गन्ने की खेती और पैदावार के मामले में भारत दुनिया के अग्रणी देशों में शुमार है. उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र और बिहार भारत के प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्य हैं. हम सभी गन्ने की उपयोगिता के बारे में बेहतर जानते हैं. चीनी, गुड़ उत्पादन के लिए गन्ना आवश्यक स्त्रोत है, इसके अलावा अल्कोहल बनाने के लिए भी गन्ने का उपयोग किया जाता है, गन्ने से निकलने वाला मीठा रस गर्मियों के दिनों में पिए जाना वाला प्रमुख पेय पदार्थ है जो कि पेट की जलन और ऐंठन को भी दूर करने में सहायक होता है इसके साथ साथ इसकी खेती कर किसानों की आय में वृद्धि भी देखी जा रही है, इसी को ध्यान में रखते हुए बिहार सरकार ने गन्ने की पैदावार को बढ़ावा देने की ओर काम कर रही है. जिसके तहत बिहार सरकार ने गन्ना किसानों को जैव उर्वरक की खरीददारी पर 50 फीसदी सब्सिडी देने की घोषणा की है.
बिहार सरकार ने गन्ने की पैदावार को बढ़ाने की दिशा में काम करते हुए जैव उर्वरक पर सब्सिडी देने का प्रावधान किया है. जिसके तहत किसानों को 50 फीसदी की सब्सिडी दी जा रही है. बिहार गन्ना उद्योग विभाग के मुताबिक गन्ने की खेती करने वाले किसानों को जैव उर्वरक/ कार्बनिक खाद खरीदने पर अधिकतम 50 फीसदी सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा. जिसके तहत किसानों को अधिकतम 3750 रुपये प्रति हेक्टेयर के दर से सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है. साथ ही विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस योजना का लाभ किसानों को अधिकतम 1 हेक्टेयर के लिए देय होगा.
सरकार ने इस योजना को लागू कर मुख्य रूप से गन्ने की पैदावार को बढावा देने पर जोर दिया है हम सभी जानते हैं कि गुड़ और चीनी बनाने के लिए गन्ने की आवश्यकता होती है और अच्छे किस्म के गन्ने की मांग हमेशा रहती है गन्ने की पैदावार बढ़ने से बाजार मांगों को पूरा किया जाएगा, जिसके कारण किसानों की आमदनी में इजाफा होगा इसके साथ सरकार ने जैव उर्वरक के प्रयोग पर सब्सिडी देने की घोषणा भी की है. जिससे पशुपालन करने वाले किसानों की आमदनी में भी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी साथ ही जैव उर्वरकों का भी विकास होगा. जिसके कारण भूमि की उर्वरा शक्ति में बढ़ोतरी होगी साथ ही साथ बिहार राज्य में भी गन्ना उत्पादन का विस्तार होगा