हरियाणा में हाल के दिनों में फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (Food Corporation of India) के अधिकारी एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं. लगातार उपभोक्ताओं की सेहत से खिलवाड़ करने वालों पर शिकंजा कसा जा रहा है. इसी सिलसिले में जब सोमवार को सोनीपत के गांव बरोदा में बने हैफेड (Haryana Cooperative Supply and Marketing Federation) के गोदाम में अधिकारियों की टीम पहुंची तो वहां चल रही धांधली पकड़ने में उन्हें समय नहीं लगा.
फूड कॉर्पोरेशन के अधिकारियों ने पाया कि गोदाम के अधिकारी कथित रूप से गेहूं का वजन बढ़ाने के लिए उसके ऊपर पानी डाल रहे हैं. इन बैग्स में करीब आठ लाख मेट्रिक टन गेहूं था. इतना गेहूं से करीब पांच हज़ार लोगों को एक साल तक भरपेट खाना खिलाया जा सकता है. लेकिन यहां पानी डालकर उसे सड़ाया जा रहा था.
केंद्र और राज्य सरकार किसानों से गेहूं खरीदकर गरीबों और आपातकाल के लिए उसका भंडारण करती हैं. इसके लिए हरियाणा के अलग-अलग हिस्सों में केंद्रीय खरीद एजेंसी एफसीआई ने गोदाम बना रखे हैं. एफसीआई हरियाणा में हैफेड से गेहूं खरीदती है. हाल के दिनों में वह गेहूं खरीद से पहले सभी गोदामों की जांच की जा रही है.
इसी सिलसिले में जब एफसीआई के रोहतक डिवीजन मैनेजर केशव मीणा अपनी टीम के साथ बरोदा गांव स्थित हैफेड के गोदाम पहुंचे तो वहां उनको मामला समझते देर नहीं लगी. जिन कर्मचारियों और अधिकारियों के पास इसके रख-रखाव की जिम्मेदारी थी उन्होंने वहां रखे गेहूं पर पानी का छिड़काव किया था.
अधिकारियों ने बताया कि यहां करीब 1.62 लाख गेहूं के बैग्स रखे हुए हैं. शुरुआती जांच में यह पता लगा है कि गेहूं को वजन को बढ़ाने के लिए यह पानी का छिड़काव किया गया है.
एफसीआई रोहतक डिवीजन के मैनेजर केशव मीणा ने कहा, "बरोदा में जो गोदाम बनाया गया है इसमें करीब एक लाख 62 हजार बैग्स रखे हैं. इनमें करीब आठ लाख मेट्रिक टन गेहूं रखा गया है. यहां पर रखे गए गेहूं पर पानी का छिड़काव किया गया और इस गोदाम का रोज रखाव का जिम्मा हैफेड को दिया गया है."
उन्होंने कहा, "लापरवाह अधिकारियों और कर्मचारियों पर अब मुकदमा दर्ज करवाया जाएगा. यहां कितना गेहूं खराब हुआ और आगे क्या मामला है इसकी जांच करवाई जाएगी."