कर्नाटक की GI Tag कॉफी अब ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर मिलेगी, बोर्ड ने बनाई योजना

कर्नाटक की GI Tag कॉफी अब ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर मिलेगी, बोर्ड ने बनाई योजना

कर्नाटक की GI Tag वाली कॉफी के सामान्य प्रचार का उद्देश्य और लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए बोर्ड ने लिया ई-कॉमर्स का सहारा. शुद्ध कॉफ़ी के लगभग छह प्रकारों का विपणन (marketing) हुआ शुरू.

Coorg and Chikkamagaluru coffee will be available on AmazonCoorg and Chikkamagaluru coffee will be available on Amazon
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Dec 01, 2022,
  • Updated Dec 01, 2022, 5:01 PM IST

सर्दी आते ही कॉफी की डिमांड काफी बढ़ने लगी है.लोग अच्छी क्वालिटी वाली कॉफी की तलाश में हैं ताकि सही स्वाद का मजा उठा सकें. इसी क्रम में कर्नाटक राज्य द्वारा संचालित कॉफी बोर्ड ने शुद्ध भारतीय कॉफी को देशभर के लोगों तक पहुंचाने के ल‍िए ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर इन्हें बेचने का फैसला ल‍िया है. ज‍िसके बाद अब देशभर के लोग कर्नाटक की जीआई टैग प्राप्त काॅपी व‍िभि‍न्न ई-कॉमर्स प्लेटफार्म के माध्यम से खरीद सकेंगे. 

कर्नाटक राज्य कॉफी बोर्ड ने शुद्ध कॉफ़ी के लगभग छह अलग-अलग ब्रॉडों को बाजार में उतारा है ताकि लोगों के बीच पहचान बन सके और लोग इसके बारे में जान सकें. 

ई-कॉमर्स प्लैटफ़ार्म पर मिलेगी शुद्ध कॉफी

कर्नाटक बोर्ड ने हाल ही में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेज़न पर कूर्ग और चिक्कमगलुरु से भौगोलिक संकेत (जीआई)-टैग की गई कॉफ़ी सहित इंडिया कॉफ़ी और कॉफ़ी ऑफ़ इंडिया ब्रांड के तहत शुद्ध कॉफ़ी के लगभग छह प्रकारों का विपणन (marketing) शुरू किया है.

यह इन उत्पादों को फ्लिपकार्ट और मीशो जैसे अन्य प्लेटफार्मों पर भी लॉन्च करने की प्रक्रिया में है. इसका मुख्य मकसद ग्राहकों तक शुद्ध कॉफी को आसानी से पहुंचाना है और साथ ही प्रचार भी करना है.कॉफी बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि इस नवीनतम पहल के पीछे मुख्य उद्देश्य पूरे देश में शुद्ध कॉफी को लोकप्रिय बनाना और दृश्यता में वृद्धि करना है ताकि उपभोक्ता खर्च में किसानों की हिस्सेदारी बढ़े.

कॉफी बोर्ड के वित्त निदेशक एनएन नरेंद्र ने कहा- हम शुद्ध कॉफी के लिए एक जगह बनाना चाहते हैं और इसीलिए हम प्रसंस्करण और पैकिंग (processing and packing) में शामिल हो गए हैं, और इन उत्पादों को अमेज़न पर डाल दिया है, जबकि फ्लिपकार्ट और अन्य प्लेटफार्मों के साथ चर्चा चल रही है.

क्या है सरकारी कॉफी बोर्ड का मुख्य उद्देश्य

उन्होंने यह भी कहा हमारा उद्देश्य केवल प्रचार करना है ना कि मुनाफा कमाना. देश में मुख्य रूप से कॉफी क्षेत्र के विकास का काम सरकारी कॉफ़ी बोर्ड को सौंपा गया है. बोर्ड, जिसने बेंगलुरु में अपने परिसर में रोस्टिंग और ग्राइंडिंग की सुविधा स्थापित की है, प्राप्त ऑर्डर के आधार पर शुद्ध कॉफ़ी की शिपिंग कर रहा है. इन प्रीमियम कॉफी की गुणवत्ता का परीक्षण कॉफी बोर्ड के गुणवत्ता प्रभाग द्वारा किया जाता है. इसके पास कॉफी ऑफ इंडिया ब्रांड के लिए FSSAI सर्टिफिकेशन भी है.

उपभोक्ताओं को मिलेगी जीआई-टैग वाली कॉफी

बोर्ड गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए संबंधित क्षेत्रों में उत्पादकों से जीआई-टैग वाली कॉफी खरीदेगा. जबकि जीआई-पंजीकृत कूर्ग अरेबिका कॉफी और जीआई-पंजीकृत चिक्कमगलुरु अरेबिका कॉफी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से बेची जा रही हैं, बोर्ड को अराकू घाटी और अन्य स्थानों से जल्द ही अन्य जीआई-पंजीकृत कॉफी उपलब्ध कराने की उम्मीद है. भारतीय कृषि-निर्यात टोकरी में कॉफी मुख्य वस्तुओं में से एक है. देश में उगाई जाने वाली लगभग 3.5 लाख टन कॉफी का लगभग दो-तिहाई निर्यात किया जाता है, जबकि शेष घरेलू बाजार में खपत होती है.

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