देश में खड़ा होगा पराली का बहुत बड़ा बाजार, नितिन गडकरी ने बताई पूरी प्लानिंग

देश में खड़ा होगा पराली का बहुत बड़ा बाजार, नितिन गडकरी ने बताई पूरी प्लानिंग

नितिन गडकरी कहते हैं कि पराली से बायो सीएनजी, बायो बिटुमेन और जैविक खाद जैसे प्रोडक्ट बनेंगे. इससे धीरे-धीरे पराली के दाम बढ़ेंगे और पराली के लिए अच्छा बाजार मिलेगा और पराली जलाने की समस्या भी हल हो जाएगी. जिस तरह से पराली के धुएं ने समस्या बढ़ाई है, उसे देखते हुए गडकरी का सुझाव इससे राहत दिलाने में मदद करेगा.

पराली के धुएं ने लोगों की समस्या बढ़ा दी हैपराली के धुएं ने लोगों की समस्या बढ़ा दी है
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Nov 14, 2023,
  • Updated Nov 14, 2023, 7:01 PM IST

आजकल पराली चर्चा में है. हालांकि चर्चा किसी अच्छाई के लिए नहीं है बल्कि पराली आज पर्यावरण का दुश्मन घोषित हो गई है. पराली यानी कि धान की कटनी के बाद बचा फसल अवशेष जिसे ठूंठ भी कहते हैं. उस पराली को खेत से साफ करना होता है ताकि नई फसल लगाई जा सके. अब इसे साफ करने का दो तरीका है. या तो उसे मशीन से बेलर या गांठ बनाकर हटा दें या फिर आग लगा दें. किसानों के लिए पराली में आग लगाना बहुत आसान काम है क्योंकि उन्हें बेलर मशीनें नहीं मिलतीं. यही वजह है कि पराली जलाने की घटनाएं बढ़ रही हैं. इस समस्या को रोकने के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक प्लानिंग दी है.

इस प्लानिंग के मुताबिक आने वाले समय में पराली को आग के हवाले करने की मजबूरी खत्म हो जाएगी और किसान इस पराली को बेचकर अच्छी कमाई कर सकेंगे. नितिन गडकरी ने कहा, 'पराली से बिटुमेन, बायो-सीएनजी, एलएनजी बनाई जा रही है. सीएनजी और एलएनजी के उत्पादन के लिए हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में 185 परियोजनाएं शुरू की गई हैं. इथेनॉल, बायो-बिटुमेन और पानीपत में एविएशन फ्यूल का उत्पादन हो रहा है. 

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नितिन गडकरी ने कहा, सरकार इसमें तेजी लाने की कोशिश कर रही है. धीरे-धीरे पराली के दाम बढ़ेंगे और पराली के लिए अच्छा बाजार मिलेगा और पराली जलाने की समस्या भी हल हो जाएगी...जब मैं पंजाब में था, मैंने उन्हें सुझाव दिया कि एक नीति बनाई जानी चाहिए और इसे (पराली को) कचरा से पैसा में बदलने के लिए किसानों को इसमें शामिल किया जाना चाहिए...''

पराली से बायो सीएनजी

पराली से बायो सीएनजी बनाने का काम पहले से जारी है और इससे किसानों को फायदा हो रहा है. बायो सीएनजी बनाने में पराली के साथ पुआल का भी इस्तेमाल होता है. इससे धान के अवशेष का निपटारा आसानी से होता है और पर्यावरण को भी कोई नुकसान नहीं होता. किसान अपनी पराली को बायो सीएनजी कंपनियों को बेचकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. हरियाणा में यह प्रोजेक्ट पहले से चल रहा है और इसे पंजाब में भी लाने पर विचार किया जा रहा है. 

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इसी पराली से जैविक खाद भी तैयार हो सकती है. पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना ने जैविक खाद (जैव-सीएनजी का एक प्रोडक्ट) को मंजूरी दे दी है जिससे केमिकल खादों और कीटनाशकों की मांग में कमी आएगी. पराली से अगर जैविक खाद बनाने का काम तेज हो जाए तो यह पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी यूपी में किसानों की आय बढ़ा सकती है. इससे रोजगार भी बढ़ेगा और सरकार को टैक्स के रूप में कमाई बढ़ सकती है.

बिटुमेन से बनेंगी सड़कें

नितिन गडकरी इसी कड़ी में पराली से बायो बिटुमेन बनाने की प्लानिंग भी दे चुके हैं. गडकरी के मुताबिक पराली से बिटुमेन बनाने की टेक्नोलॉजी जल्द आएगी जिसका इस्तेमाल सड़क बनाने में किया जाएगा. इसी आधार पर गडकरी देश के किसानों को अन्नदाता के साथ ही उर्जादाता भी बताते रहे हैं. पराली से बायो बिटुमेन बनाने के अलावा उससे इथेनॉल भी बनाया जाएगा. इथेनॉल बनाने का काम शुरू भी हो चुका है. दरअसल बिटुमेन एक तरह का तारकोल है जो कि एक तरल पदार्थ है और अब तक यह पेट्रोलियम पदार्थ से बनाया जाता रहा है. लेकिन अब इसे पराली से बनाया जाएगा. फिर उस बिटुमेन का उपयोग सड़क बनाने में किया जाएगा.

 

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