों को हड़बड़ी में शेयर कर रहे हैं. इसकी वजह से खुद इन नेताओं को भी सोशल मीडिया पर खरी खोटी सुननी पड़ रही है.
 
पटवारी भर्ती प्रकरण से जुड़ा ताजा मामला एक विकलांग छात्र से जुड़ा है, जिसके चयन पर सोशल मीडिया में अचानक सवाल खड़े होने लगे. इस मामले से जुड़े तमाम वीडियो वायरल हाेने के साथ ही कुछ मीडिया रिपोर्ट स्थानीय स्तर पर नुमायाँ हुई हैं, जिनमें तथ्यों की ठीक से पड़ताल किए बिना ही किसी अभ्यर्थी के चयन को सवालों के घेरे में खड़ा किया गया है. ऐसा ही एक मामला मुरैना जिले की जौरा तहसील का है. इसमें जौरा निवासी छात्र रमाकांत त्यागी के विकलांग कोटे से चयन पर सवाल उठाए गए हैं. इसमें कहा गया है कि जौरा तहसील में त्यागी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले 16 छात्रों का चयन पटवारी भर्ती परीक्षा में हुआ है. इन छात्रों की फेहरिस्त में रमाकांत त्यागी त्यागी का नाम भी शामिल था.

विकलांग छात्र ने बताई पीड़ा

'किसान तक' ने पटवारी परीक्षा में चयनित हुए जौरा तहसील के निवासी त्यागी समुदाय के छात्रों की तलाश की. इनमें शामिल रमाकांत त्यागी मिले. त्यागी ने 'किसान तक' से अपनी पीड़ा साझा करते हुए बताया कि कुछ राजनेताओं ने पटवारी परीक्षा में चुने गए कुछ ऐसे छात्रों के एडमिट कार्ड सोशल मीडिया पर साझा कर दिए जो पुलिस भर्ती परीक्षा में फिट थे, मगर पटवारी परीक्षा में ये छात्र कथित तौर पर विकलांग हो गए. मीडिया रिपोर्ट के हवाले से कांग्रेस का आरोप है कि इन छात्रों ने विकलांग होने के फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर परीक्षा दी. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया में कुछ भ्रामक जानकारियां वायरल कर उन्हें भी फर्जी तरीके से विकलांग होने के आरोपों के घेरे में लिया गया है. त्यागी ने कहा कि उनका एक पैर जन्मजात पोलियो ग्रस्त हैं. त्यागी ने अच्छे अंकों से उत्तीर्ण किए गए अपने परीक्षा परिणाम दिखाते हुए बताया कि इस तरह के आरोपों से वह बेहद आहत हैं.

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उन्होंने कहा कि हाल ही उन्होंने एमपी सिविल सेवा परीक्षा के प्री और मेन एक्जाम में भी सफलता हासिल की है. वह इस प्रतिष्ठित परीक्षा के साक्षात्कार की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन पटवारी भर्ती मामले में हुई गड़बड़ी के आरोपों की जद में उनका नाम भी घसीटे जाने से उन्हें मानसिक वेदना हुई है.त्यागी ने स्पष्ट किया कि जौरा तहसील में त्यागी बहुल 45 गांव हैं. इन गांवों से त्यागी समुदाय के छात्रों का चयन हुआ है. जौरा नगर में एक ही परिवार से तमाम छात्रों का चयन हाेने के सवाल पर उन्होंने कहा कि उनके परिवार और यहां तक कि उनके मोहल्ले से वह एकमात्र चयनित छात्र हैं.त्यागी ने कहा कि इस मामले में तथ्यों की पड़ताल किए बिना ही सोशल मीडिया पर गलत जानकारियां प्रसारित की जा रही हैं. राजनेता भी ऐसी रिपोर्ट की पड़ताल किए बिना इन्हें सोशल मीडिया पर साझा कर, इनके दुरुपयोग को बढ़ावा दे रहे हैं. 

पहले भी फर्जी वीडियो हुए वायरल 

यह पहला मामला नहीं है, जबकि इस मामले में सोशल मीडिया पर तथ्यों की पड़ताल किए बिना जानकारियां वायरल की गई हों. हाल ही में कांग्रेस की प्रदेश इकाई के मीडिया प्रभारी केके मिश्रा ने पटवारी भर्ती परीक्षा की एक छात्रा का कथित वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया, जिसमें एक छात्रा खुद को टॉपर बताते हुए कथित तौर पर 15 लाख रुपये की घूस देने की बात कह रही है . बाद में उन्हीं की वॉल पर कुछ लोगों ने उस वीडियो में दिख रही युवती का एक जवाबी वीडियो चस्पा कर दिया जिसमें वह युवती खुद अपने ही वीडियो का खंडन करते हुए कह रही है कि उसने अपनी सहेलियों के साथ मिलकर वह वीडियो बना कर यूट्यूब पर डाल दिया था. 

छात्रा एक, लेकिन नाम अलग अलग 

पटवारी भर्ती परीक्षा के परिणाम में टॉप 10 छात्रों की मेरिट लिस्ट जारी की थी. इसमें तीसरे स्थान पर रही पूनम राजावत से एक न्यूज पोर्टल ने जब बात की तो वह एमपी में कुल जिलों की संख्या जैसे सरल सवालों का जवाब नहीं दे पाई. इस वीडियो को प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने सोशल मीडिया पर साझा कर इस परीक्षा में व्यापक पैमाने पर घोटाला होने का आरोप लगाया. इसके साथ ही कांग्रेस की सोशल मीडिया टीम अचानक सक्रिय होकर भाजपा सरकार पर हमलावर हो गई. इस बीच कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण सुभाष यादव ने भी हड़बड़ी में वही वीडियो ट्विटर पर साझा कर दिया, जिसकी मेरिट लिस्ट में जगह पाने वाली छात्रा एमपी में कुल जिलों और संभाग की संख्या से जुड़े साधारण से सवालों का भी जवाब नहीं दे पा रही है. यादव ने इस छात्रा का नाम पूजा रावत बताया है. इस पर लोगों ने यादव को उनकी ही पार्टी के नेता केके मिश्रा का ट्वीट टैग करके पूछना शुरू कर दिया कि एक ही छात्रा के दो नाम कैसे हो सकते हैं. 

गौरतलब है कि परीक्षा परिणाम के साथ जारी की गई मेरिट लिस्ट के टॉप 10 छात्रों में तीसरे स्थान पर पूनम राजावत और पांचवें स्थान पर पूजा रावत का नाम दर्ज है. कुल मिलाकर एमपी का सियासी पारा चढ़ाने वाले इस मामले में सोशल मीडिया से लेकर गली मोहल्लों तक चर्चाओं का बाजार गर्म है. सेहतमंद छात्र को विकलांग और विकलांग को फिट बताने से लेकर एक ही वीडियो में अलग अलग नाम की टॉपर का जिक्र होने तक की जानकारियों से सोशल मीडिया अटा पड़ा है. सोशल मीडिया पर सक्रिय राजनेता भी जल्दबाजी में सियासी फायदा लेने के लिए बिना पुष्टि किए वायरल हो रहे कंटेंट को आगे बढ़ाने से हिचक नहीं रहे हैं. इसका सीधा असर मेहनत करके परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले रमाकांत त्यागी जैसे उन छात्रों पर भी पड़ रहा है, जो अपुष्ट खबरों के घेरे में आ गए हैं.

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