Tattoo Side effects: पूर्वांचल में टैटू बनवाने के बाद 40 युवा हुए एचआईवी संक्रमित, बनारस में हुए 26 युवा पॉजिटिव

Tattoo Side effects: पूर्वांचल में टैटू बनवाने के बाद 40 युवा हुए एचआईवी संक्रमित, बनारस में हुए 26 युवा पॉजिटिव

पूर्वांचल के 10 जिलों में 26890 एचआईवी संक्रमित मरीज मिले हैं जिनमें 50 फ़ीसदी की उम्र 20 से 45 वर्ष के बीच है. वहीं इनमें 40 लोग ऐसे भी मिले हैं जो टैटू बनवाने के बाद संक्रमित हुए हैं. चिकित्सकों के मुताबिक टैटू बनाने वाले गलत सुई का इस्तेमाल करते हैं जिसके चलते एचआईवी संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है.

धर्मेंद्र सिंह
  • Varanasi ,
  • Apr 30, 2024,
  • Updated Apr 30, 2024, 10:00 AM IST

शरीर पर टैटू बनवाना एक फैशन सा बन गया है. दिल्ली, मुंबई के बाद अब ग्रामीण इलाकों में भी हाथों पर टैटू बनवाने का चलन बढ़ गया है. टैटू बनवाने में प्रयोग होने वाली सुई से एचआईवी संक्रमित मरीजों की संख्या भी अब बढ़ने लगी है. पूर्वांचल के 10 जिलों में 26890 एचआईवी संक्रमित मरीज मिले हैं जिनमें 50 फ़ीसदी की उम्र 20 से 45 वर्ष के बीच है. वहीं इनमें 40 लोग ऐसे भी मिले हैं जो टैटू बनवाने के बाद संक्रमित हुए हैं. चिकित्सकों के मुताबिक टैटू बनाने वाले गलत सुई का इस्तेमाल करते हैं जिसके चलते एचआईवी संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है. टैटू बनवाने के नाम पर सेहत के साथ सीधा खिलवाड़ किया जा रहा है. टैटू बनवाने में एक ही सुई का बार-बार इस्तेमाल करना संक्रमण की बड़ी वजह है. 

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टैटू बनवाने से 40 युवा हुए एचआईवी संक्रमित

युवाओं में टैटू बनवाने का चलन तेजी से बढ़ रहा है. उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में भी इन दिनों एचआईवी मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है जिसके पीछे टैटू का भी अहम रोल है. चिकित्सकों के मुताबिक टैटू बनाने में जो सुई का इस्तेमाल होता है उसकी कीमत ₹1200 होती है जबकि चौक चौराहों पर ₹200 में टैटू बना दिया जाता है. इसका सीधा मतलब है कि लोगों की सेहत से कैसे खिलवाड़ किया जाता है. एक ही सुई के बार-बार इस्तेमाल से एचआईवी संक्रमण का खतरा तेजी से बढ़ रहा है. प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के हर जिले के सरकारी अस्पतालों में एआरटी केंद्र का संचालन करता है जहां एचआईवी संक्रमित की पहचान होती है. पूर्वांचल के 10 जिलों में एआरटी सेंटर की पड़ताल से पता चला है कि संक्रमित की संख्या 27000 तक जा पहुंची है. वाराणसी में अकेले 3000 संक्रमित पंजीकृत है जिनमें 26 रोगी ऐसे हैं जो टैटू बनाने की वजह से संक्रमित हुए. डॉ प्रीति अग्रवाल का कहना है कि संक्रमित व्यक्ति की पहचान करते यह पाया गया कि टैटू बनवाने में एक ही सुई का कई लोगों पर इस्तेमाल किया गया है जिसकी वजह से कई युवाओं को एचआईवी संक्रमण हुआ है. आजमगढ़ में भी 12 लोग टैटू बनवाने से एचआईवी संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं. 10 जिलों में आजमगढ़ पहले पायदान पर है जहां पर इन दिनों लगभग 8 000 मरीजों में एचआईवी का संक्रमण है. 

टैटू का शौक पड़ा महंगा

 वाराणसी जनपद में तेजी से बढ़ रहे टैटू की दुकानों के चलते युवाओं में इसका क्रेज बढ़ा है. स्कूल और कॉलेज में पढ़ने वाले युवा ही नहीं बल्कि लड़कियों की टैटू बनवा रही हैं. वाराणसी में अकेले 26 युवाओं टैटू बनवाने के चलते एचआईवी संक्रमित होने की पहचान हुई है. चिकित्सक डॉक्टर पीयूष राय का कहना है की 20 से 40 वर्ष के युवा शौक में टैटू बनवा रहे हैं जिसके चलते वह गंभीर बीमारी की चपेट में आ जाते हैं.

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