उत्तर प्रदेश सरकार ने नोएडा को दिल्ली से जोड़ने के लिए रैपिड रेल कॉरिडोर को मंजूरी दे दी है. यह कॉरीडोर नोएडा और दिल्ली एयरपोर्ट को जोड़ेगा और लगने वाले समय को घटाकर 80 मिनट कर देगा. यूपी सरकार ने रैपिड रेल कॉरिडोर के लिए 16,000 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है. बता दें कि इससे पहले गाजियाबाद-मेरठ रैपिड रेल की शुरुआत बीते साल की जा चुकी है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने गाजियाबाद रैपिड रेल के सफल शुरुआत बीते साल की गई थी और उस पर करीब 30 हजार करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. इस रैपिड रेल रूट पर साहिबाबाद, स्टेशन गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो स्टेशन बनाए गए हैं. जबकि, यह रूट आगे मेरठ को जोड़ने के लिए लगभग तैयार हो चुका है. इससे पहले अब यूपी सरकार ने नोएडा को दिल्ली से जोड़ने के लिए 16,000 करोड़ रुपये के रैपिड रेल कॉरिडोर को मंजूरी दे दी है. यह रैपिड रेल नोएडा और दिल्ली हवाई अड्डों को दिल्ली के अन्य हिस्सों से जोड़ देगा. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) इस प्रोजेक्ट रिपोर्ट पर काम कर रहा है जो मार्च तक पूरी हो जाएगी.
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड में उत्तर प्रदेश सरकार के नोडल अधिकारी शैलेन्द्र भाटिया ने कहा कि परियोजना शुरू होने के बाद इसे पूरा होने में चार साल लगेंगे. इसे 2030 से पहले पूरा करने का लक्ष्य है. यह रैपिड रेल कॉरीडोर ग्रीनफील्ड के हवाई अड्डे के आकर्षण को बढ़ावा देगा और इसे दिल्ली हवाई अड्डे से यात्री यातायात को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी. नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से इस साल के अंत में पहली उड़ान शुरू होने की उम्मीद है.
रैपिड रेल कॉरीडोर प्रस्ताव के अनुसार नोएडा हवाई अड्डे का लिंक गाजियाबाद स्टेशन से निकलेगा. निर्माणाधीन दिल्ली-अलवर रैपिड रेल सराय काले खां से होकर गुजरती है जो दिल्ली-मेरठ रेल का शुरुआती स्टेशन है. दिल्ली-अलवर रेल रूट 2025 के मध्य तक पूरी होने की संभावना है. इसमें एयरोसिटी के साथ इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचने के लिए स्टेशन होगा. रैपिड रेल कॉरीडोर निर्माण से नोएडा एयरपोर्ट से दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचने का कुल यात्रा का समय लगभग 80 मिनट होगा.
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