उड़द दाल की कीमतों में आएगी और गिरावट! म्‍यांमार से ज्‍यादा आयात और घरेलू उत्‍पादन का पड़ेगा असर

उड़द दाल की कीमतों में आएगी और गिरावट! म्‍यांमार से ज्‍यादा आयात और घरेलू उत्‍पादन का पड़ेगा असर

पिछले कुछ महीनों से उड़द की मांग कमजोर बनी हुई है, जिसके चलते कीमतों में लगातार गिरावट जारी है. इस बीच, भारत में कई राज्‍यों में जायद सीजन में उड़द का बंपर उत्‍पादन होने और म्‍यांमार से फसल का ज्‍यादा आयात होने की उम्‍मीद जताई जा रही है. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि इसका उड़द की कीमतों पर काफी असर पड़ेगा.

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क‍िसान तक
  • Noida,
  • Apr 29, 2025,
  • Updated Apr 29, 2025, 1:43 PM IST

भारत में दालों की मांग पूरी करने के लिए बड़ी मात्रा में दलहन फसल का आयात किया जाता है. इसमें विभि‍न्‍न दालें शामिल हैं. इस बीच, कमजोर मांग के चलते उड़द की कीमतें लगातार गिरती जा रही हैं. यह घटनाक्रम रबी फसल की अच्‍छी आवक और म्‍यांमार से ज्‍यादा आयात होने की उम्‍मीद के बीच देखा जा रहा है. मालूम हो कि म्‍यांमार में पिछले साल रिकॉर्ड बंपर उत्‍पादन हुआ है. वहीं, कुछ ही हफ्तों में गुजरात और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में उड़द की नई फसल की आवक शुरू होने वाली है. ऐसे में इससे भी उड़द की कीमतों पर असर पड़ना तय माना जा रहा है. 

म्‍यांमार से आने वाली उड़द का पड़ेगा असर

‘बिजनेसलाइन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, आईग्रेन इंडिया के राहुल चौहान ने कहा कि  म्यांमार में पिछले सीजन में 5.5 लाख टन उड़द का उत्‍पादन दर्ज किया गया था, जबकि‍ इस साल करीब 6.5 लाख टन रिकॉर्ड उत्‍पादन हुआ है. ऐसे में वहां के किसान/निर्यातक ज्‍यादा निर्यात करना चाहते हैं. म्यांमार में उगाई जाने वाली ज्‍यादातर उड़द की फसल भारतीय बाजार में पहुंच जाती है. ऐसे में इस साल म्‍यांमार से उड़द का आयात और बढ़ सकता है.

चौहान ने कहा कि म्यांमार से नई फसल का आयात पहले ही शुरू हो गया है और भारतीय बाजार में आवक पहुंचने लगी है. 2024-25 के दौरान भारत का उड़द का आयात 32 प्रतिशत बढ़कर 8.23 ​​लाख टन से ज्‍यादा हो सकता है.हाल के महीनों में म्यांमार से आई उड़द की कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव देखा गया है. 

25 प्रतिशत गिरीं उड़द की कीमतें

वहीं, दलहन व्यापार से जुड़े एक वर्ग का मानना है कि म्यांमार में उड़द का उत्‍पादन 9-10 लाख टन होने का अनुमान है. रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल नवंबर से उड़द की मांग कमजोर हुई है, जबकि‍ म्यांमार जैसे देशों से आयात का बढ़ा है और अत्यधिक बारिश के चलते उड़द की कीमतें 25 प्रतिशत गिरी हैं. वहीं, सरकारी अनुमानों को देखें तो पिछले साल 16.04 लाख टन की तुलना में उत्पादन लगभग 20 प्रतिशत कम होकर 12.82 लाख टन दर्ज किया गया, जबकि‍ दूसरे अग्रिम अनुमानों को देखें तो रबी उत्पादन 5.17 लाख टन ज्‍यादा होने की उम्‍मीद है. 

इन राज्‍यों में शुरू होगी नई आवक

वहीं, दालों के व्‍यवसाय से जुड़े कृष्णमूर्ति ने कहा कि गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में कुछ हफ्तों में जायद सीजन की उड़द फसल की आवक शुरू हो जाएगी. पैदावार भी  अच्छी होने की उम्मीद है, जिसके चलते फसल की ज्‍यादा आवक के कारण ड़द की कीमतों पर असर अभी से दिख रहा है. मालूम हो क‍ि कीमतें पहले से ही 7,400 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे चल रही हैं.

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