Agriculture startups in India: देश के एग्रीकल्चर सिस्टम में जो परेशानियां हैं उनको किसान ही नहीं पूरा देश झेलता है.सरकार अपने तरीके से इन समस्याओं को दूर करने में लगी है लेकिन फिर भी ये खत्म नहीं हो रही है. इस फील्ड में इनोवेशन की बहुत जगह है इसलिए स्टार्टअप एग्रीकल्चर की तरफ रुख कर रहे हैं. युवा इस क्षेत्र में एक बिजनेस अवसर देख रहे हैं और इसलिए इनोवेटिव आइडिया के साथ एग्रीकल्चर स्टार्टअप शुरू कर रहे हैं. देश में तेजी से एग्रीकल्चर से जुड़े स्टार्टअप आ रहे हैं. एग्रीकल्चर स्टार्टअप के दो बड़े फायदे हैं, पहला तो ये इस फील्ड की परेशानियां दूर कर रहे हैं दूसरा रोजगार भी पैदा कर रहे हैं.
IIML के एंटरप्राइज इंक्यूबेशन सेंटर के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर अरुणोदय बाजपेयी का कहना है कि एग्रीकल्चर सेक्टर की बड़ी समस्या है मार्केट लिंकेज की. किसान जो पैदावार करता है उसका सही मार्केट ना मिलने की वजह से सही कीमत नहीं मिलती. कई स्टार्टअप इस परेशानी को दूर करने के की दिशा में काम कर रहे हैं और टेक्नॉलोजी के माध्यम से किसानों को सीधे मार्केट से कनेक्ट कर रहे हैं जिससे किसानों को फायदा हो रहा है.एग्रीकल्चर स्टार्टअप उत्पादकता बढ़ा रहे हैं, लागत कम कर सकते हैं जिससे किसानों की आय बढ़ रही है.
अरुणोदय बाजपेयी का मानना है खेती में आधुनीकरण लाने से ये सेक्टर प्रगतिशील बनेगा और इससे जुड़े लोगों को फायदा होगा. खेती में मॉडर्न फार्म प्रैक्टिस यानी नई आधुनिक तकनीक का समावेश करना जरूरी है. बहुत सारे स्टार्सअप इस दिशा में काम कर रहे हैं जिसे फ्रूगल इनोवेशन के तौर पर जाना जा रहा है. अरुणोदय वाजपेयी ने बताया कैसे sabjikothi जैसे स्टार्टअप एक अच्छा उदाहरण है फ्रूगल इनोवेशन का . sabjikothi एक IIT Kanpur के स्टूडेंट का एग्रीकल्चर स्टार्टअप है जिसने एक ऐसा छोटा बॉक्स जैसा बनाया है जिसमें सब्जी फल कई दिन तक खराब नहीं होते. ये काफी सस्ता है और खेती में जो कोल्ड चेन की समस्या वो इससे दूर हो सकती है. युवा ऐसे कई इनोवेशन लेकर आ रहे हैं जो सस्ते हैं और किसानों को फायदा हो रहा है.
1-इनपुट और फार्म सॉल्यूशन- एग्रोस्टार, देहात, खेतीनेक्स्ट,बिगहाट, उन्नति
2-मैकेनाइजेशन और प्रिसिजन फार्मिंग-क्रोपिन,EM3Agri RMSI क्रॉपलिटिक्स, फसल, फ्लाईबर्ड इनोवेशन
3-फाइनेंस और इंश्योरेंस सुविधा- PSamunnati, जय किसान, ग्रामकवर, पे एग्री
4-एडवाइजिरी, क्वालिटी और ट्रेसेबिलिटी- क्रोपिन, इंटेलो लैब्स, , RML Agtech, फार्मबी,फसल
5-मार्केट लिंकेज-निंजाकार्ट,बिगबास्केट, वेकूल, देहात, बीजक, Otipy, टोकरी, फार्मफ्रेश, मिल्क बास्केट
6-वेयरहाउस और लॉजिसिटिक्स- Arya.ag, ओरिगो कमोडिटीज, Ergos, NCML, स्टारअग्री
7-वर्टिकल हाइड्रोपोनिक फार्मिंग- अर्बन किसान, फ्यूचर फार्म, एक्वाफार्म
8-लाइवस्टॉक स्टार्टअप- लिशियस(Licious) टेंडरकट, फ्रेश टू होम, Eggoz
आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल 2023 तक करीब 2642 एग्रीकल्चर स्टार्टअप को DPIIT ने मान्यता दे रखी थी. ये 490 जिलों में फैले हैं 38,000 से ज्यादा लोगों को रोजगार दे रहे हैं. इसमें से करीब 2207 एग्रीटेक स्टार्टअप हैं जिनको DPIIT ने मान्यता दे रखी है. इन स्टार्टअप ने सेल्फ फंडिंग, फंडिंग और निवेश करीब 6,600 करोड़ रुपये जुटाए हैं. आंकड़ों के मुताबिक मिलेट में भी 500 से ज्यादा स्टार्टअप काम कर रहे हैं. सबसे ज्यादा स्टार्टअप महाराष्ट्र में हैं. हालांकि ये सिर्फ सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त स्टार्टअप की संख्या है, इसके अलावा हजारों और स्टार्टअप एग्रीकल्चर से जुड़े काम कर रहे हैं. एग्रीकल्चर सेक्टर से पहला यूनीकॉर्न बनने की बात करें तो इस रेस में कई बड़े स्टार्टअप हैं जिसमें Dehaat, waycool, Crofarm, agrostar समेत कई नाम शामिल हैं. अरुणोदय बाजपेयी का कहना है कि 2024 में एग्रीकल्चर सेक्टर में पहला यूनीकॉर्न बनने का खिताब Dehaat या waycool में से कोई अपने नाम कर सकता है.
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साल 2018-19 से केन्द्र सरकार एक इनोवेशन एंड एग्री एन्टेप्रेन्योरशिप डवलपमेंट प्रोग्राम चला रही है जिससे कृषि क्षेत्र में इनोवेशन और स्टार्टअप्स को बढ़ावा मिले. इसके लिए देश भर में नॉलेज पार्टनर और एग्रीबिजनेस इंक्यूबेटर सेंटर बनाए गये हैं. इसके अलावा सरकार एग्रीस्टार्टअप कॉनक्लेव, एग्जीबिशन, , एग्री फेयर और वेबिनार, वर्कशॉप के माध्यम से भी स्टार्टअप को सपोर्ट करती है. इस प्रोग्राम के तहत स्टार्टअप आइडिया के लिए 5 लाख, प्रीसीड स्टेज के लिए 25 लाख रुपये मिलते हैं. केन्द्र सरकार ने 2023-24 के लिए 500 करोड़ रुपये का एक्सीलरेटर फंड भी दिया है जिससे युवा लोग इस तरफ आकर्षित हो सकें.