सैंडल सोप बढ़ाएगा किसानों की आमदनी, कर्नाटक सरकार ने तैयार की पूरी प्लानिंग

सैंडल सोप बढ़ाएगा किसानों की आमदनी, कर्नाटक सरकार ने तैयार की पूरी प्लानिंग

कई साल से मैसूर सैंडल सोप गुमनामी में है. लेकिन अब इस साबुन के दिन फिरते हुए दिख रहे हैं क्योंकि सरकार इस पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है. अगर इस साबुन का बिजनेस बढ़ता है तो इससे न केवल कर्नाटक सरकार को फायदा होगा बल्कि किसान भी लाभान्वित होंगे.

मैसूर सैंडल शॉप से किसानों को होगा फायदा (फोटो साभार-Freepik)मैसूर सैंडल शॉप से किसानों को होगा फायदा (फोटो साभार-Freepik)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jul 05, 2023,
  • Updated Jul 05, 2023, 4:22 PM IST

अगर आप मैसूर सैंडल साबुन के शौकीन हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है. आने वाले दिनों में यह साबुन आपको हर दुकान पर मिलेगा. अभी चुनिंदा जगहों पर या बड़े स्टोर में ही यह साबुन मिला करता है. मैसूल सैंडल साबुन कर्नाटक का खास प्रोडक्ट है जिसकी देश-दुनिया में खास पहचान है. इस साबुन को देश के अलग-अलग हिस्सों में पहुंचाने के लिए कर्नाटक सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है. कर्नाटक के उद्योग मंत्री एमबी पाटिल ने कहा है कि उनका विभाग उस प्रक्रिया पर जोर देगा जिससे मैसूर का सैंडल साबुन देश के अलग-अलग हिस्सों में अपनी पहुंच बढ़ा सके. अगर ऐसा होता है तो इससे चंदन की बुआई करने वाले किसानों के साथ चंदन का बिजनेस बढ़ेगा और रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे.

मैसूर सैंडल साबुन का बिजनेस कैसे बढ़े, इसके लिए एमबी पाटिल ने इंडस्ट्री के एक्सपर्ट से फीडबैक मांगा है. इसके लिए एक ईमेल आईडी दी गई है जहां एक्सपर्ट अपने विचार और सुझाव दे सकते हैं. उद्योग मंत्री ने कहा कि उनका विभाग इस साबुन का बाजार देश और दुनिया दोनों जगह बढ़ाना चाहता है. 

क्या कहना है कर्नाटक सरकार का

एमबी पाटिल कहते हैं, कुछ अन्य निजी साबुन ब्रांडों की तुलना में कर्नाटक सरकार के मालिकाना वाले उद्योग केएसडीएल के बनाए मैसूर सैंडल प्रोडक्ट की पहुंच बहुत पीछे है. यहां तक कि निर्यात से होने वाली कमाई भी बहुत कम है और कुल इनकम का केवल तीन परसेंट है. उन्होंने कहा कि ब्रांड केवल दक्षिण भारत तक ही सीमित है और यहां तक कि अपने गृह राज्य में भी यह बाजार में बहुत आगे नहीं है.

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मंत्री एमबी पाटिल कहते हैं कि उनका विभाग मैसूर सैंडल साबुन को बहुत आगे देखना चाहता है जैसा कि श्री नलवाडी कृष्णराज वाडियार ने कल्पना की थी. वाडियार ने ही बेंगलुरु में सरकारी साबुन फैक्ट्री की स्थापना की थी. उस समय इस साबुन को पूरे देश में पहुंचाने का प्लान था, लेकिन बाद में इसका दायरा दक्षिण भारत तक सिमट कर रह गया.

किसानों के लिए खास है साबुन

अब इस साबुन के दिन फिरते हुए दिख रहे हैं क्योंकि सरकार इस पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है. अगर इस साबुन का बिजनेस बढ़ता है तो इससे न केवल कर्नाटक सरकार को फायदा होगा बल्कि किसान भी लाभान्वित होंगे. सैंडल साबुन बनाने वाली कंपनी केएसडीएल चंदन की सप्लाई के लिए किसानों पर निर्भर करती है. तभी यह कंपनी किसानों के लिए 'ग्रो मोर सैंडलवुड' कार्यक्रम चलाती है जिसमें किसानों को अधिक से अधिक चंदन उगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है. 'ग्रो मोर सैंडलवुड' ऐसा कार्यक्रम है जिसमें किसानों से चंदन खरीदने की गारंटी दी जाती है. यानी जिस किसान के साथ चंदन का करार होगा, उससे केएसडीएल जरूर चंदन खरीदेगी. इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी.

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चंदन साबुन ऐसा प्रोडक्ट है जिससे केवल चंदन के किसानों को ही फायदा नहीं होता बल्कि पाम, गुलाब, जीरियम, नारंगी आदि की खेती करने वाले किसानों को भी लाभ है. इन सभी प्रोडक्ट से बने तेल का इस्तेमाल चंदन साबुन में किया जाता है.

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