इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (इफको) को दुनिया की टॉप 300 सहकारिताओं में पहला स्थान मिला है. यह रैंकिंग प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर कारोबार के अनुपात पर आधारित है. यह दर्शाता है कि इफको राष्ट्र के सकल घरेलू उत्पाद और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है.
इंटरनेशनल कोआपरेटिव एलायंस (ICA) की 11वीं वार्षिक वर्ल्ड कोआपरेटिव मॉनीटर (WCM) रिपोर्ट के 2022 संस्करण के अनुसार यह देश के सकल घरेलू उत्पाद एवं आर्थिक विकास में इफको के कारोबारी योगदान को दर्शाता है. इफको अपनी लगभग 36,000 सदस्यं सहकारी समितियों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी सहकारी संस्थााओं में सबसे ऊपर है.
हाल ही में, इफको ने दुनिया का पहला नैनो उर्वरक, इफको नैनो यूरिया तरल लॉन्च किया है. रासायनिक उर्वरक के उपयोग को कम करने और फसल उत्पादकता में वृद्धि करने के उद्देश्य से विकसित यह उर्वरक टिकाऊ कृषि की दिशा में एक बड़ा कदम है. इफको का नैनो यूरिया 'आत्मनिर्भर भारत' और 'आत्मनिर्भर कृषि' की पहल को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया है. इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी.
इफको ने कृषि क्षेत्र की दुनिया की टॉप दस सहकारी समितियों में भी पहला स्थान हासिल किया है. इंटरनेशनल कोऑपरेटिव एलायंस (ICA) और यूरोपियन रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑन कोऑपरेटिव एंड सोशल एंटरप्राइजेज (Euricse) ने शनिवार को एक अंतरराष्ट्रीय वेबिनार के दौरान वर्ल्ड कोऑपरेटिव मॉनिटर का 2022 संस्करण जारी किया.
यह 10वीं वार्षिक रिपोर्ट है जो दुनिया भर की सबसे बड़ी सहकारिताओं और उनके आर्थिक और सामाजिक प्रभाव की पड़ताल करने के साथ-साथ टॉप 300 सहकारिताओं की रैंकिंग, सेक्टर रैंकिंग और वर्तमान वैश्विक चुनौतियों के प्रति प्रतिक्रिया का विश्लेषण करती है. प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (GDP) पर कारोबार के अनुपात के आधार पर टॉप 300 रैंकिंग में, जैसा कि उन्होंने पिछले वर्ष किया था, दो भारतीय उत्पादक सहकारी समितियां- इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (इफको) और गुजरात कोआपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड पहले और दूसरे स्थान पर पहुंची हैं जबकि फ्रेंच ग्रुप क्रेडिट एग्रीकोल तीसरे स्थान पर है.
इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. उदय शंकर अवस्थी ने कहा कि "यह इफको और भारतीय सहकारिता आंदोलन के लिए गौरव का क्षण है. यह भारतीय सहकारिता आंदोलन में हम सभी के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. उन्होंने आगे कहा कि इफको माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ के विजन को साकार कर रहा है.
इफको के अध्यक्ष दिलीप संघाणी ने कहा कि इफको में, हम देश भर के किसानों के विकास और देश के दूरस्थ क्षेत्रों तक भारतीय सहकारी आंदोलन को ले जाने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध हैं. हम नवाचार और डिजिटलीकरण में विश्वास करते हैं क्योंकि यह सफलता की कुंजी है. मैं इस एक और उपलब्धि के लिए इफको और देश की पूरी सहकारी बिरादरी के सभी लोगों को बधाई देता हूं. इफको ने अंतरराष्ट्रीय सहकारी क्षेत्र में पिछले कई वर्षों से भारत को गौरवान्वित किया है.
वर्ल्ड कोआपरेटिव मॉनिटर एक परियोजना है जिसे दुनिया भर में सहकारी समितियों के बारे में मजबूत आर्थिक, संगठनात्मक और सामाजिक आंकड़ा एकत्र करने के लिए बनाया गया है. यह दुनिया की टॉप 300 सहकारी समितियों और उनके सहयोगियों के प्रमुख आर्थिक और रोजगार डेटा पर रिपोर्ट करने के लिए प्रत्येक वर्ष प्रकाशित किया जाता है.
इंटरनेशनल कोआपरेटिव एलायंस एक गैर-लाभकारी अंतरराष्ट्रीय संघ है जिसकी स्थापना 1895 में सहकारी सामाजिक उद्यम मॉडल को आगे बढ़ाने के लिए की गई थी. इंटरनेशनल कोआपरेटिव एलायंस (ICA) दुनिया भर में सहकारी समितियों की आवाज है, जो 110 देशों में 315 से अधिक सहकारी संघों और संगठनों का प्रतिनिधित्व करता है. इंटरनेशनल कोआपरेटिव एलायंस चार क्षेत्रीय कार्यालयों (यूरोप, अफ्रीका, अमेरिका और एशिया-प्रशांत) और आठ क्षेत्रीय संगठनों (बैंकिंग, कृषि, मत्स्य पालन, बीमा, स्वास्थ्य, आवास, उपभोक्ता सहकारी समितियां और सेवा और उद्योग सहकारी समितियां) का गठबंधन है.
यूरिक्से ट्रेंटो (इटली) में स्थित एक शोध संस्थान है, जिसका लक्ष्य सहकारी समितियों, सामाजिक उद्यमों और वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन में लगे अन्य गैर-लाभकारी संगठनों के क्षेत्र में ज्ञान विकास और नवाचार को बढ़ावा देना और इस प्रकार के संगठनों के बारे में गहरी समझ विकसित करना तथा आर्थिक और सामाजिक विकास पर उनके प्रभाव का अध्ययन करना है.