Kisan Andolan: आखिरकार खुल गया शंभू बॉर्डर, दोतरफा रास्ता शुरू, सुर्खियों में पटियाला DIG का बयान

Kisan Andolan: आखिरकार खुल गया शंभू बॉर्डर, दोतरफा रास्ता शुरू, सुर्खियों में पटियाला DIG का बयान

Kisan Andolan: बुधवार शाम चंडीगढ़ में केंद्र सरकार के साथ मीटिंग करके वापस आ रहे किसान नेताओं को पंजाब पुलिस ने मोहाली में हिरासत में ले लिया. इसके बाद भारी गिनती में खनौरी और शंभू मोर्चे पर पुलिस फोर्स की तैनाती की गई. बाद में सफाई अभियान शुरू कर दिया गया. यहां से किसानों की ट्रॉली को हटाया जा रहा है और झोपड़ी को तोड़कर सफाई की जा रही है. इसी के चलते आज पंजाब में अलग-अलग जगह पर किसानों द्वारा प्रदर्शन किए गए.

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कमलप्रीत सभरवाल
  • Shambhu Border,
  • Mar 20, 2025,
  • Updated Mar 20, 2025, 6:50 PM IST

आखिरकार पंजाब का शंभू बॉर्डर खुल गया है. यहां दोनों तरफ का रास्ता खोल दिया गया है. इससे आम लोगों को बहुत राहत मिली है. आम जनता ने इस फैसले का स्वागत किया है. पंजाब पुलिस ने एक कार्रवाई में किसानों को हिरासत में लेने के बाद बॉर्डर का रास्ता खुलवाया. सड़क पर महीनों से डेरा डाले किसानों के सामान को हटाया. बॉर्डर का यह रास्ता 13 महीने से बंद चल रहा था जिससे आम लोगों के अलावा ट्रैफिक की बड़ी समस्या हो रही थी. किसानों के आंदोलन की वजह से यह रास्ता बंद था जो गुरुवार को खोल दिया गया.

बुधवार को पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कई किसान नेताओं को हिरासत में ले लिया. जहां-तहां किसानों को भी हिरासत में लिया गया. 700 के करीब किसानों को पुलिस ने हिरासत में लिया है. इसके बाद बॉर्डर को खाली कराया गया. वहां से किसानों के सामानों को हटाया गया. इस बीच पटियाला रेंज के डीआईजी मनदीप सिंधु का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि अगर किसान दोबारा आंदोलन के लिए बॉर्डर पर आते हैं तो पुलिस भी तैयार है. मनदीप सिंह ने यह भी कहा कि किसान आते हैं तो वे कौन से रिटायर्ड हुए हैं.

क्या कहा डीआईजी ने?

DIG मंदीप सिंधु ने कहा कि खनौरी बॉडर से किसानों को हटाने के बाद हरियाणा के लोग फोन पर बधाई देने रहे हैं. हरियाणा के किसानों का कहना है कि आपने किसानों को उठाकर अच्छा काम किया है.किसानों ने रास्ते बंद किए थे जिसके कारण आमजन को परेशानी उठानी पड़ रही थी. शंभू बॉडर एक तरफ से खोला गया है. रात के समय खनौरी बॉडर पर किसानों को उठाने का काम किया गया. पहले बॉडर पर 600 के करीब किसान थे. बाद में लगभग 400 किसानों को डिटेन किया गया है.

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किसानों के ट्रैक्टर ट्रॉलियो को एक सुरक्षित जगह पर छोड़ा गया है जिसे बाद में किसान अपने साधन के कागज और एक गवाह को लाकर गाड़ी ले जा सकते हैं. डीआईजी ने कहा कि बहुत शांतिपूर्ण ढंग से किसानों को उठाया गया है. किसानों ने भी पुलिस का सहयोग किया है.

हिरासत में कई किसान

बुधवार शाम चंडीगढ़ में केंद्र सरकार के साथ मीटिंग करके वापस आ रहे किसान नेताओं को पंजाब पुलिस ने मोहाली में हिरासत में ले लिया. इसके बाद भारी गिनती में खनौरी और शंभू मोर्चे पर पुलिस फोर्स की तैनाती की गई. बाद में सफाई अभियान शुरू कर दिया गया. यहां से किसानों की ट्रॉली को हटाया जा रहा है और झोपड़ी को तोड़कर सफाई की जा रही है. इसी के चलते आज पंजाब में अलग-अलग जगह पर किसानों द्वारा प्रदर्शन किए गए. संगरूर में भी भारतीय किसान यूनियन आजाद की ओर से डीसी दफ्तर संगरूर के बाहर जबरदस्त प्रदर्शन किया गया. भारी गिनती में पुलिस बल की तैनाती की गई.

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संगरूर में धारा 144

भारतीय किसान यूनियन एकता आजाद और किसान मजदूर मोर्चा के बड़े नेता जसविंदर सिंह को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया. इस संगठन के नेताओं ने बताया कि 28 के करीब किसान नेता मीटिंग से वापस लौट रहे थे जिसमें तमिलनाडु से भी किसान नेता शामिल थे, उनको पुलिस ने हिरासत में ले लिया. ज्यादातर किसान नेताओं ने भूख हड़ताल शुरू कर दी है. पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि डिप्टी कमिश्नर संगरूर के द्वारा संगरूर में दफा 144 लागू की गई है.

किसान नेता उग्राहां का बड़ा बयान

इस कार्रवाई पर भारतीय किसान यूनियन एकता उग्राहां के अध्यक्ष जोगेंद्र सिंह का बयान आया है. उन्होंने पंजाब सरकार कार्रवाई की कड़े शब्दों में निंदा की है. उन्होंने भारतीय किसान यूनियन एकता उग्राहां की तरफ से पूरे पंजाब में पंजाब सरकार के पुतले जलाने का ऐलान किया है. उन्होंने कहा है कि 26 मार्च को हर हालत में संयुक्त किसान मोर्चा चंडीगढ़ मार्च करेगा. आपको बता दें कि पिछले समय में संयुक्त किसान मोर्चा की मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ मीटिंग बीच में छूट गई थी. किसानों ने कहा था कि मुख्यमंत्री का व्यवहार उनके साथ अच्छा नहीं था. इसके बाद किसानों ने चंडीगढ़ कूच का ऐलान किया. बड़े किसान नेताओं को रात को घर से डिटेन कर लिया गया. जोगिंदर सिंह उग्राहां को भी मार्च वाले दिन रास्ते में से हिरासत में ले लिया गया. इसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा के बड़े नेताओं की मीटिंग हुई.

 

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