दुनियाभर के सूखे इलाकों में खेती को बढ़ावा देने के लिए रणनीति तैयार, CGIAR ने बताया पूरा प्‍लान

दुनियाभर के सूखे इलाकों में खेती को बढ़ावा देने के लिए रणनीति तैयार, CGIAR ने बताया पूरा प्‍लान

पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन की मार झेल रही है. जलवायु परिवर्तन का प्रतिकूल प्रभाव खेती पर भी पड़ रहा है, जिससे खाद्य संकट पैदा हो रहा है. इससे निजात पाने के लिए अंतरराष्ट्रीय कृषि अनुसंधान केंद्रों के संघ (CGIAR) ने दुनियाभर में सूखे इलाकों में खेती के लिए एक वैश्विक रणनीति तैयार की है. जिसमें इकार्डा और इक्रिसेट जैसे संस्‍थानों ने बड़ा योगदान दिया है.

Dryland Farming GSRD 2030Dryland Farming GSRD 2030
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Dec 06, 2024,
  • Updated Dec 06, 2024, 8:57 PM IST

अंतरराष्ट्रीय कृषि अनुसंधान केंद्रों के संघ (CGIAR) ने दुनिया के सबसे सूखे इलाकों में खेती में बदलाव लाने और भविष्य में टिकाऊ खाद्य प्रणालियों का पैटर्न तय करने के लिए एक वैश्विक रणनीति (GSRD) 2030 ग्लोबल स्ट्रैटेजी फॉर रेसिलिएंट ड्राईलैंड्स बनाई है. इस स्‍ट्रैटजी को बनाने में शुष्क क्षेत्रों में कृषि अनुसंधान के लिए अंतरराष्ट्रीय केंद्र (इकार्डा) और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों के लिए अंतरराष्ट्रीय फसल अनुसंधान संस्थान (इक्रिसैट) ने अहम योगदान दिया है. 

एशिया और अफ्रीका पर ध्‍यान

CGIAR केंद्रों की ओर से सहयोगात्मक रूप से बनाई गई वैश्विक रणनीति में एशिया और अफ्रीका द्वीप पर खास ध्यान दिया गया है. इससे यहां के 2.7 बिलियन लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए एक रोडमैप निकलकर सामने आया है. सीजीआईएआर ने 2030 ग्लोबल स्ट्रैटेजी फॉर रेसिलिएंट ड्राईलैंड्स के तहत शुष्क भूमि (ड्राइलैंड) पर कृषि खाद्य प्रणालियों में लक्षित निवेश के लिए पांच प्रमुख अवसर चिह्नित किए हैं. 

  • पहला- जलवायु परिवर्तन के अनुकूल कृषि खाद्य प्रणालियों का अनुकूलन. 
  • दूसरा- लचीले पारिस्थितिकी तंत्रों और समुदायों को सपोर्ट देने के लिए जैव विविधता को बचाना और इसका इस्‍तेमाल करना.
  • तीसरा- उत्पादन को स्थायी रूप से तीव्र करने के लिए मिट्टी, भूमि और जल प्रणालियों का प्रबंधन करना.
  • चौथा- भूख और कुपोषण को कम करने के लिए स्थायी स्वस्थ आहार तक पहुंच सुनिश्चित करना.
  • पांचवा- सुरक्षा, एजेंसी और शांति को बढ़ावा देने के लिए समावेशी, न्यायसंगत विकास को बढ़ावा देना.

जलवायु-स्मार्ट कृषि मॉडल बनाने का अवसर

पारंपरिक तौर पर कमजोर पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में पहचाने जाने वाली शुष्कभूमि (Dryland) जलवायु-स्मार्ट कृषि मॉडल बनाने का अहम अवसर है. इसे वैश्विक स्तर पर बढ़ाया जा सकता है. शुष्‍कक्षेत्र में वैश्विक कृषि के 44 प्रतिशत और दुनिया की लगभग आधी पशुधन आबादी मौजूद है. जलवायु परिवर्तन के कारण वैश्विक खाद्य प्रणालियां खतरे में पड़ती दिख रही हैं. ऐसे में  CGIAR ने अपने भागीदारों के साथ मिलकर शुष्क भूमि (Drylands) के लचीलेपन के लिए मॉडल विकसित किए हैं.

GSRD 50 साल के ज्ञान-अनुभव का खजाना

इक्रिसैट के महानिदेशक स्टैनफोर्ड ब्लेड ने कहा, "GSRD 2030 हमारे साझा 50 साल के अनुभव से हासिल ज्ञान और रिसर्च का खजाना है. इस ग्‍लोबल स्‍ट्रैटजी में अक्सर अनदेखा कर दिए जाने वाले ड्राइलैंड में मौजूद  लचीलेपन की अप्रयुक्त क्षमता की जानकारी सामने आई है. GSRD 2030 के तहत CGIAR  सौर ऊर्जा चालित कृषि-वोल्टाइक, नवीन कृषि-वानिकी और पशुधन चारा प्रथाओं और मिट्टी सुधार और विलवणीकरण समाधान जैसे समाधान देना चाहता है. इसके अलावा जौ, मसूर, चना, सोयाबीन या कैक्टस जैसी जलवायु-स्मार्ट फसलों के लिए बेहतर प्रजनन तकनीक भी देना चाहता है.

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