कच्चे तेल की महंगाई बढ़ने की आशंका के बीच कार, टीवी और स्मार्टफोन की कीमतों में धीरे से इजाफा हो गया है. 2022 में जिन कमोडिटीज के दाम बढ़ने से कंपनियों की लागत बढ़ गई थी, कुछ वैसी ही महंगाई 2024 में फिर से कच्चे माल की कीमतों में तेजी के तौर पर सामने आने लगी है. कंपनियों ने कच्चे माल की लागत का बढ़ता बोझ ग्राहकों पर डालकर इन सामानों को महंगा कर दिया है.
कॉपर और एल्युमीनियम जैसे सामानों की कीमतों में हाल के दिनों में तेजी आई है. इसके साथ ही मेमोरी चिप्स और डिस्प्ले पैनल जैसे पार्ट्स की ऊंची लागत और रुपये में कमजोरी ने मैन्युफैक्चरर्स के मार्जिन को घटा दिया है. हालांकि, कंपनियों को भरोसा है कि कीमतों में बढ़ोतरी के बावजूद डिमांड घटने के आसार नहीं हैं. इसी आस के चलते अप्रैल में मारुति सुजुकी, होंडा कार्स इंडिया, टोयोटा किर्लोस्कर मोटर और Kia इंडिया जैसी कार कंपनियों ने कमोडिटी कॉस्ट में इजाफे के बाद अपने वाहनों के दाम बढ़ा दिए हैं. इन कंपनियों ने कीमतों में 3 फीसदी तक इजाफा किया है. बाकी कंपनियां भी कीमतों में बढ़ोतरी की संभावनाओं पर विचार कर रही हैं.
कार की तरह ही स्मार्टफोन की कीमतों में भी तेजी के आसार नजर आ रहे हैं. मेमोरी चिप्स और डिस्प्ले पैनल जैसे कंपोनेंट्स की कीमतों में सिंगल डिजिट की बढ़ोतरी से इनके दाम बढ़ सकते हैं. मार्केट ट्रैकर Counterpoint के मुताबिक इससे स्मार्टफोन की कीमतों में 2-3 पर्सेंट की बढ़ोतरी हो सकती है. इंडस्ट्री के मुताबिक नए लॉन्च के लिए कंप्यूटर की कीमतें में बढ़ोतरी हो सकती हैं. जबकि, पुराने मॉडलों के लिए सामान्य कीमतों में गिरावट थम रही है. पुराने स्मार्टफोन मॉडल के मामले में भी कीमतों का यही ट्रेंड देखा जा रहा है. मार्च तिमाही में पैनल या ओपन सेल प्राइस में 30 से 35 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इसकी वजह से कई टेलिविजन ब्रैंड्स ने बीते दो हफ्तों में मॉडल्स की कीमतों में 5 से 7 पर्सेंट का इजाफा किया है.
बीते 3 से 4 महीनों में कुछ पार्ट्स की कीमतों में तेजी का माहौल जारी रहने से कीमतों पर ये दबाव देखा जा रहा है. इस दौरान कॉपर, एल्युमीनियम, जिंक और कुछ पॉलिमर सामानों के दाम बढ़ गए हैं जिससे प्रोडक्शन कॉस्ट पर अलग-अलग असर पड़ा है. हालांकि, अब 6 से 7 साल में जिस तरह से ग्राहकों ने टीवी अपग्रेड करना शुरु कर दिया है. उससे महंगाई के बावजूद डिमांड बेअसर होने का अनुमान है. इसके अलावा नवरात्रि और शादियों के सीजन की वजह से भी अप्रैल में कारों और दूसरे कंज्यूमर ड्यूरेबल प्रॉडक्ट्स की डिमांड में तेजी दर्ज की गई है. ( आजतक ब्यूरो )