आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी बुधवार को गुंटूर मिर्ची मंडी पहुंचे. देश में यह लाल मिर्च की सबसे बड़ी मंडी है. पूर्व सीएम रेड्डी इस मंडी में अचानक पहुंचे, इसलिए चारों ओर अफरा-तफरी का माहौल बन गया. मंडी पहुंचे जगन रेड्डी ने मिर्च किसानों से मुलाकात की उनका हाल-चाल लिया. दरअसल, आंध्र प्रदेश में मिर्च किसानों को अभी भारी घाटा झेलना पड़ रहा है. मिर्च का दाम बहुत अधिक गिर गया है जिससे किसान परेशान हैं. इसी मुद्दे पर पूर्व सीएम रेड्डी गुंटूर मंडी पहुंचे.
जगन मोहन रेड्डी ने किसानों से मुलाकात करने और उनके समर्थन में गुंटूर मंडी का दौरा किया. मगर पहले से कोई तय कार्यक्रम नहीं था, इसलिए पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई. मंडी में आसपास उनके हजारों फैन्स और पार्टी कार्यकर्ता इकट्ठा हो गए. पुलिस को बहुत मुश्किल से भीड़ को संभालना पड़ा.
जगन मोहन रेड्डी की पार्टी YSRCP नेताओं ने जगन की यात्रा के लिए सुरक्षा व्यवस्था की कमी पर नाराजगी जताई है और आरोप लगाया है कि पुलिस पर्याप्त सुरक्षा देने में नाकाम रही है. हालांकि, पुलिस ने जवाब दिया है कि जगन की यात्रा अधिकृत नहीं थी और उन्हें इसके बारे में पहले से सूचित नहीं किया गया था.
गुंटूर के मिर्च किसानों का मसला कई दिनों से सुर्खियों में है क्योंकि उनकी कमाई बहुत घट गई है. यहां के मिर्च किसान कई तरह की आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हैं. गुंटूर का पूरा इलाका मिर्च की खेती के लिए जाना जाता है, मगर बीते कई हफ्तों से मिर्च की वैरायटियों के दाम गिरते जा रहे हैं. इसके पीछे विदेशी बाजार में गिरती मांग और मिर्च की घटिया क्वालिटी को जिम्मेदार बताया जा रहा है. इन दोनों कारणों से मिर्च की मांग गिरी है जिससे किसान बड़े पैमाने पर प्रभावित हुए हैं.
गुंटूर मंडी में दूर-दूर के किसान मिर्च बेचने आते हैं जिसमें कुर्नूल, नांड्याल, डचेपल्ली, सट्टेनापल्ली के इलाके शामिल हैं. यहां तक कि पड़ोसी राज्य तेलंगाना के किसान भी अपनी उपज मंडी में बेचने के लिए लाते हैं. ये सभी किसान भारी घाटा झेलने को मजबूर हैं क्योंकि मिर्च के दाम में बड़ी गिरावट देखी जा रही है. किसानों की इन परेशानियों को जानने और उनकी बात सुनने के लिए जगन रेड्डी आज गुंटूर मिर्च मंडी पहुंचे थे.
एशिया का सबसे बड़ा मिर्च बाजार गुंटूर मिर्ची यार्ड सालाना 20 से ज्यादा देशों को 1.5 लाख से अधिक मिर्ची टिक्की (40 किलो बैग) निर्यात करता है, जिससे 10,000 करोड़ रुपये का कारोबार होता है और राज्य सरकार को 100 करोड़ रुपये का राजस्व मिलता है. हालांकि, हाल के हफ्तों में मिर्च की सभी किस्मों की कीमतों में 1,000 से 2,000 रुपये प्रति बैग की गिरावट आई है, जो एक साल में सबसे कम है.
अभी हाल में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू ने नई दिल्ली स्थित कृषि भवन में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की और आंध्र प्रदेश में लाल मिर्च की खेती करने वाले किसानों की समस्याओं पर चर्चा की. बाद में मीडिया से बातचीत करते हुए राममोहन नायडू ने कहा कि आंध्र प्रदेश सरकार 30 प्रतिशत लाल मिर्च की खरीद करने की योजना बना रही है और उन्होंने केंद्रीय कृषि मंत्री से अलग-अलग योजनाओं के तहत राज्य सरकार के लिए वित्तीय मदद के लिए आग्रह किया है.(अपूर्वा का इनपुट)