गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर पिछले कुछ दिनों से अप्रत्याशित भीड़ देखने को मिल रही है. त्योहारी सीजन में चलने वाली कुछ स्पेशल ट्रेनें अब कुछ हद तक सीमित कर दी गई हैं. बावजूद इसके गोरखपुर जंक्शन पर बड़ी संख्या में यात्रियों की भीड़ देखने को मिल रही है. इस अप्रत्याशित भीड़ से जहां रेलवे अधिकारियों के होश उड़े हुए हैं वहीं रेलवे द्वारा की गई पूर्व की सारी व्यवस्थाएं भी ध्वस्त होती दिख रही हैं. त्योहारी सीजन खत्म हो चुका है और वेडिंग सीजन चल रहा है. जिसकी वजह से यात्रियों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है. पिछले कुछ दिनों की बात करें तो रेलवे ने unreserved ticket यानी की जनरल टिकट से ही लगभग 75 लाख से अधिक का राजस्व अर्जित कर लिया है. सामान्य दिनों की तुलना में यह बिक्री दोगुना तक है. जिससे स्टेशन पर होने वाली भीड़ का अंदाज़ा लगाया जा सकता है.
पूर्वोत्तर रेलवे कार्यालय ने स्वीकार किया है कि इतनी संख्या में टिकट बिक्री की सूचना मिली है. हालांकि फेस्टिव सीजन और अभी का डेटा निकाला जा रहा है. फिलहाल अभी रेलवे स्टेशन पर बड़ी संख्या में भीड़ देखने को मिल रही है. दिवाली और छठ समाप्त हो चुके हैं. लोग त्योहार मनाकर वापस अपने कामों के लिए महानगरों का रुख़ कर चुके होंगे. लेकिन स्टेशन पर अभी भी ज़बरदस्त भीड़ देखने को मिल रही है. बीते मंगलवार को स्टेशन के अंदर और बाहर भारी भीड़ थी, भीड़ को देखते हुए टिकट खिड़की पर अतिरिक्त बुकिंग क्लर्क भी लगाए गए थे. 24 घंटे में रिकॉर्ड 28,000 टिकटों की बिक्री हुई. बावजूद इसके रेलवे यात्रियों को सुविधा देने में असमर्थ दिखा.
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गोरखपुर से दिल्ली और मुंबई की तरफ जाने वाली ट्रेनों में नजारा यह है कि आपको पैर रखने तक की जगह नहीं मिलेगी. जनरल कोच में तो हालात और बदतर है. यात्री गेट और शौचालय में घुसकर यात्रा करने को मजबूर हैं. जबकि भीड़ से ही बचने के लिये रेलवे प्रशासन ने कई स्पेशल ट्रेनें चला रखी थीं. लेकिन सारी व्यवस्था चरमरा सी गई. गोरखपुर-दादर, गोरखपुर-नई दिल्ली, गोरखपुर-बांद्रा सहित तमाम ट्रेन में ज़बरदस्त भीड़ देखने को मिल रही है.
इस मामले में पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि स्टेशन पर यात्रियों की संख्या बढ़ी है. गोरखपुर महत्वपूर्ण स्टेशन है. यहां से सभी जगहों के लिए ट्रेनें चलती हैं. रेलवे सुगम यात्रा के लिए व्यवस्था भी उपलब्ध करा रहा है. पांच दिसंबर के डेटा की बात करें तो कुल 28 हज़ार की संख्या में अनारक्षित श्रेणी के टिकट बिक गए. इससे रेलवे को 76 लाख के क़रीब के राजस्व का लाभ हुआ. वहीं लॉन्ग रूट पर चलने वाली ज़्यादा ट्रेनों में जनरल कोच की संख्या अधिक लगती है. सिंह ने कहा कि अप्रत्याशित भीड़ के लिए रेलवे प्रशासन पूरी तरीक़े से मुस्तैद है. (
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