नेफेड का टूटा चावल निर्यात के लिए टेंडर रद्द नहीं होगा, ट्रेडर्स एसोसिएशन को लगा झटका, जानिए क्या है पूरा मामला 

नेफेड का टूटा चावल निर्यात के लिए टेंडर रद्द नहीं होगा, ट्रेडर्स एसोसिएशन को लगा झटका, जानिए क्या है पूरा मामला 

टूटे गैर बासमती चावल निर्यात के लिए नेफेड का टेंडर रद्द नहीं होगा. ट्रेडर्स एसोसिएशन ने टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं होने समेत कई आरोप लगाए थे और टेंडर रद्द करने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी.

नेफेड का चावल निर्यात के लिए टेंडर रद्द नहीं होगा. नेफेड का चावल निर्यात के लिए टेंडर रद्द नहीं होगा.
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Apr 09, 2024,
  • Updated Apr 09, 2024, 2:04 PM IST

टूटे गैर बासमती चावल निर्यात के लिए नेफेड का टेंडर रद्द नहीं होगा. इंडस्ट्री से जुड़े ट्रेडर्स ने टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं होने समेत कई आरोप लगाए थे और टेंडर रद्द करने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी. सुप्रीमकोर्ट ने नेफेड के पक्ष में फैसला देते हुए गैर बासमती सफेद चावल निर्यात के लिए NAFED टेंडर को बरकरार रखा है. 

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पश्चिम अफ्रीकी देश कोटे डी आइवर को 35,000 टन 25 फीसदी टूटे हुए गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात के लिए भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (NAFED) के टेंडर को मंजूरी दे दी है. इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार कोर्ट ने राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की अपील को खारिज कर दिया, जिसमें NAFED को अधिक पारदर्शिता के साथ एक नया टेंडर जारी करने का निर्देश देने की मांग की गई थी.

यह मामला इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय में था, जहां 28 फरवरी को कोर्ट ने एसोसिएशन की याचिका खारिज कर दी थी. कोर्ट ने NAFED के टेंडर को बरकरार रखते हुए कहा था कि यह एसोसिएशन या उसके सदस्यों न तो मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है और न ही मनमाना है. अब सुप्रीमकोर्ट ने भी राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की याचिका को खारिज करते हुए NAFED टेंडर को बरकरार रखा है. 

टेंडर निगरानी एजेंसी की नियुक्ति का विरोध 

एसोसिएशन सभी निर्यातकों को टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने और अर्हता का समान अवसर चाहता था. इसके अलावा टेंडर प्रक्रिया की निगरानी के लिए एजेंसी के रूप में भारतीय चावल निर्यातक संघ (IREF) की नियुक्ति का विरोध करते हुए एसोसिएशन ने आईआरईएफ की नियुक्ति में मिलीभगत का आरोप भी लगाया था. कहा कि स्पष्ट रूप से यह मनमाना था और पूरी टेंडर प्रक्रिया पर संदेह पैदा करता है.

टेंडर में गड़बड़ी के लगाए थे आरोप 

याचिका में कहा गया कि केवल NAFED के साथ लिस्टेड ट्रेडर्स और IREF के मेंबर्स को टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्राथमिकता दी गई है. कहा गया है कि टेंडर डॉक्यूमेंट में पात्रता मानदंड गैर बासमती सफेद चावल के निर्यातकों के एक वर्ग के हितों को ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं और याचिकाकर्ता-एसोसिएशन के सदस्यों को इससे बाहर रखा गया है. कहा गया कि NAFED याचिकाकर्ता-एसोसिएशन के सदस्यों की पूरी तरह से उपेक्षा करके IREF के हितों को आगे बढ़ाने के लिए मनमाने ढंग से कार्य कर रहा है. इसलिए टेंडर को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाना चाहिए.

ये भी पढ़ें - 

MORE NEWS

Read more!