तमिलनाडु के बाजारों में बढ़ी चाइनीज लहसुन की आवक, स्थानीय किसानों को नहीं मिल रही देशी किस्म की कीमत

तमिलनाडु के बाजारों में बढ़ी चाइनीज लहसुन की आवक, स्थानीय किसानों को नहीं मिल रही देशी किस्म की कीमत

मदुरै, डिंडीगुल और थेनी जिलों के बाजारों में अवैध चाइनीज लहसुन की भरमार है. जिसे भारत ने 2014 में ही अधिक कीटनाशक की मात्रा होने के कारण बैन कर दिया था.

चाइनीज लहसुन ( सांकेतिक तस्वीर)चाइनीज लहसुन ( सांकेतिक तस्वीर)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Sep 13, 2024,
  • Updated Sep 13, 2024, 2:56 PM IST

लहसुन की खेती वैसे तो किसानों के लिए फायदेमंद होती है. लेकिन इस बार तमिलनाडु में लहसुन की खेती करने वाले किसान परेशानियों के दौर से जूझ रहे हैं. एक तरफ जहां मौसम की बेरुखी के कारण उत्पादन प्रभावित हुआ है वहीं दूसरी तरफ बाजार में अच्छे दाम भी नहीं मिल रहे हैं. इस तरह से किसान दोहरी मार का सामना कर रहे हैं.  दरअसल बेमौसम बारिश के कारण पिछले कुछ महीनों में ऊटी और कोडईकनाल में बेमौसम बारिश के कारण फसल में गिरावट आई है. इसके बाद भी किसानों को लहसुन के अच्छे दाम नहीं मिल रहे हैं.  

इसके पीछे की वजह यह बताई जा रही है कि मदुरै, डिंडीगुल और थेनी जिलों के बाजारों में अवैध चाइनीज लहसुन की भरमार है. जिसे भारत ने 2014 में ही अधिक कीटनाशक की मात्रा होने के कारण बैन कर दिया था. द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार लहसुन की खेती करने वाले एक किसान ने का कि वे एक एकड़ में 400 किलोग्राम लहसुन उगा सकते हैं, इसके लिए उन्हें 3 लाख से रुपये से अधिक खर्च करने पड़ते हैं. उन्होंने कहा कि उन्होंने 340 रुपये प्रति किलो के हिसाब से लहसुन बेचा है जबकि उनके एक दोस्त ने 300 रुपये किलो की दर से लहसुन की बिक्री की है. 

ये भी पढ़ेंः राजस्थान में किसानों की बढ़ेगी इनकम, सरकार फ्री में बांट रही है इन फसलों के बीज

सस्ते दाम में लहसुन बेच रहे किसान

वर्तमान समय में लहसुन का खुदरा मूल्य 450-600 रुपये प्रति किलो से ज्यादा है. किसान ने कहा कि अगर गुजरात के जरिए तमिलनाडु के बाजारों में आ रही चाइनीज लहसुन के आवक को रोका जाएगा तो स्थानीय किसानों को लहसुन की कीमत अच्छी मिलेगी. वे 400 रुपये किलोग्राम तक लहसुन बेच पाएंगे. किसानों का यह भी आरोप है कि इस वक्त बाजार में देशी लहसुन की आपूर्ति कम हो रही है इसका फायदा उठाते हुए व्यापारी चाइनीज किस्म के लहसुन को 420-450 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेच रहे हैं, जिसकी खरीद दर 200-300 रुपये प्रति किलोग्राम तक होती है. 

गुजरात में पहुंचा है 120-159 टन लहसुन

लहसुन कारोबार से जुड़े स्थानीय सूत्र बताते हैं कि चीन से 120-150 टन लहसुन गुजरात पहुंच चुका है और नीलामी के जरिए पहले ही बेचा जा चुका है. पिछले दो सप्ताह के दौरान कई बाजारों में इसकी उपस्थिति देखी गई. तमिलनाडु किसान सुरक्षा संघ के उप महासचिव सी नेताजी बताया कि  कोडईकनाल और ऊटी में बमौसम बारिश के कारण फसल खराब हुई है, इसके चलते आपूर्ति कम हो रही है. इसलिए व्यापारी पिछले तीन महीनों से गुजरात, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश से सब्जी खरीद रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः इस राज्य में खेती से जुड़ा बिजनेस करने के लिए मिल रही है सब्सिडी, किसान ऐसे उठा सकते हैं लाभ

गुजरात के बाजार में भरे हैं चाइनीज लहसुन

उन्होंने आगे बताया कि चाइनीज लहसुन का आयार कंटेनरों के जरिए किया जाता है. गुजरात के बाजारों में पहले से ही चाइनीज लहसुन भरे पड़े हैं. इस लहसुन पर प्रतिबंध लगाया गया है इसलिए इसे दक्षिणी राज्यों में ले जाया जा रहा है. उन्होंने दावा किया कि चूंकि कुछ किसानों के लिए भी चीनी किस्म को पहचानना मुश्किल है, इसलिए व्यापारी इसे जिलों में खुदरा दुकानों में 420-450 रुपये प्रति किलोग्राम पर बेच रहे हैं. ये लहसुन बड़े और सफेद रंग के होते हैं लेकिन ये भारतीय किस्म के नहीं हैं.
 

 

MORE NEWS

Read more!