शुगर फ्री बीमारियों पर प्रभावी तुषार लोकरे के ऑर्गेनिक गुड़ की कहानी, देश और विदेश में भी है मांग

शुगर फ्री बीमारियों पर प्रभावी तुषार लोकरे के ऑर्गेनिक गुड़ की कहानी, देश और विदेश में भी है मांग

इस गुड़ को बनाने के लिए जिस गन्‍ने की खेती की जाती है उसमें कोई भी रासायनिक खाद नहीं दी जाती. बल्कि गाय का गोबर, गोमूत्र जैसी प्राकृतिक खादों का प्रयोग किया जाता है. इससे तैयार होने वाला प्राकृतिक गुड़ उच्च गुणवत्ता का होता है. इसके अलावा इसकी टिकाऊ क्षमता अत्यंत उत्कृष्ट होती है.

इस गुड़ को तैयार करने का तरीका भी है खास इस गुड़ को तैयार करने का तरीका भी है खास
क‍िसान तक
  • Satara ,
  • Apr 15, 2025,
  • Updated Apr 15, 2025, 6:50 PM IST

इस समय सोसायटी में शुगर फ्री चीजों की मांग बढ़ती जा रही है. इसके साथ ही साथ डायबिटीज या शुगर के मरीजों की संख्‍या भी बढ़ रही है. कई लोग जो डायबिटीज के पीड़‍ित हैं, अक्‍सर उन्‍हें मीठा खाने की इच्छा होती है लेकिन डॉक्टर के सलाह के कारण वो मीठा नहीं खा सकते. इस बीच महाराष्‍ट्र के कराड तालुका के येरवळे के रहने वाले तुषार लोकरे ने खास ऑर्गेनिक गुड़ तैयार किया है जो शुगर मरीजों के लिए अच्‍छा विकल्‍प हो सकता है. 

डायबिटीज में फायदेमंद है यह गुड़! 

डायबिटीज के शिकार लोगों को चीनी और गुड़ से दूर रहना पड़ता है. लेकिन इसके रामबाण उपाय के तौर पर तुषार लोकरे ने जैविक गुड़ तैयार किया है. दावा है कि यह गुड़ शुगर के मरीजों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है. वहीं जहां ऑर्गेनिक गुड़ के नाम पर ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी की जा रही है तो तुषार का तैयार किया गुड़ खरा उतर रहा है. येरवळे में बनने वाला यह प्राकृतिक गुड़ अत्यंत उच्च गुणवत्ता का है और इसकी अच्छी मांग है. 

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कई और बीमारियों में भी गुणकारी 

यूं तो डायबिटीज के नाम पर सोशल मीडिया सहित कई जगहों पर हजारों उपचार बताये जाते हैं. साथ ही साथ रासायनिक गुड़ के नाम पर कई जगहों पर धोखाधड़ी की जा रही है. इस तरह की धोखाधड़ी को रोकने के लिए कराड तालुक के येरवले में तुषार लोकरे ने प्राकृतिक गुड़ तैयार किया है. खास बात यह है कि यह गुड़ बिना किसी रासायनिक सामग्री के तैयार किया गया है. ऑर्गनिक गुड़ शुगर फ्री होने के साथ-साथ कई बीमारियों के लिए गुणकारी है. 

कैसे तैयार होता है यह गुड़ 

इस गुड़ को बनाने के लिए जिस गन्‍ने की खेती की जाती है उसमें कोई भी रासायनिक खाद नहीं दी जाती. बल्कि गाय का गोबर, गोमूत्र जैसी प्राकृतिक खादों का प्रयोग किया जाता है. इससे तैयार होने वाला प्राकृतिक गुड़ उच्च गुणवत्ता का होता है. इसके अलावा इसकी टिकाऊ क्षमता अत्यंत उत्कृष्ट होती है. इस गुड़ को तैयार करने के लिए तुषार लोकरे ने अपने घर के पास ही एक गुऱ्हाळ स्थापित किया है. इस गुऱ्हाळ के माध्यम से प्राकृतिक गुड़ तैयार किया जा रहा है.  

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120 रुपये में मिलता एक किलो 

येरवले में चक्की पर काम करने के लिए महिलाओं को प्राथमिकता दी गई है. तुषार लोकरे के घर में तैयार होने वाला गुड़ और प्राकृतिक काकवी, गन्‍ने के रस से बनी कुल्फी, इमली की चटनी, गुड़ के क्यूब आदि उत्पादों के लिए प्रयोग हो रहा है. इस गुड़ को 120 रुपये प्रति किलो बेचा जा रहा है. सिर्फ भारत के अलग-अलग राज्यों में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी इस प्राकृतिक गुड़ की अच्छी-खासी मांग है. 

(कराड सतारा से सकलेन मुलाणी की रिपोर्ट) 

 

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