किसानों की वित्तीय जरूरत पूरी करने के लिए उपज के बदले रकम मिल सकेगी. दरअसल, पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी SLCM ने कोलैटरल लोन सुविधा देने के लिए Bank of Baroda से करार किया है. इसके तहत किसानों को उनकी फसल के बदले लोन के रूप में रकम मिल सकेगी. SLCM ने कहा कि कपास, दालों, मक्का, मसालों समेत और अन्य प्रमुख कृषि उत्पादों के लिए किसान लाभ उठा सकते हैं.
भारत की सबसे बड़ी पोस्ट हार्वेस्ट लॉजिस्टिक्स और एग्री सॉल्यूशन कंपनी सोहन लाल कमोडिटी मैनेजमेंट (SLCM) ने बड़े स्तर पर कोलैटरल मैनेजमेंट सॉल्यूशन देने के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ साझेदारी की है. इस साझेदारी से SLCM के साथ काम करने वाले किसानों और कृषि समुदाय को देशभर में मौजूद बैंक ऑफ बड़ौदा के विशाल नेटवर्क से अपनी फसलों के बदले लोन लेने में मदद मिलेगी.
SLCM कंप्टीटिव ब्याज दरों पर फसल के बाद लोन की सुविधा देगी. साथ ही सुरक्षित भंडारण और रिस्क मैनेजमेंट सॉल्यूशन भी देगी. अपने पेटेंटेड और इंडस्ट्री प्रमाणित टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म एग्री रीच का फायदा उठाते हुए SLCM (एसएलसीएम) का मकसद कोलेटरल मैनेजमेंट प्रक्रिया को सरल बनाना और देशभर के किसानों, एग्रीकल्चर बिजनेस और इससे जुड़े स्टेकहोल्डर्स को फाइनेंस तक आसान पहुंच दिलाना है.
SLCM के ग्रुप सीईओ संदीप सभरवाल ने कहा कि बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ हमारी पार्टनरशिप की है. हमारा मकसद रहा है कि हर किसान, चाहे वह किसी भी स्थान या फसल का मालिक हो, उसे पारंपरिक और डिजिटल एग्री इकोसिस्टम में बढ़ने का मौका मिले. उन्होंने कहा कि अपने फिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और खेती के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का लाभ उठाकर हम अपने बैंकिंग पार्टनर्स के साथ मिलकर किसानों को सुरक्षित लोन देने, डिफॉल्ट जोखिम कम करने के साथ ही पूरे कृषि सिस्टम के लिए बेहतर वित्तीय पहुंच की सुविधा दे रहे हैं.
SLCM के सीबीओ सलमान उल्लाह खान ने कहा कि बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ हमारी नई साझेदारी फसल कटाई के बाद मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म के लिए हमारे खास है. वित्तीय संस्थानों के साथ हमारा सहयोग SLCM की बड़ी रणनीति का हिस्सा है, जो विभिन्न क्षेत्रों में वेयरहाउस रसीद फाइनेंसिंग और कोलैटरल मैनेजमेंट सेवाएं देता है. इससे किसानों और कृषि व्यवसायों को अपने रखे गए माल को कोलैटरल के रूप में इस्तेमाल करके लोन की सुविधा दी जा सके.
SLCM फसल कटाई के बाद के समाधानों को डिजिटल बनाने में सबसे आगे रहा है. फिक्की रिपोर्ट के अनुसार इसकी एग्री रीच तकनीक ने फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान को 10 फीसदी से घटाकर सिर्फ 0.5 फीसदी कर दिया है. यह खास प्लेटफॉर्म कमोडिटी की क्वालिटी, मात्रा और स्टोरेज की सटीक ट्रैकिंग और मैनेजमेंट को आसान बनाता है, जिससे बैंकों के लिए कोलैटरल वैल्यू का आकलन करना और उसके बदले अधिक रकम देना आसान हो जाता है.
कंपनी के अनुसार SLCM का नेटवर्क 19 राज्यों में फैला हुआ है. 31 अक्टूबर 2024 तक कंपनी के पास 17,000 से अधिक गोदाम और 36 कोल्ड स्टोरेज थे जो 1,080 से अधिक वस्तुओं से जुड़ी सेवाएं प्रदान करते हैं. कंपनी की सेवाएं विशेष रूप से कपास, दालों, मक्का, मसालों, मेंथा ऑयल और अन्य प्रमुख कृषि उत्पादों से संबंधित क्षेत्रों के लिए फायदेमंद हैं.