बचपन से लेकर अब तक हम सुनते और पढ़ते आए हैं कि दूध हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है. बच्चों के विकास के लिए दूध विशेष रूप से महत्वपूर्ण है. इसलिए बढ़ते उम्र के बच्चों को खासतौर पर दूध पिलाया जाता है. लेकिन पिछले कुछ दिनों से यह धरनाएं बदलती नजर आ रही है. जी हां, दूध के भी साइड इफेक्ट होते हैं. एक अध्ययन के अनुसार, जो महिलाएं प्रतिदिन तीन या अधिक गिलास दूध पीती हैं, उन्हें कई तरह के रोगों का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में आइए जानते हैं क्या हैं दूध के साइड इफेक्ट.
अमेरिकन नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार, 65 प्रतिशत बुजुर्गों में किसी न किसी रूप में लैक्टोज से एलर्जी की समस्या होती है. मतली यानी उल्टी सबसे बड़े लक्षणों में से एक है. कुछ मामलों में, दूध, आइसक्रीम और पनीर सहित लैक्टोज युक्त किसी भी प्रकार की डेयरी का सेवन करने के बाद उल्टी हो सकती है.
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यह एक ऐसा लक्षण है जो न केवल लैक्टोज असहिष्णु (lactose intolerance) लोगों में बल्कि अन्य लोगों में भी देखा जा सकता है. जिस वजह से लोगों को काफी परेशानी होती है. बहुत अधिक दूध पीने से सूजन, ऐंठन और दस्त जैसी पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. यदि आपका शरीर लैक्टोज को सही तरीके से पचाने में सक्षम नहीं है तो यह पाचन क्रिया को खराब कर सकता है.
उच्च फैट वाले डेयरी उत्पादों के अत्यधिक सेवन से आपका वजन बढ़ सकता है. शोध से पता चलता है कि स्वस्थ आहार के हिस्से के रूप में हर दिन पर्याप्त दूध, दही और पनीर का सेवन आपके वजन को बढ़ा सकता है. इसलिए यह जरूरी है कि आप आपजरूरत के हिसाब से ही डेयरी प्रॉडक्ट का सेवन करें. यही कारण है की फुल फैट वाली गाय के दूध का सेवन करना बेहतर माना जाता है. जिसमें आमतौर पर हार्मोन का कोई इंजेक्शन नहीं होता है.
शोध से पता चलता है कि नौ साल से अधिक उम्र के लोग हर दिन तीन कप दूध पी सकते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि दूध और अन्य डेयरी उत्पाद कैल्शियम, फास्फोरस, विटामिन ए, विटामिन डी, राइबोफ्लेविन, विटामिन बी 12, प्रोटीन, पोटेशियम, जस्ता, कोलीन, मैग्नीशियम और सेलेनियम का अच्छा स्रोत है.