विटामिन बी 1 मानव शरीर के लिए आवश्यक तत्व होता है. थायमिन जिसे विटामिन बी-1 के रूप में भी जाना जाता है. इस विटामिन को शरीर के अंदर नहीं बनाया जा सकता. यह भोजन या औषधि के रूप में ही पाया जाता है. इस विटामिन के लिए लोग साबुत अनाज, फल और मांस- मछली का सेवन करते हैं. इसकी कमी से बेरीबेरी, मूत्र रोग और लेह सिंड्रोम जैसी बीमारियां हो सकती है. जिससे लोगों के वजन पर असर पड़ता है और चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है.
ऐसे में मोटे अनाज विटामिन बी 1 की कमी को दूर करने के लिए बेहतर विकल्प है. हालांकि आम धारणा है कि फल और सब्जियों में ही विटामिन बी 1 पाया जाता है. लेकिन, इसके अलावा कई मोटे अनाज हैं, जिनमें विटामिन बीः1 पाया जाता है. आइये जानते हैं किस मोटे अनाज में विटामिन कितनी मात्रा में पाया जाता है.
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सामान्य तौर पर साबुत अनाजों में गेहूं में अधिक विटामिन बी 1 पाया जाता है. आईसीएआर की तरफ से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार 100 ग्राम गेहूं में 0.46 ग्राम विटामिन होता है. लेकिन, मोटे अनाजों की सूची में शामिल कंगनी (foxtail millets) में सबसे अधिक विटामिन होता है, जिसमें 100 ग्राम चेना में 0.59 ग्राम तक विटामिन की मात्रा होती है
अनाज | विटामिन बी-1 की मात्रा (प्रति 100 ग्राम अनाज में कितने ग्राम ) |
कंगनी | 0.59 |
गेहूं | 0.46 |
चेना | 0.41 |
रागी | 0.37 |
ज्वार | 0.35 |
संवा | 0.33 |
कोदो | 0.29 |
कुटकी | 0.26 |
बाजरा | 0.25 |
चावल | 0.00 |
स्त्रोत ICAR
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों से अपने भोजन में मोटे अनाज को शामिल करने की अपील कर चुके हैं. असल में मोटा अनाज बढ़ती उम्र वाले बच्चों के साथ ही ज्यादा शारीरिक मेहनत करने वाले कामगारों और बूढ़े लोगों के लिए काफी जरूरी है. मोटे अनाज को पैदा करने में कम मेहनत और कम पानी की आवश्यकता पड़ती है. इसलिए सरकार मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ावा दे रही है.
दुनियाभर में वर्ष 2023 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स के तौर पर मनाया जा रहा है. इसका शुभारंभ 6 नवंबर 2022 को रोम और इटली से किया जा चुका है. यह आयोजन विश्व में मोटे अनाज की वैश्विक मांग बनाने के लिए किया जा रहा है.भारत सरकार ने 2018 में मिलेट्स ईयर के तौर पर मनाया था. जिसके बाद भारत नें 2021 में संयुक्त राष्ट्र महासभा को 2023 को अंतरराष्ट्रीय वर्ष घोषित करने का प्रस्ताव रखा था. भारत के इस प्रस्ताव को 72 देशों का समर्थन मिला और संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने 2023 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स के रूप में घोषित कर दिया.
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